अभिनेता जैकी श्रॉफ लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वो गरीब लोगों के लिए संस्था भी चलाते हैं जो उन्हें हर तरह से मदद मुहैया कराती है। बताया जाता है कि वो जिस स्लम में रहते थे उस स्लम के हर एक व्यक्ति के पास उनका पर्सनल मोबाइल नंबर है। वो अपने लोगों से बस एक कॉल की दूरी पर रहते हैं। लोगों की मदद से जुड़ा एक किस्सा अभिनेता जूनियर महमूद ने भी सुनाया था।
महमूद ने इंडिया आस्क नामक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के पत्रकार सलाम क़ाज़ी से बातचीत में बताया कि एक बच्ची बीमार थी जिसकी जानकारी सलाम क़ाज़ी ने ही मुझे दी। उन्होंने आगे कहा, ‘सलाम क़ाज़ी साहब ने ही कहा कि एक बच्ची बीमार है और उसके इलाज के लिए बाइकला अस्पताल में पैसे भिजवाने हैं। हमने मिलकर जितना हो सका मदद की फिर क़ाज़ी साहब ने कहा कि शायद जैकी श्रॉफ का फाउंडेशन मदद कर दे। मैंने बमुश्किल 5 लाइन में उन्हें मैसेज किया।’
जूनियर महमूद ने बताया कि मैसेज भेजने के 6 मिनट बाद ही जैकी श्रॉफ की पीए का फोन आया और कहा गया कि इलाज के लिए पैसे बैंक के खाते में डाल दिए गए हैं। ऐसा ही एक और किस्सा सलाम क़ाज़ी ने शेयर किया, ‘आज से 15 साल पहले की बात है। मैं मिडडे अख़बार के लिए काम करता था मुंबई में। मैंने एक खबर की थी कि एक बच्ची की तबियत बहुत ख़राब है और ऑपरेशन नहीं हुआ तो हालत और बिगड़ सकती है। उस खबर को जैकी श्रॉफ ने पढ़ा और मिडडे के ऑफिस में फ़ोन कर कहा कि सलाम क़ाज़ी का नंबर दीजिए। कुछ समय के बाद मुझे फ़ोन आया कि मैं जैकी श्रॉफ बोल रहा हूं। मैं चौंक गया।’
जैकी श्रॉफ ने सलाम क़ाज़ी ने कहा था कि सुबह ही उन्होंने बीमार बच्ची की खबर पढ़ी और वो उसका ऑपरेशन करवाना चाहते हैं। उन्होंने आगे बताया, ‘मैं खुश हो गया और परिवार से मिला। एकदम गरीब लोग थे वो, ऐसे इलाके में रहते थे जो फकीरों की बस्ती कही जाती है। उनको मैंने जाकर बोला और जैकी श्रॉफ ने लाखों रुपए देकर ऑपरेशन करवाया। फिर मैंने जैकी जी को बोला कि मैं इसकी फॉलो अप खबर बनाता हूं तो कहते हैं कोई जरूरत नहीं है, मालिक देखता है।’
सलाम क़ाज़ी ने आगे कहा, ‘उन्होंने मुझसे पूछा परिवार कैसा है तो मैंने बताया गरीबों की बस्ती में रहते हैं। तो उन्होंने कलर टीवी दिया। फिर मैंने उनसे कहा कि उस इलाके में तो बिजली नहीं है। उन्होंने मुझे एक ब्लेंक चेक दिया कि जाते जाते वहां एक जनरेटर लगा देना और मेरे से एक डीवीडी प्लेयर भी लेते जाना।’
जैकी श्रॉफ का बचपन गरीबी में बीता और वो फिल्मों में इत्तेफाक से आए थे। वो घर चलाने के लिए छोटे मोटे काम करते थे जिससे उन्हें काफी कम पैसे मिलते थे। एक दिन जब वो बस स्टैंड के पास खड़े थे तब एक व्यक्ति ने उनके लुक्स को देखकर पूछ लिया था कि क्या वो मॉडलिंग करेंगे। जैकी श्रॉफ ने पूछा था कि क्या उन्हें इसके लिए पैसे मिलेंगे। जैकी श्रॉफ को मॉडलिंग से पहली बार 7 हज़ार रुपए मिले और तब उन्होंने सब कुछ छोड़कर इसी पर ध्यान देना शुरू किया। यही से उनके अभिनय का सफ़र भी शुरू हो गया।