बच्चों में बार-बार बुखार आना चिंता का विषय है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। शरीर का तापमान 100.4 डिग्री से ऊपर होने पर बुखार देखा जाता है, लेकिन अगर एक ही तरह का बुखार बार-बार हो तो यह चिंता का विषय हो सकता है। यह किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। शोध के अनुसार शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है। 100.4 डिग्री से ऊपर के तापमान को बुखार माना जाता है।

नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि मौसम तेजी से बदल रहा है। सुबह और रात में मौसम में ठंडक बनी हुई है। बदलते मौसम में खान-पान की गलत आदतों के कारण बच्चे उल्टी-दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज सर्दी, फ्लू, बुखार और उल्टी से पीड़ित हैं। कई मरीज वायरल, गले के इंफेक्शन और पेट दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं।

फेलिक्स अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता बताते हैं कि ज्यादा गर्म चीजें खाने और बदलते मौसम के कारण लोगों को अपच, गैस, पित्त का बढ़ना, पेट में इंफेक्शन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस मौसम में ज्यादातर लोगों के पेट में गर्मी रहती है। इसके मुख्य लक्षण उल्टी, मतली, सिरदर्द और अपच हैं। इस मौसम में हल्का और सादा भोजन करें। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं, दोपहर में लस्सी या दही खाएं। सही समय पर नाश्ता करें, अधिक भोजन न करें और खाली पेट न रहें। दिन भर में खूब पानी पीते रहें।

बार-बार होने वाले बुखार को एपिसोडिक फीवर कहते हैं। यानी लगातार बुखार रहना। बार-बार बुखार आने की यह समस्या ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में देखी जाती है। लगातार बुखार के अन्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं।

बच्चों को बार-बार बुखार क्यों आता है?

शरीर का तापमान दिन के दौरान या खेलकूद के बाद थोड़ा बढ़ सकता है, और सामान्य तापमान से केवल कुछ डिग्री ऊपर बढ़ सकता है। लेकिन बार-बार होने वाला बुखार वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण या आवधिक बुखार सिंड्रोम के कारण हो सकता है। ये सिंड्रोम कभी-कभी आनुवंशिक दोष के कारण होते हैं। आवधिक बुखार सिंड्रोम बार-बार बुखार के दौरान शरीर के तापमान में वृद्धि का कारण बन सकता है। इसके होने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं जिन्हें आपको जानना जरूरी है।

  • विषाणुजनित संक्रमण (Viral infection)
  • जीवाणु संक्रमण (Bacterial infection)
  • टीकाकरण (Vaccination)

लगातार बुखार आने के मेडिकल कंडीशन

  • फैमिली मेडिटरेनियन फीवर (Familial Mediterranean fever)
  • ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर रिसेप्टर पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम (Tumor necrosis factor receptor periodic fever syndrome)
  • हाइपर इम्युनोग्लोबुलिन डी (hyper immunoglobulin d)
  • न्यू नेटल ऑन सेट मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी डिजीज (New Natal On Set Multisystem Inflammatory Disease)
  • मक्कल वेल सिंड्रोम (Muckel well syndrome)
  • एफथोउस स्टोमेटाइटिस (Aphthous stomatitis)
  • फैरिंजाइटिस (Pharyngitis)

समय रहते लक्षणों को पहचानें

बार-बार बुखार आने से कमजोरी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि नीचे दिए गए लक्षणों को पहचान कर समय पर इलाज किया जाए।

  • तापमान -37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर
  • शरीर ठंडा लगता है लेकिन त्वचा गर्म महसूस होती है।
  • चिड़चिड़ापन और कुछ भी खाने में मन न लगना।
  • शरीर में थकान और ठंडक महसूस होना।
  • बच्चे को तेज बुखार हो तो वह जोर-जोर से रोता है।
  • बार-बार कान खिंचने जैसा महसूस होना।

यह लक्षण दिखने पर हो जाए सावधान

  • सर्दी, ज़ुकाम, बुखार
  • उल्टी और घबराहट
  • गले में जलन और पेट फूलना
  • मुंह में खट्टा पानी आना
  • खाना खाने के बाद खट्टी डकार
  • सांस लेने में दिक्कत
  • छाती में जलन महसूस होना
  • सिर में दर्द
  • पेट में गैस कब्ज़ होना

इस बुखार को कैसे कम करें?

बार-बार होने वाले बुखार का भी सामान्य बुखार की तरह ही इलाज किया जाता है। बार-बार होने वाले बुखार का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है।

  • बुखार में खूब पानी पीना फायदेमंद हो सकता है।
  • अगर बच्चे को बुखार है, तो उसके सांस लेने के पैटर्न पर नजर रखना जरूरी है।
  • अगर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो और 5 दिन से बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
  • बुखार कब और कितनी देर तक रहता है, इस पर ध्यान देना जरूरी है।
  • बार-बार बुखार आना किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। इसलिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

इस तरह बरतें सावधानी

  • पानी उबालकर गुनगुना पीयें
  • घर एवं आसपास साफ़-सफ़ाई रखें।
  • धूप से आकर एसी, कूलर न चलाएं
  • बच्चों को सुबह एवं रात की ठंड से बचाएं
  • ठंडा पानी व आइसक्रीम का प्रयोग करने से बचें
  • बाज़ार में बिक रहे कटे हुए फल व खाद्य सामग्री से परहेज़ करें

बार-बार होने वाले बुखार से बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी मजबूत नहीं होती है, इसलिए बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता आपको किसी भी बड़ी बीमारी से बचा सकती है। अगर आपको भी बच्चे या किसी अन्य सदस्य में बार-बार बुखार के लक्षण नजर आते हैं तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।