स्टार प्लस पर आने वाला सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ दर्शकों के बीच बेहद फेमस है। ये शो इन दिनों टीवी पर खूब धमाल मचा रहा है। दर्शकों को शो में अक्षरा यानी प्रणाली राठौड़ और अभिमन्यु यानी हर्षद चोपड़ा की जोड़ी काफी आती है। वहीं शो में इस समय अक्षरा और अभिमन्यु की शादी की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन शो में अगले एपिसोड में खूब उथल-पुथल भी दर्शकों को देखने को मिलने वाली है।
‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में हाल ही में दिखाया गया था कि अभिमन्यु अपने पिता हर्ष बिरला को शादी में आने से मना कर देता है और उसकी इस बात से मंजरी काफी नाराज हो जाती है। अब शो में आने वाले समय में काफी ट्विस्ट और टर्न्स आएंगे।
शो में गोयनका और बिरला परिवार शादी की तैयारियों में लगी हुई है तो आरोही को ये सब बिल्कुल पसंद नहीं आता है। वो गुस्से में बाहर चली जाती है और रोने लगती है। ठीक उसी वक्त कायरव वहां आकर उसे संभालता है।
तभी आरोही उससे कहती है ‘मैं अंदर से खुश हूं, लेकिन मैं अपने आप को बेहद अकेली हूं। सब इतनी जल्दी कैसे भूल गए, जिस दिन मैं दुल्हन बनी थी। मैंने भी सपने देखे थे, लेकिन कुछ भी पूरा नहीं हुआ था। मुझमें भी फीलिंग्स हैं, लेकिन मैं ये किसके साथ शेयर करूं’।
वहीं दूसरी तरफ अक्षरा को देख हर्ष को गुस्सा आ जाता है। वो अक्षरा को काफी बुरा भला सुनाने लगता है। तभी अक्षू, हर्ष से पूछती है ‘आप मुझसे इतनी नफरत क्यों करते हैं’। जिसका जवाब देते हुए हर्ष बिरला कहते हैं ‘तुम्हारी वजह से मेरे बेटे ने अपनी शादी से मुझे अनइनवाइट कर दिया। फिर मैं तुमसे नफरत न करूं तो क्या तुम्हारी आरती उतारूं’।
तभी अक्षरा, हर्ष बिरला की बातें सुन अभिमन्यु के पास जाती है, उससे इस बारे में पूछती है। अक्षरा, अभिमन्यु से कहती है ‘तुम ऐसा कैसे कर सकते हो। अंकल का आशीर्वाद हमारे साथ नहीं रहेगा तो हम ये नहीं कर सकते हैं। अगर हमें परिवार को नाराज करके ही शादी करना थी हम ये पहले तो ही कर चुके होते’। अक्षरा की ये बातें सुन अभिमन्यु काफी परेशान हो जाता है और उससे कहता है ‘बेकार की जिद मत करो। तुम मेरे परिवार के बारे में जानती ही क्या हो। दोनों एक-दूसरे से लड़ने के बाद अलग-अलग चले जाते हैं’।
इसके अगले एपिसोड में दर्शक देखेंगे कि दोनों परिवार वाले अक्षरा और अभिमन्यु के रोके के लिए तैयार हो जाते हैं। वहीं एक बार फिर हर्ष वर्धन की वजह से बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाती है। तभी मंजरी, हर्ष के बिना रोके में जाने के लिए तैयार नाही होती है।
उस वक्त अभिमन्यु भी कहता है ‘मां नहीं जाएंगी तो मैं भी नहीं जाऊंगा। ये रोका नहीं होगा। आप गोयनका को मना कर दीजिए, ये तिलक नहीं होगा’। दूसरी तरफ अक्षरा रोके के लिए तैयार होकर बैठ जाती है और अभिमन्यु का इंतेजार करती रह जाती है।