हिंदी सिने जगत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को एक्टिंग का शौक हमेशा से था। जब वो कॉलेज में पढ़ाई करते थे तब थियेटर किया करते थे। अपनी एक्टिंग को लेकर राजेश खन्ना इतने समर्पित थे कि एक नाटक के लिए कई दिन घंटों रिहर्सल किया करते थे। राजेश खन्ना वार्डन रोड के भोलाभाई देसाई मेमोरियल इंस्टीट्यूट में अपने ड्रामे की रिहर्सल करते थे। वहीं राजेश खन्ना को एक्टिंग करते अभिनेत्री प्रोड्यूसर गीता बाली ने देखा था और उन्हें एक फ़िल्म ऑफर कर दी थी।
अभिनेता अनु कपूर ने अपने रेडियो शो, ‘सुहाना सफर विद अनु कपूर’ में इस किस्से का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि गीता बाली का ऑफिस उसी बिल्डिंग में था जिस बिल्डिंग में राजेश खन्ना अपने नाटकों की रिहर्सल करते थे।
उन्हीं दिनों गीता बाली ने फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा था। गीता बाली राजेश खन्ना को रिहर्सल करते देखतीं तो उनका समर्पण देखकर दंग रह जाती थीं। एक दिन उन्होंने राजेश खन्ना को बुलाया और उनसे कहा कि वो उनकी एक फ़िल्म में काम कर लें। गीता बाली ने राजेश खन्ना के लिए एक भविष्यवाणी भी की, ‘एक दिन तुम फ़िल्म इंडस्ट्री पर राज करोगे।’
राजेश खन्ना को एक्टिंग से लगाव तो था लेकिन वो बस थियेटर किया करते थे। उन्होंने फिल्मों में काम करने का कभी नहीं सोचा था। फिल्म का ऑफर मिलने पर वो परेशान हो गए।
राजेश खन्ना को ज्योतिषशास्त्र में काफी विश्वास था। वो ज्योतिष के पास गए और पूछा कि क्या फिल्मों में उनका करियर सफल रहेगा। ज्योतिष ने उनकी कुंडली देखी और कह दिया कि वो एक्टिंग की दुनिया में कुछ नहीं कर पाएंगे। अनु कपूर के मुताबिक, ज्योतिषी ने राजेश खन्ना से कहा कि वो स्टील या लोहे का व्यापार करें, उनकी सफलता इसी में है।
लेकिन ज्योतिषी की ये भविष्यवाणी बिलकुल गलत साबित हुई। राजेश खन्ना न केवल एक सफल अभिनेता बने बल्कि उन्होंने लोकप्रियता के सभी पैमानों को तोड़ दिया। उनके जैसी लोकप्रियता आज तक किसी अभिनेता को नसीब नहीं हुई।
राजेश खन्ना ने हिंदी सिनेमा जगत में, ‘आखिरी खत’ से डेब्यू किया। फिल्म, ‘आराधना’ ने राजेश खन्ना को सुपरस्टार बना दिया। इस फ़िल्म के गाने किशोर कुमार ने गाए जो काफी पसंद किए गए। इसके बाद किशोर कुमार राजेश खन्ना की आवाज बन गए थे। काका ने लगातार करीब 15 हिट फिल्में दी जो एक रिकॉर्ड साबित हुआ। लेकिन इस सुपरस्टार के साथ विडंबना ये रही कि जिस तेजी से काका का सितारा बुलंदियों पर पहुंचा, उसी तेजी से धूमिल भी हो गया।