Appointment Letter Under Rozgar Mela: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त, 2023 को एक और रोजगार मेले को संबोधित किया। 22 अक्टूबर, 2022 को उन्होंने पहली बार इस मेले को संबोधित किया था। तब दिसंबर, 2023 तक दस लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था। 28 अगस्त, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 51 हजार से अधिक ‘नवनियुक्तों’ को ज्वाइनिंग लेटर बांटा गया। इस तरह दस महीने में कुल पांच लाख से ज्यादा लोगों को नियुक्त पत्र दिए गए। लेकिन, यह संख्या विवादों में है। साथ ही, नौकरी बांटने का यह तरीका भी विरोधियों के निशाने पर है।
संख्या पर विवाद: सभी को नहीं मिली नई नौकरी?
पिछले दिनों RTI (Right To Information) के हवाले से अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने बताया था कि रोजगार मेला कार्यक्रमों में नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी लोग नई नौकरी हासिल करने वाले नहीं होते। सरकार प्रमोशन के जरिए जिन लोगों को ऊंचे पदों पर पर नियुक्त करती है, उन्हें भी रोजगार मेले में नियुक्ति पत्र बांटा जाता है। नौकरी के आंकड़े में इनका डेटा में शामिल किया जाता है। अखबार ने अप्रैल में नियुक्त किए गए और प्रमोशन पाए लोगों को रोजगार मेले में नियुक्ति पत्र बांटे जाने के उदाहरण बताते हुए यह जानकारी दी थी।
बता दें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संबोधित रोजगार मेला कार्यक्रमों में सरकारी विभागों और स्वायत्त निकायों (Autonomous Bodies) की नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरित किए जाते हैं। सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में इस बारे में जो जानकारी दी जाती है उससे यही लगता है कि सारी नियुक्तियां नई हैं। 28 अगस्त, 2023 को सरकारी चैनल ‘आकाशवाणी’ की वेबसाइट ने जो खबर दी उसका शीर्षक लगाया- प्रधानमंत्री ने 51 हजार से अधिक नव नियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का टेक्स्ट जारी करते हुए सरकार द्वारा संचालित PIB ने भी लिखा, “सरकारी विभागों में नवनियुक्त भर्तियों को 51000+ नियुक्ति पत्रों के वितरण पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ”।
ऐसा पहली बार नहीं लिखा गया है। रोजगार मेलों के प्रत्येक संस्करण पर जारी मीडिया विज्ञप्ति में अप्वाइंटमेंट लेटर पाने वालों को नव नियुक्त व्यक्ति के रूप में ही संदर्भित किया गया है। ‘टेलीग्राफ’ अखबार ने अप्रैल में आयोजित जिस रोजगार मेले से जुड़ी जानकारी आरटीआई के हवाले से दी थी, उसकी खबर भी पीआईबी ने इसी तरह दी थी, जिससे लगता था कि सारे नियुक्ति पत्र नई नौकरी पाने वाले युवाओं को ही बांटे गए हैं।
रोजगार मेला | तारीख | नियुक्ति पत्र पाने वालों की संख्या |
पहला | 22 अक्टूबर, 2022 | 75000 से ज्यादा |
दूसरा | 22 नवंबर, 2022 | 71000 से ज्यादा |
तीसरा | 20 जनवरी, 2023 | 71000 से ज्यादा |
चौथ | 13 अप्रैल, 2023 | 71000 से ज्यादा |
पांचवां | 16 मई, 2023 | 70000 से ज्यादा |
छठा | 13 जून, 2023 | 70000 से ज्यादा |
सातवां | 22 जुलाई 2023 | 70000 से ज्यादा |
आठवां | 28 अगस्त, 2023 | 51000 से ज्यादा |
प्रचार का पूरा प्रोटोकॉल
28 अगस्तर, 2023 के रोजगार मेले को प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। देश भर में 45 जगह यह मेला लगा था। अमूमन हर बार लगभग इतनी ही जगहों पर यह लगता है। इसके लिए कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इसके आयोजन का एक प्रोटोकॉल तय कर रखा है। ‘टेलीग्राफ’ अखबार ने 13 अप्रैल को आयोजित रोजगार मेले से जुड़े प्रोटोकॉल का विवरण भी छापा है। इसके मुताबिक मेले के लिए आमंत्रित सभी लोगों और अभ्यर्थियों को प्रधानमंत्री के भाषण से डेढ़ घंटे पहले (नौ बजे) ही तय जगह पर पहुंच जाना था। तय स्थानों पर बड़ी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री के भाषण का लाइव प्रसारण किया जाना था।
स्थानीय स्तर पर पौने दस बजे से कार्यक्रम शुरू हो सकता था। प्रधानमंत्री के जुड़ने तक केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं के बारे में स्क्रीन पर जानकारी देना था। स्थानीय स्तर पर कम से कम 25 उम्मीदवारों को गणमान्य अतिथि के हाथों निजी तौर पर नियुक्ति पत्र दिया जाना था। इनकी फोटोग्राफी और कुछ अभ्यर्थियों की साउंड बाइट भी लेने के लिए कहा गया था। कार्यक्रम स्थल पर सेल्फी प्वाइंट भी होना चाहिए, जहां अभ्यर्थी नाम और पद के साथ सेल्फी ले सकें।
प्रोटोकॉल में यह भी कहा गया था कि कार्यक्रम के बाद इसके प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय दूरदर्शन केंद्र, आकाशवाणी (एआईआर) और पीआईबी के साथ तालमेल रखें।
आंकड़ों का खेल!
