संजय दत्त की लाइफ पर बन रही फिल्म ‘संजू’ अब बस कुछ ही दिन दूर है। फिल्म के ट्रेलर, टीज़र्स से लेकर सॉन्गस ने भी दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। रणबीर कपूर की परफॉर्मेंस हो या फिल्म की स्टारकास्ट, राजू हिरानी का निर्देशन या ए आर रहमान का म्यूज़िक। कई ऐसे फैक्टर्स हैं जिनके चलते कई ट्रेड पंडित इस फिल्म को अभी से ही सुपरहिट करार दे रहे हैं। संजय दत्त की ज़िंदगी पर बन रही इस फिल्म ने कहीं न कहीं संजय दत्त को भी बेहद चर्चा में ला दिया है। ड्रग्स के गर्त से बाहर निकल एक नॉर्मल ज़िंदगी की तरफ जाने तक का संघर्ष, संजू के लिए कितना मुश्किल, यही इस फिल्म में देखने को मिलेगा।
ड्रग्स का भयावह असर सिर्फ संजय दत्त तक ही सीमित नहीं था बल्कि उनके परिवार की ज़िंदगी भी उनके बिहेवियर के चलते काफी प्रभावित हो रही थी। दरअसल बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत करने के बाद ही फिल्म इंडस्ट्री में ये खबर धीरे धीरे आम होने लगी थी कि संजय दत्त ड्रग्स की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बात का संजय दत्त के करियर पर फर्क पड़ा और यही नहीं उनके परिवार वालों को भी कई बार संजय दत्त की वजह से शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी। संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘अपने करियर के शुरूआती दिनों में भैया की काफी फिल्में रिलीज़ हुई थी और वे इन फिल्मों में काफी नशे में लगते थे। मुझे कॉलेज में कई स्टूडेंट्स चरसी की बहन कह कर शर्मिंदा किया करते थे। मुझे अपने लिए और भाई के लिए भी बहुत बुरा लगता था’

संजय दत्त दरअसल अपनी कुछ शुरूआती फिल्मों में सेट पर नशे की हालत में ही आते थे। इसके बाद उन्हें काम मिलना भी कम होने लगा था, कई लोग उन्हें चरसी भी बुलाते थे और उस दौर में संजय ने कुछ ऐसे नशे भी किए थे जिनके बारे में भारत में कम ही लोगों को जानकारी है। हालांकि कुछ समय बाद संजू को एहसास हो गया था कि वे इस तरह से अपना जीवन नहीं बिता सकेंगे, उन्होंने ड्रग्स की दुनिया से बाहर आने का फैसला परिवार के लिए बल्कि खुद के लिए किया था और उन्होंने अपने परिवार की मदद से अपने हालातों को बेहतर बना लिया था। हालांकि संजय दत्त आज उस दौर को पीछे छोड़ चुके हैं और ड्रग्स की दुनिया से फ्री होकर एक बेहतर जीवन बिता रहे हैं। संजय मानते हैं कि अपने काम में मेहनत करो और एक्सरसाइज़ करो। इससे बेहतर ज़िंदगी कुछ नहीं है।