मेगास्टार अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित शख्सियत में से एक माने जाते हैं। उनकी एक्टिंग के साथ-साथ पर्सनालिटी, आवाज के भी लोग फैन हैं। मगर करियर की शुरुआत में उन्हें उन्हें फिल्म निर्माताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा था। जिस आवाज के लोग कायल हैं, उसकी तुलना भी कौए से होती थी। जी हां! सुनील दत्त ने अमिताभ बच्चन की आवाज को पहाड़ी कौए की आवाज की तरह बताया था।

एक्ट्रेस शीबा अग्रवाल के पति आकाशदीप साबिर ने इसके बारे में बताया। लेहरे रेट्रो के साथ बात करते हुए आकाशदीप ने कहा, “मेरे पिता मनमोहन साबिर ‘साथ हिंदुस्तानी’ बना रहे थे, सुनील दत्त ने कुछ शो रील मांगे क्योंकि उन्होंने एक दिलचस्प अभिनेता के बारे में सुना था और वो उसे ‘रेशमा और शेरा’ में दूसरे हीरो के रूप में लेना चाहते थे। ये 1972 की बात है, हम उन्हें ‘साथ हिंदुस्तानी’ दिखाने गए और ट्रायल के बाद मेरे पिता और दत्त साहब अजंता लॉबी में शराब पी रहे थे। तभी सुनील दत्त ने कहा, ‘मनमोहन, ये लड़का बहुत तेज है, पर ये पहाड़ी कौए की आवाज का क्या करूंगा यार।’ बाद में उन्होंने अमिताभ बच्चन को
‘रेशमा और शेरा’ के लिए साइन किया, जिसमें वे गूंगे थे। अमिताभ बच्चन के साथ ऐसा कौन करता है?”

हाल ही में, शीबा ने स्क्रीन से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जहां उन्होंने ‘जिगरा’ में अपनी को-स्टार आलिया भट्ट की तारीफ की और ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में धर्मेंद्र के साथ काम करने की दिलचस्प यादें भी ताजा कीं। उन्होंने कहा था, “जिगरा में मैंने आलिया भट्ट के साथ दूसरी बार काम किया था। वास्तव में, रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में मेरा उनके साथ कोई सीन नहीं था। सबसे पहले, मुझे वह एक ऐसी अभिनेत्री लगती हैं जो अपने काम में माहिर हैं। जब वह सिर्फ़ अपने संवाद बोलती हैं और आपके साथ रिहर्सल करती हैं, तो आपको लगता है कि वह तैयार हैं! वह एक अच्छी तरह से तैयार अभिनेत्री हैं और स्क्रीन पर छा जाती हैं, और वह प्यारी लगती हैं, इसलिए वह सब कुछ जानती हैं।”

धर्मेंद्र के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “ईशा देओल मेरी दोस्त हैं, लेकिन मैं धरमजी से कभी नहीं मिली। मुझे लगता है कि वे इंडस्ट्री के सबसे अच्छे दिखने वाले लोगों में से एक हैं; वे ग्रीक गॉड हैं। वे बहुत विनम्र और प्यारे हैं। उन्होंने शॉट्स के बीच में मेरे साथ घंटों बातें कीं

मुझे अपना पिछला काम और इंस्टाग्राम फीड दिखाया। वे इतने उत्साहित थे कि उन्होंने ईशा को फोन करके बताया कि वे मेरे साथ शूटिंग कर रहे हैं।”

अमिताभ के करियर की शुरुआत में बतौर अभिनेता उनका सफर काफी मुश्किल रहा। इस दौर को याद करते हुए लेखक जावेद अख्तर ने IFP में कहा था, “मैंने उनकी कुछ फिल्में देखी जो अच्छी नहीं चलीं- परवाना, बॉम्बे टू गोवा और गुड्डी में उनके कुछ अंश और अचानक मुझे इन कुछ फिल्मों को देखने के बाद लगा कि ये आदमी एक बड़ी प्रतिभा है और हम दोनों (सलीम-जावेद) इस बात पर सहमत थे। हम सोच रहे थे, ‘हे भगवान, वह कैसा अभिनेता है!’ दुर्भाग्य से, उस समय उनकी फिल्में अच्छी नहीं चल रही थीं।”