अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा ने साथ मिलकर कई फिल्में दी। दर्शकों ने पर्दे पर उनकी जोड़ी को खूब प्यार भी दिया लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ अलग थी। दोनों के बीच एक- दूसरे के स्टारडम को लेकर जबरदस्त तनातनी थी। शत्रुघ्न सिन्हा ने अमिताभ बच्चन के सामने ही इस बात का खुलासा किया था कि अमिताभ को उनके स्टारडम से जलन होने लगी थी। उनके बीच की लड़ाई इतनी बढ़ी थी कि जब साल 2007 में अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की शादी हुई तब अमिताभ बच्चन ने शत्रुघ्न सिन्हा को शादी का न्योता तक नहीं दिया।
शादी के बाद जब अमिताभ बच्चन ने बेटे की शादी की मिठाई शत्रुघ्न सिन्हा के घर भिजवाई तो उन्होंने उसे वापस लौटा दिया। शत्रुघ्न इस बात से खासा नाराज़ हुए थे और उन्होंने मीडिया में बयान दिया था, ‘मुझे न शादी के न्योता की चिंता थी, न अपेक्षा थी न ही मेरी इच्छा थी। मुझे किसी की शादी पर न जाने का शौक होता है न ही चिंता होती है। मेरा बस चलता तो मैं अपनी शादी पर भी नहीं जाता। अमिताभ बच्चन को भी चाहिए था कि मिठाई के बदले कम से कम एक फोन कर लेते।’
साल 2014 में दोनों के रिश्तों में सुधार देखने को मिला जब दोनों दिवाली पर साथ दिखे थे। भारती प्रधान की लिखी शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफी, ‘एनीथिंग बट ख़ामोश’ भी अमिताभ बच्चन ने ही लॉन्च किया। बायोग्राफी में शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन के बीच की दुश्मनी की कहानी का जिक्र किया गया है।
भारती प्रधान शत्रुघ्न सिन्हा के हवाले से लिखती हैं, ‘तब लोग कहते थे कि अमिताभ और मेरी ऑनस्क्रीन जोड़ी सुपरहिट है, पर वो मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे। उनको लगता था कि नसीब, काला पत्थर, शान, दोस्ताना फिल्मों में मैं उन पर भारी पड़ा, लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।’
शत्रुघ्न सिन्हा बायोग्राही में कहते हैं कि अमिताभ उनके साथ सही बर्ताव नहीं करते थे और उन्होंने कभी उन्हें अपनी कार में आने का ऑफर नहीं दिया। वो ये भी कहते हैं कि कई बड़ी फिल्में उन्होंने अमिताभ बच्चन के लिए छोड़ दी। किताब में उनके हवाले से लेखिका ने लिखा, ‘ऐसी कई फिल्में हैं जो मैंने अमिताभ के लिए छोड़ दी थी। और तो और मैंने साइनिंग अमाउंट भी प्रोड्यूसर को लौटा दिया।’