उल्लू ऐप के बारे में तो आप सबने सुना होगा, ये एक ऐसा ऐप है जो अपने अश्लील कंटेंट को लेकर मशहूर है। अब इस ऐप को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आईटी मंत्रालय को पत्र लिखा है और सरकार से उल्लू ऐप के खिलाफ जांच करने और कार्रवाई करने की सिफारिश की है। एनसीपीसीआर का आरोप है कि ये ऐप अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट डिस्ट्रीब्यूट करता है।
आयोग को बॉलीवुड के दिग्गजों से एक शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्ले स्टोर और आईओएस मोबाइल प्लेटफॉर्म दोनों पर उपलब्ध ‘उल्लू ऐप’ बच्चों सहित अपने कस्टमर्स को अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री देता है। ये ऐप Google और Apple पर आसानी से उपलब्ध है और किसी भी कंटेंट को देखने या डाउनलोड करने के लिए किसी को KYC की जरूरत भी नहीं है।
बाल अधिकार निकाय ने यह भी आरोप लगाया कि ऐप में ऐसे शो भी हैं जो साफ तौर से अश्लील दृश्यों और कथानक के साथ स्कूली बच्चों को टारगेट करते हैं। शिकायतकर्ता ने एक शो के स्क्रीनशॉट को भी अटैच किया है जहां स्कूली बच्चों के बीच यौन संबंधों को दिखाया गया है।
शिकायत में लिखा गया है, “यह देखा गया है कि इन शो को देखने के लिए KYC या किसी और तरह की age verification system का अभाव है, जिससे नाबालिगों को ये कंटेंट आसानी से उपलब्ध हो रहा है। इस तरह की आसान पहुंच को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 11 का सीधा उल्लंघन माना जाता है।”
क्या है NCPCR?
“राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) बाल अधिकारों की रक्षा के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है जिसे यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (POCSO) अधिनियम, 2012; किशोर न्याय बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 और अधिकार के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करने का अधिकार है।