मदन मोहन हिंदी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। अपनी गजलों के लिए प्रसिद्ध इस संगीतकार का पूरा नाम मदन मोहन कोहली था। उनके एक गीत ‘आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे’, ‘दिल की ऐ धड़कन ठहर जा मिल गई मंजिल मुझे’ से संगीत सम्राट ‘नौशाद’ इस कदर प्रभावित हुए थे कि उन्होंने मदन मोहन से इस धुन के बदले अपने संगीत का पूरा खजाना लुटा देने की इच्छा जाहिर कर दी थी। यहां तक कि लता मंगेशकर मदन मोहन को ‘गजलों का शहजादा’ कह कर बुलाती थीं। चलिए आज हम आपको हिंदी सिनेमा के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर मदन मोहन से जुड़ा एक रोचक किस्सा बताते हैं। जब वह अपने ही घर में चोरों की तरह पीछे के दरवाजे से घुसते थे।

सभी जानते हैं कि मदन मोहन को बचपन से ही म्यूजिक का बहुत शौक था। यह वाकया भी मदन मोहन के बचपन के दिनों का है। उस दौरान मदन मोहन पिता के सोने के बाद रोज रात को चुपचाप घर से निकल जाते थे और पड़ोस की संगीत महफिल में शामिल होते थे। यह संगीत की महफिल पड़ोस में जद्दन बाई के घर लगती थी।

मदन मोहन जद्दन बाई की महफिल का लुत्फ उठाकर वापस लौटते थे तो अपने ही घर में चोरों की तरह घुसते थे। वह पिता के डर से पीछे के दरवाजे से घर में दाखिल होते थे और चुपचाप अपने कमरे में सो जाते थे। यह सिलसिला लंबे समय तक चला लेकिन कभी भी परिवार वालों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी।


बता दें कि मदन मोहन के पिता राय बहादुर चुन्नी लाल फिल्म व्यवसाय से जुड़े हुए थे और ‘बॉम्बे टॉकीज’ और ‘फिलिम्सतान’ जैसे बड़े फिल्म स्टूडियो में साझीदार थे। घर में फिल्मी माहौल था इसलिए मदन मोहन बचपन से ही फिल्मों में काम करने का मन बना चुके थे।