राजेश खन्ना ऋषिकेश मुखर्जी और अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘आनंद’ में काम कर चुके थे। छोटे बजट की इस फिल्म ने उस वक्त दर्शकों का खूब दिल जीता था। फिल्म में राजेश खन्ना का कैरेक्टर दर्शकों को बहुत पसंद आया था। इस फिल्म की अपार सफलता के बाद से ही राजेश खन्ना ने अपनी फिल्मों के डायरेक्टर्स से ये मांग करना शुरू कर दिया था कि उन्हें ऐसा कैरेक्टर चाहिए जो कि सेंट्रिक हो और क्लाइमेक्स में मर जाए।
ऐसे में 1973 में ऋषिकेश मुखर्जी एक और फिल्म बना रहे थे। फिल्म का नाम था- ‘नमक हराम’। इस फिल्म की कास्ट भी ‘आनंद’ वाली थी। क्योंकि ये फिल्म हिट हुई थी। इसलिए ऋषिकेश मुखर्जी ने नमक हराम में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन दोनों को लेना बेहतर समझा।
ये वो फिल्म थी जिसने इन दोनों सितारों के करियर को नया मोड़ दिया था। फिल्म बनने से पहले जहां राजेश खन्ना सुपरस्टार के तौर पर पहले से ही स्टेबलिश थे, वहीं अमिताभ बच्चन को इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों में खास जगह दिलवाई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म की शूटिंग के दौरान राजेश खन्ना के मन में इंसिक्योरिटी की भावना आ गई थी। वह चाहते थे कि उन्हें फिल्म का सबसे अच्छा रोल और डायलॉग मिले। इस दौरान राजेश खन्ना ने कई बार ऋषिकेश मुखर्जी से पूछा कि फिल्म का क्लाइमेक्स क्या है? लेकिन ऋषिकेश राजेश खन्ना को इस फिल्म का क्लाइमेक्स पहले बताना नहीं चाहते थे। उन्हें पता था कि अगर वह उन्हें फिल्म के अंत के बारे में बताएंगे तो वह कुछ न कुछ फेरबदल करवाएंगे।
लेकिन राजेश खन्ना भी कम कहां थे उन्होंने जैसे तैसे पता लगवा ही लिया। जब राजेश खन्ना को क्लाइमेक्स की जानकारी हुई तो उनका तो सिर घूम गया। क्लाइमेक्स के मुताबिक फिल्म में अमिताभ बच्चन का कैरेक्टर मर जाता है।
उस दौर को ध्यान में रखते हुए राजेश खन्ना को अच्छे से पता था कि किस सीन में फैंस ज्यादा भावुक होंगे और कलाकार को तारीफ मिलेगी। ऐसे में राजेश खन्ना ने ऋषिकेश मुखर्जी पर सीन बदलने के लिए प्रेशर डाला। अब राजेश खन्ना सुपरस्टार थे, तो उनकी बात को ऐसे कोई टाल नहीं सकता था।
अपने कद का इस्तेमाल कर राजेश खन्ना ने वो सीन अपने नाम करवा लिया। अब जब अमिताभ को इस बारे में खबर हुई तो वे ऋषिकेश से काफी नाराज हो गए। तभी अमिताभ ने भी एक खेल कर दिया। ऋषिकेश मुखर्जी से कहलवा कर फिल्म की स्क्रिप्ट में और बदलाव करवा दिए। जिसके बारे में राजेश खन्ना को पता नहीं लगने दिया।
अब फिल्म के अंत में राजेश खन्ना के कैरेक्टर की मौत हो जाती है। लेकिन इसके बाद अमिताभ बच्चन उनकी मौत का बदला लेते हैं। ऐसे में फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन बन जाते हैं। फिल्म जब रिलीज हुई तो हुआ कुछ ऐसा ही। उस वक्त इस फिल्म में अमिताभ के कैरेक्टर को काफी पसंद किया गया था। वहीं राजेश खन्ना को अमिताभ की इस चालाकी पर बहुत गुस्सा आया। बाद में उन्होंने तय किया कि अब वह कभी अमिताभ के साथ काम नहीं करेंगे।