देश के प्रिय भारत कुमार यानी मनोज कुमार का 4 अप्रैल को निधन हुआ और अब वो पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। वैसे तो बॉलीवुड में कई सुपरस्टार रहे, लेकिन मनोज कुमार का अंदाज जरा अलग था। अमिताभ बच्चन, श्रीदेवी धर्मेंद्र, राज कपूर, शशि कपूर जैसे स्टार्स ने 100-200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, मगर मनोज कुमार ऐसे थे जिन्होंने बहुत कम फिल्में कर लोगों के दिलों में अलग जगह बनाई थी। फैंस मनोज कुमार की फिल्म के लिए लंबा इंतजार किया करते थे, इसके बारे में एक्टर ने बात करते हुए दूसरे एक्टर्स को लालची बताया था।
मनोज कुमार अपने समय के अन्य अभिनेताओं से अलग थे क्योंकि वे ट्रेंड को फॉलो नहीं करते थे बल्कि ट्रेंड बनाते थे। कहानी कहने पर ध्यान केंद्रित करने से लेकर देशभक्ति और मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण मिश्रण बनाने तक, सिनेमा में उनका योगदान बेजोड़ है। हालांकि, अपनी क्षमता और सफलता के बावजूद, उन्होंने जानबूझकर लगभग 80 फिल्मों में काम किया, जिनमें से कुछ उनके करियर की शुरुआत में किया गया छोटा मोटा काम था। इसके पीछे का कारण बताते हुए, मनोज कुमार ने सुभाष के झा के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि वो धर्मेंद्र या शशि कपूर की तरह लालची नहीं हैं।
उन्होंने कहा था, “”मैं एक लालची फिल्मी व्यक्ति नहीं हूं, यहां तक कि एक अभिनेता के तौर पर भी नहीं। जहां मेरे साथ के एक्टर्स धर्मेंद्र और शशि कपूर ने लगभग 300-300 फिल्मों में अभिनय किया, वहीं मैंने अपने पूरे करियर में मुश्किल से 35 फिल्में की हैं।”
मनोज कुमार ने 80 के दशक के अंत और 90 के दशक की शुरुआत में ‘कलयुग’ और ‘रामायण’, ‘संतोष’ और ‘क्लर्’क जैसी फिल्मों में लगातार फ्लॉप होने के बाद फिल्मों में काम करना कम कर दिया था। उन्होंने आखिरी बार 1995 की फिल्म ‘मैदान-ए-जंग’ में अभिनय किया और इसके बाद फिल्मी करियर को अलविदा कह दिया। चार साल बाद, उन्होंने 1999 की फिल्म ‘जय हिंद’ के साथ अपना आखिरी निर्देशन किया। हिंदी फिल्मों में उनका करियर लगभग 40 सालों का था, जिसमें उन्होंने एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म निर्माण भी किया।
मनोज कुमार की मशहूर फिल्में
मनोज कुमार ने अपने करियर में कुछ ऐसी फिल्में की, जिन्होंने फैंस के दिल में अलग जगह बनाई। इनमें ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’। ये फिल्में फैंस के साथ-साथ खुद मनोज कुमार की भी फेवरेट थीं।