बॉलीवुड की बेहतरीन और दिग्गज एक्ट्रेस में से एक जीनत अमान ने 70-80 के दशक में न सिर्फ स्क्रीन पर राज किया, बल्कि लाखों लोगों के दिलों में भी अपनी एक खास जगह बनाई। उस समय एक्ट्रेस की खूबसूरती और बोल्डनेस के किस्से बॉलीवुड गलियारों में सुर्खियों का हिस्सा बने रहते थे। एक्ट्रेस अपनी पर्सनल लाइफ के साथ-साथ प्रोफेशनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में बनी रही हैं। अब वह भले ही पर्दे से दूर हो, लेकिन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और वहां अपनी मूवीज से जुड़े दिलचस्प किस्से फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं।
अब जीनत अमान ने 1973 में आई ‘यादों की बारात’ फिल्म के गाने ‘चुरा लिया है’ से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है। इस गाने में एक्ट्रेस ने व्हाइट कलर की ड्रेस पहनी थी और अब उन्होंने बताया है कि कैसे इस ड्रेस को पहनने के लिए उन्हें डायरेक्टर नासिर हुसैन से लड़ाई करनी पड़ी थी।
जीनत अमान ने शेयर किया किस्सा
एक्ट्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल इंस्टाग्राम पर सॉन्ग का एक वीडियो शेयर किया और इसके साथ ही एक लंबा-चौड़ा नोट भी शेयर किया। एक्ट्रेस ने लिखा कि वाइन ग्लास की खनक, सेंसुअस लिरिक्स, आइवरी क्यूलॉट्स और ब्लैक चोकर, ‘चुरा लिया’ अनजाने में ही मेरे थीम सॉन्ग का हिस्सा बन गया। दुनिया में कहीं भी मैंने जिस भी इवेंट में हिस्सा लिया, उसमें एक या दो नौटंकी के लिए इस पर भरोसा किया गया है। मेरी एंट्री पर इस गाने की जानी-पहचानी रिफ बजाई गई या वीडियो से अपने मूव्स की नकल करने के लिए मेरे हाथों में गिटार थमा दिया गया है या फिर टेबल पर दो खाली वाइन ग्लास रखे हुए हैं, जिन्हें आपस में टकराया जाना है। आप मेरी बात समझ गए होंगे।
डायरेक्टर से की थी ड्रेस के लिए लड़ाई
‘यादों की बारात’ फिल्म में जीनत अमान के साथ धर्मेंद्र, नीतू सिंह और विजय अरोड़ा भी दिखाई दिए थे। एक्ट्रेस ने आगे शेयर किया कि सलीम-जावेद की शानदार जोड़ी ने इसे लिखा था और बेहतरीन नासिर हुसैन ने निर्देशित किया था। आप में से जिन्होंने सच में फिल्म देखी होगी, उन्होंने देखा होगा कि गाने से पहले के सीन में मैं एक टाइट गुलाबी सलवार कमीज पहनती हूं और फिर अचानक सफेद रंग की ड्रेस पहन लेती हूं, जिसने एक नया ट्रेंड सेट कर दिया।
मैं उस ड्रेस चेंज का श्रेय लेने में काफी खुश हूं, क्योंकि इसके लिए मुझे नासिर साहब से लड़ना पड़ा था। वह मुझे 60 के दशक की हीरोइनों की तरह पेश करना चाहते थे, जिनके चूड़ीदार-कुर्ता लुक में विंग्ड आईलाइनर और बुफ़ैंट ने उस समय की फैशनिस्टा को आकर्षित किया था। मैं पर्सनली उस ड्रेस में बहुत ही अजीब महसूस कर रही थी और अपनी खुद की कन्फोर्मिटी स्टाइल जैसा पहनना चाहती थी। सौभाग्य से मेरे निर्देशक सहमत थे और इसलिए आइवरी कुलोट्स और सेंटर पार्टिंग की अनुमति दी गई।
सबसे ज्यादा पसंद किए गए थे फिल्म के गाने
फिर जब फिल्म रिलीज हुई तो इस गाने ने अपनी अलग पहचान बना ली और मुझे लगता है कि मैं सुरक्षित रूप से कह सकती हूं कि इसने अब तक के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले हिंदी फिल्मी गानों की लिस्ट में अपनी जगह पक्की कर ली है। हालांकि, यह बहुत ज्यादा हैरान करने वाली बात नहीं होनी चाहिए। आखिरकार, फिल्म के संगीत निर्देशक महान आरडी बर्मन थे। वहीं, ‘चुरा लिया’ को गीतकार मजरूह सुल्तानी द्वारा लिखा गया था और इसे आशा भोसले और मोहम्मद रफी ने गाया था। मेरा मानना है कि आशा जी ने खुद इसे अपने पसंदीदा गानों में से एक चुना था।
जबरदस्त हिट फिल्मों में से एक थी ‘यादों की बारात’
‘यादों की बारात’ फिल्म को 2 नवंबर, 1973 में रिलीज किया गया था। इस फिल्म को बॉलीवुड की पहली मसाला फिल्म कहा जाता है। इस फिल्म ने हिंदी में इतनी सफलता हासिल की कि इसे बाद में तमिल, तेलुगु और मलयालम में भी बनाया गया।
क्या है फिल्म की कहानी?
नासिर हुसैन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में खोने-बिछड़ने वाला मशहूर प्लाट का बखूबी इस्तेमाल किया गया। फिल्म की कहानी की बात करें, तो इसमें देखने को मिलता है कि कैसे स्मग्ग्लर शाकाल जब तीन भाई शंकर (धर्मेन्द्र ), विजय (विजय अरोड़ा) और रतन (तारिक खान) के मां-बाप को गोली मार देता है, तो ये तीनों बचपन में ही अलग हो जाते हैं।
इसके बाद तीनों बच्चे अलग अलग हालातों में पलते-बढ़ते हैं, लेकिन तीनों का मकसद एक ही होता है और वो अपने माता-पिता के हत्यारे के बारे में जानने का। वहीं, अपने भाइयों की पहचान करने के लिए भी उनके पास सिर्फ एक ही क्लू है और वो है उनके माता-पिता का सिखाया हुआ सॉन्ग ‘यादों की बारात’। नासिर की इस मूवी में वो सब है, जो एक क्लासिक बॉलीवुड फिल्म में होना चाहिए। ये फिल्म काफी मजेदार है।