भारत ने खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी। इंटरपोल ने अपील को ठुकरा दिया है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मुताबिक, भारतीय अधिकारी कनाडा स्थित सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक पन्नू के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं पेश कर पाए।  

सूत्रों के मुताबिक, इंटरपोल ने पन्नू को एक हाई-प्रोफाइल सिख अलगाववादी माना है। उसके संगठन (सिख फॉर जस्टिस) को स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करने वाला माना है। लेकिन इंटरपोल के नियम अनुसार इन वजहों से रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। इंटरपोल के लिए पन्नू की गतिविधियों का एक राजनीतिक मकसद है। भारत इस कोशिश में पहले भी एक बार असफल हो चुका है।

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क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस?

रेड कॉर्नर नोटिस को रेड नोटिस या RN भी कहा जाता है। कानून से बचने के लिए कई अपराधी या संदिग्ध दूसरे देशों में भाग जाते हैं। RN अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित भगोड़ों को लेकर दुनिया भर की पुलिस को सचेत करता है। RN दुनिया से एक तरह का अनुरोध है ताकि  प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण, या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई से भाग रहे व्यक्ति का पता लगाया जा सके और अस्थायी रूप से गिरफ्तार किया जा सके।

RN वॉन्टेड की पहचान की पुष्टि करने में भी मदद करता है क्योंकि उसमें  नाम, जन्म तिथि, राष्ट्रीयता, बालों और आंखों के रंग का ब्योरा होता था। साथ ही फोटो और बायोमेट्रिक डेटा जैसे कि उंगलियों के निशान, आदि भी उपलब्ध होते हैं।


एक सदस्य देश के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है। नोटिस जारी करने वाला देश भगोड़े का अपना देश हो, ये आवश्यक नहीं है। इंटरपोल उस देश के अनुरोध पर कार्य करता है जहां कथित अपराध हुआ होता है।

ज्यादातर RN सार्वजनिक नहीं किया जाता। उनका उपयोग केवल कानून प्रवर्तन तक ही सीमित होता है। ऐसे मामलों में जहां किसी व्यक्ति का पता लगाने के लिए जनता की मदद की आवश्यकता होती है, या यदि वे व्यक्ति सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, तब इंटरपोल अपनी वेबसाइट पर RN को सार्वजनिक करता है।

पन्नू के खिलाफ RN क्यों चाहता है भारत?

अमृतसर के खानकोट में पैदा हुए गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक ही मकसद है, पंजाब को भारत से अलग एक संप्रभु राष्ट्र बनाना, जिसका नाम खालिस्तान होगा। संगठन कश्मीरी अलगाववादियों की भी वकालत कर चुका है।

साल 2019 में केंद्र सरकार ने पंजाब की आजादी के लिए प्रयासरत पन्नू के संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। SFJ पर UAPA के तहत प्रतिबंध लगाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा था कि संगठन पंजाब में अलगाववादी और उग्रवादी विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है। विदेशी जमीन पर भारत के खिलाफ षडयंत्र कर रहा है।

साल 2021 NIA ने गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ FIR दर्ज किया था। अगर इंटरपोल अमेरिकी नागरिक पन्नू के खिलाफ आरएन जारी कर देता, तो उसे भारत ले आना थोड़ा आसान हो जाता। हालांकि आरएन वारंट नहीं होता, जिससे कि किसी की गिरफ्तारी हो सके।