लेखिका तस्लीमा नसरीन ने अजमेर शरीफ के खादिम सलमान चिश्ती के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कोई ऐसा बेवकूफ़ाना बयान कैसे दे सकता है? नसरीन ने तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है जो उन्होंने मां काली को लेकर कहा है।
तस्लीमा नसरीन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से लिखा अजमेर शरीफ के खादिम इतना स्टुपिड स्टेटमेंट कैसे दे सकते हैं? पहले उन्होंने कहा था कि वह चाहते तो नूपुर शर्मा को मार देते। अब कहा कि जो भी नूपुर शर्मा का सिर काट कर लाएगा, उसे अपना मकान दे देंगे। ऐसे बेवकूफ़ाना बयान देते वक्त हर कोई अभिव्यक्ति की आजादी की बात भूल जाता है, जो धार्मिक भावना से कहीं ज्यादा जरूरी है।
तस्लीमा नसरीन ने आगे नूपुर शर्मा और महुआ मोइत्रा का जिक्र करते हुए लिखा ‘अगर आप फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन का समर्थन करते हैं तो आप नूपुर शर्मा और मोइत्रा दोनों की अभिव्यक्ति की आजादी का साथ देंगे। किसी शख्स के फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का समर्थन करना और उसके विचारों का समर्थन करना दो अलग-अलग बात है’।
नसरीन ने लिखा, किसी के सिर पर इनाम रख देना किसी कोने से अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। हिंसा भी अभिव्यक्ति आजादी के दायरे में नहीं आता है। किसी शख्स को मारने की धमकी देना भी फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन नहीं है।
तस्लीमा नसरीन यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे लिखा इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति पवित्र नहीं है, कोई भी किताब पवित्र नहीं है और कोई भी जगह होली प्लेस नहीं है। जीवन जीने के अधिकार के अलावा अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार भी सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक है।
क्या है मामला? बीजेपी नेता रहीं नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए कथित विवादित बयान पर हंगामा मचा हुआ है। इसी बीच पिछले दिनों अजमेर शरीफ के खादिम सलमान चिश्ती ने शर्मा को धमकी देते हुए उनका सिर काटकर लाने वाले को अपना मकान दान कर देने का ऐलान किया था। वीडियो वायरल हुआ तो इस पर खूब हंगामा मचा। तीखी प्रतिक्रिया के बाद राजस्थान पुलिस ने चिश्ती को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा को पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
