देश भर में इन दिनों हिजाब का मुद्दा गर्माया हुआ है। इस मुद्दे पर अभी तक जहां तमाम सेलिब्रिटी अपनी राय रख चुके हैं तो वहीं अब पूर्व अभिनेत्री रहीं जायरा वसीम ने हिजाब बैन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखा है। जायरा वसीम ने इसे भगवान के लिए एक दायित्व बताया है।
जायरा वसीम ने लिखा, “मैं, एक महिला के रूप में, जो कृतज्ञता और विनम्रता के साथ हिजाब पहनती है, इस पूरी व्यवस्था का विरोध करती हूं, जहां महिलाओं को केवल एक धार्मिक प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए रोका और परेशान किया जा रहा है।”
ज़ायरा वसीम ने साल 2019 में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी थी। फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का कारण भी जायरा वसीम ने इस्लाम ही बताया था। अब, दंगल अभिनेत्री धीरे-धीरे इंस्टाग्राम पर वापस आ रही है। फोटो-शेयरिंग ऐप पर हाल ही में एक पोस्ट में, ज़ायरा ने कर्नाटक हिजाब मामले के बारे में बात की। ज़ायरा ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट शेयर किया, जिसमें उन्होंने हिजाब पर प्रतिबंध और कर्नाटक में कई छात्रों के साथ होने वाले उत्पीड़न की आलोचना की।
ज़ायरा अपने नोट में लिखती हैं, “हिजाब को पसंद करने की विरासत में मिली धारणा एक गलत सूचना है। इससे अज्ञानता पनपती है। हिजाब इस्लाम में एक विकल्प नहीं बल्कि एक दायित्व और बाध्यता है। एक महिला हिजाब को ऐसे पहनती है कि कि जैसे हिजाब उसे भगवान द्वारा दिए गए एक दायित्व को पूरा कर रहा है जिसे वह प्यार करती है खुद को पूरी तरह से समर्पित कर देती है।”
वह आगे लिखती हैं, “मै, एक महिला के रूप में जो कृतज्ञता और विनम्रता के साथ हिजाब पहनती है, मैं इस पूरी व्यवस्था का विरोध करती हूं, और विरोध करती हूं जहां महिलाओं को केवल एक धार्मिक प्रतिबद्धता करने के लिए रोका और परेशान किया जा रहा है।”
जायरा वसीम ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा और हिजाब के बीच चयन करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा, “मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ ऐसी व्यवस्था स्थापित करना जहां उन्हें शिक्षा और हिजाब के बीच फैसला करना चाहिए या छोड़ देना ये साफ तौर पर अन्याय है। आप उन्हें एक बहुत विशिष्ट विकल्प बनाने के लिए मजबूर करने का प्रयास कर कर रहे हैं जो आपके एजेंडे को दिखाता है और फिर उनकी आलोचना करते हुए जब वे आपके द्वारा बनाई गई चीजों में कैद हैं। उन्हें अलग तरीके से चुनने के लिए मजूबर करने के लिए कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है। यह बायसनेस नहीं तो क्या है ?”
जायरा वसीम ने यह भी कहा कि यह दुखद है कि ये सब ‘सशक्तिकरण के नाम पर’ किया जा रहा है। “इन सबसे ऊपर, एक मुखौटा बनाना कि यह सब सशक्तिकरण के नाम पर किया जा रहा है, और भी बुरा है। दुख की बात है।”
बता दें कि मामले की शुरुआत उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज से शुरू हुई। यहां की 6 छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हेडस्कार्फ़ पहनने की वजह से उन्हें क्लास में आने से रोक दिया गया था। धीरे-धीरे उडुपी के अलावा दूसरे कॉलेजों में भी इस मामले ने तूल पकड़ लिया। कई कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जिसके बाद इसका तीखा विरोध देखने को मिला।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो आग की फैल गया, जिसमें बुर्का पहने एक छात्रा कॉलेज में पहुंचती है। इसके बाद भगवा स्कार्फ पहने लड़कों का एक झुंड नारेबाजी करने लगता है और छात्रा का पीछा करना शुरू कर देता है। छात्रा भी अल्लाहू अकबर के नारे लगाती दिख रही है।