द टेलीग्राफ ने RTI दायर कर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से अक्टूबर 2022 से अब तक जितने भी रोजगार मेलों का आयोजन हुआ है, उसके प्रत्येक संस्करण में हुई नई नियुक्तियों और पदोन्नति के तहत हुई नियुक्तियों का डेटा मांगा। कुछ केंद्रीय शिक्षा संस्थानों ने नई नियुक्तियों और पदोन्नति पर अलग-अलग डेटा प्रदान किया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER), मोहाली ने जो आंकड़े दिए उसके मुताबिक, इस साल अप्रैल में संस्थान ने 15 नई नियुक्तियां कीं और 21 प्रमोशन को मंजूरी दी। इन सभी को रोजगार मेला के दौरान नियुक्ति पत्र दिया गया था।
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी ने अप्रैल में अपने जवाब में कहा था कि रोजगार मेला के दौरान 38 लोगों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। इन 38 में से 18 का प्रमोशन हुआ था। नई नियुक्ति 20 लोगों की हुई थी।
रोजगार मेले में चंद्रयान, यूपी, अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के 8वें संस्करण में नौकरी पर कम और दूसरे मुद्दों पर ज्यादा बोला। PIB के यूट्यूब चैनल पर कार्यक्रम का 40 मिनट 41 सेकंड का वीडियो उपलब्ध है। केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने करीब 7 मिनट तक बोला, इसके बाद कुछ मिनट सरकारी कार्यक्रमों का मोन्टाज (इसमें भी प्रधानमंत्री मोदी ही थे) चला। फिर पूरे समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन चला।
पीएम मोदी ने शुरुआत के दो मिनट के बाद ही चंद्रयान पर बोलना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने सुरक्षाबलों और पुलिस सेवा की नौकरी पर कुछ देर बोला। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर काफी देर तक भाषण दिया। फिर देश को टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल कराने का भरोसा दिलाया।
पीएम ने इसके अलावा फार्मा इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म, जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्वनिधी योजना, आदि पर भी बात की। उन्होंने अपनी बात यह कहते हुए खत्म की, “देश 2047 में जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब आप सरकार में बहुत उच्च पद पर पहुंचे होंगे। ये 25 साल देश के और ये 25 साल आपकी जिंदगी के कितना अद्भुत संयोग है, अब मौका आपको नहीं गंवाना है। अपनी पूरी शक्ति, सामर्थ्य, जितना उसका विकास कर सकते हैं करिए, जितना ज्यादा समर्पण कर सकते हैं करिए। जितना ज्यादा जन सामान्य के जीवन के लिए अपने जीवन को खपा दें, आप देखिए जीवन में अद्भुत संतोष मिलेगा, एक अद्भुत आनंद मिलेगा। और आपके व्यक्तिगत जीवन की सफलता आपको संतोष देगी।”
विपक्ष ने रोजगार मेला को बताया PR स्टंट
विपक्ष रोजगार मेले पर सवाल उठाता रहा है। आठवें रोजगार मेले के आयोजन पर कांग्रेस ने इसे PR (Public Relations) स्टंट बताया। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा है, “बेरोजगारी पर 9 साल तक चुप्पी साधने के बाद अब PM मोदी चुनावी साल में ‘रोजगार मेला’ लेकर आए हैं। 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था और कुछ हजार नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं। ये सारा PR स्टंट बिगड़ चुकी छवि को सुधारने के लिए किया जा रहा है। ये बात हर कोई जानता है।”
सरकार ने पेश किया रोजगार का आंकड़ा
8वें रोजगार मेले की शुरुआत करते हुए मंत्री जितेंद्र सिंह ने रोजगार का आंकड़ा भी पेश किया। सिंह ने यूपीए के नौ साल (2004 से 2013) की तुलना एनडीए के नौ साल (2014 से 2023) से की।
बोर्ड/आयोग | UPA (2004 से 2013) | NDA (2014 से 2023) |
SSC | 2 लाख+ | 4 लाख+ |
RRB | 3 लाख 47 हजार+ | 4 लाख 30 हजार+ |
UPSC | 45431 | 50906 |
केंद्रीय सचिवालय सेवा | UPA (2004 से 2013) | NDA (2014 से 2023) |
ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल पर | 40 | 107 |
डायरेक्टर लेवल पर | 349 | 791 |
एएसओ लेवल पर | 3119 | 4461 |
जितेंद्र सिंह के मुताबिक, UPA ने पहले नौ साल में 6 लाख और NDA ने 9 लाख नौकरियां दीं।