अनुराधा कपूर
5 reasons why it is difficult to get pregnant: आज की व्यस्त जीवनशैली, तनाव और विभिन्न बायोलॉजिकल कारणों की वजह से महिलाओं को आसानी से गर्भधारण करने में समस्या हो रही है। आइए जानते हैं उन फैक्टर्स के बारे में जो गर्भधारण में बाधा बन रही हैं:
बांझपन की परिभाषा
एक साल तक लगातार बिना कंडोम या किसी अन्य गर्भनिरोधक के शारीरिक संबंध बनाने के बावजूद अगर 35 वर्ष से कम उम्र की महिला गर्भवती नहीं होती है, तो उसे बांझपन की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं अगर 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिला छह माह तक बिना सुरक्षा के संबंध बनाती है और गर्भधारण नहीं करती है, तब उसे भी बांझपन का शिकार माना जाता है।
10 से 15 प्रतिशत कपल इस समस्या से प्रभावित हैं। आम तौर पर 50 प्रतिशत कपल तीन माह अनप्रोटेक्टेड संबंध बनाने और 80 से 85 प्रतिशत पहले एक वर्ष असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद माता-पिता बन जाते हैं। बांझपन के लगभग एक तिहाई मामले पुरुषों से संबंधित हैं। इतना ही मामले महिलाओं से भी जुड़े हैं। शेष मामलों में बांझपन के अस्पष्ट कारण होते हैं।
वजन संबंधी समस्याएं: महिला का वजन गर्भधारण को अवरुद्ध करने के सबसे सामान्य कारणों में से एक होता है। चाहे आपका वजन कम हो या अधिक वजन, दोनों ही आपकी गर्भधारण क्षमता और मासिक धर्म चक्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
वजन को संतुलित रखने का यही तरीका है कि नियमित रूप से योग करें और टहलें। साथ ही जितना हो सके हेल्दी डाइट लेने की कोशिश करें। गर्भवती होने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल और मेवे जरूर खाने चाहिए।
तनाव से रहे दूर: तनाव, चिंता और अवसाद आपकी प्रजनन क्षमता और मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करते हैं। तनाव से पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या कम होती है। तनाव को दूर करने के लिए मेडिटेशन करें। चिंता मुक्त सुखी जीवन जीने का प्रयास करें।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): वर्तमान में महिलाओं को गर्भधारण करने में मुश्किल की सबसे बड़ी वजह PCOS है। इस स्थिति में ओव्यूलेशन (हर महीने ओवरी से नॉर्मल अंडा निकलना) नहीं होता है। हर माह ओवरी से नॉर्मल अंडा निकले, इसके लिए खान-पान को दुरुस्त रखना जरूरी होता है। ओव्यूलेशन अन्य हार्मोनल विकारों, तनाव, मोटापा, मधुमेह, थायरॉयड और हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया से भी प्रभावित हो सकता है। बांझपन वाले 15 प्रतिशत कपल में ओवुलेटरी डिसऑर्डर पाया जाता है।
बढ़ती उम्र के साथ खत्म होते जाते हैं अंडे: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, महिलाओं के शरीर में बनने वाले अंडों की गुणवत्ता और मात्रा कम होती जाती है। जन्म के समय, आपके पास लगभग 20 लाख अंडे होते हैं, युवावस्था तक पहुंचते-पहुंचते स्वाभाविक रूप से सैकड़ों हजारों अंडे नष्ट हो जाते हैं। 37 साल की उम्र के आसपास महिलाओं के अंडे खोने की दर तेज हो जाती है। समय के साथ अंडाशय में संग्रहीत अंडों की गुणवत्ता में भी गिरावट आती है। हालांकि अब एग-फ्रीजिंग का विकल्प उपलब्ध है।
पुरुषों में बांझपन के कारण: पुरुष के शुक्राणुओं की खराब गुणवत्ता और मात्रा या कम गतिशीलता महिलाओं को गर्भवती होने से रोक सकती है। शराब, धूम्रपान, नशीली दवाओं, तनाव का शुक्राणुओं के प्रोडक्टिविटी पर खराब असर पड़ता है। पुरुष में बांझपन कई कारणों से हो सकते हैं जिनमें, मधुमेह, यौन संचारित रोग के अलावा अस्वास्थ्यकर आदतें शामिल हैं। इसलिए पुरुष पार्टनर को एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखनी चाहिए। पुरुष पार्टनर अपने स्पर्म काउंट की जांच के लिए डॉक्टर के पास भी जा सकते हैं।