सिर्फ 28 साल की उम्र में सुपरस्टार का रुतबा हासिल करने वाले राजेश खन्ना की जिंदगी किसी पहेली से कम नहीं थी। जब वे सफलता के शिखर पर चढ़े तो चढ़ते गए और जब उनकी फिल्में पीटने लगीं तो सुसाइड तक की सोचने लगे। राजेश खन्ना के डाउनफॉल के पीछे तमाम वजहें गिनाई जाती हैं, उनमें से जो सबसे बड़ी वजह बताई जाती है वो है उनका एटीट्यूड। वह एटीट्यूड जिसकी वजह से उनका नाम ‘मिस्टर लेट’ पड़ गया। फिल्मों के सेट पर देरी से पहुंचना, प्रोड्यूसर-डायरेक्टर्स को घंटों-घंटों तक इंतजार कराना आम बात थी। कई बार तो बिना बताए शूटिंग तक कैंसिल कर देते थे। ऐसा ही एक वाकया साल 1976 में बी.आर. चोपड़ा की फिल्म ‘कर्म’ की शूटिंग के दौरान हुआ।

3 दिन बाद भी सेट पर नहीं पहुंचे काका: यासिर उस्मान, राजेश खन्ना की जीवनी ‘कुछ तो लोग कहेंगे’ में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि बी.आर. चोपड़ा पूरी यूनिट के साथ श्रीनगर की हसीन वादियों में शूटिंग की तैयारी कर रहे थे। इस फिल्म के हीरो थे राजेश खन्ना। शूटिंग की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, जिस दिन काका को वहां पहुंचना था, उस दिन उनकी एक झलक पाने के लिए लोकेशन पर लोगों की भीड़ लग गई। एक आदमी गाड़ी लेकर उन्हें एयरपोर्ट रिसीव करने भी पहुंचा, लेकिन राजेश खन्ना आए ही नहीं।

बिजनेस क्लास की टिकट से पहुंचा उनका बावर्ची: बाद में बी.आर. चोपड़ा ने मुंबई फोन किया तो उनके सेक्रेटरी ने बताया कि वो तो अभी मुंबई में ही हैं। इस तरह इंतजार में 3 दिन बीत गए, लेकिन राजेश खन्ना का कुछ पता नहीं चला। वह खुद फोन पर बात भी नहीं कर रहे थे। 3 दिन बाद उनके बिजनेस क्लास वाले टिकट पर उनका बावर्ची गोपाल श्रीनगर पहुंचा और बताया कि काका जी की तबीयत खराब है और शूटिंग पर नहीं आ सकते हैं। राजेश खन्ना के इस तरह के व्यवहार के और तमाम किस्से हैं।

महमूद ने जड़ दिया था थप्पड़: ऐसे ही एक किस्से का जिक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई अपनी किताब ‘नेता अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में लिखते हैं कि सेट पर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर से लेकर पूरी यूनिट काका के नखरों से परेशान रहती थी। साल 1979 में आई फिल्म ‘जनता हवलदार’ की शूटिंग के दौरान फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर महमूद उनके नखरों से इतना परेशान हुए काका को सबके सामने ही जोरका थप्पड़ जड़ दिया और उन्होंने इसका विरोध तक नहीं किया। इसी तरह साल 1999 में आई फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ की क्लाइमेक्स की शूटिंग के दौरान फिल्म के डायरेक्टर ऋषि कपूर राजेश खन्ना की हरकतों से इतने खफा हुए कि सेट पर सबके सामने ही उनपर चीखने लगे।

इतनी फीस कोई सोच भी नहीं सकता था: राजेश खन्ना के डाउनफॉल के पीछे एक और जो वजह गिनाई जाती है, वह थी उनकी फीस। राशिद किदवई वरिष्ठ पत्रकार अली पीटर जॉन के हवाले से लिखते हैं कि सुपरस्टार बनने के बाद राजेश खन्ना ने अपनी फीस कई गुना बढ़ा दी। उस दौर में वो एक फिल्म के 10 लाख रुपए तक मांगते थे। इसी दौर के अभिनेता देवानंद, दिलीप कुमार और राजकुमार इतनी फीस मांगने की सोच भी नहीं सकते थे। वे लिखते हैं, ‘एक तरह से सफलता राजेश खन्ना के सिर चढ़ गई थी। ‘

अगर किसी फिल्म की सुबह की शूटिंग शेड्यूल होती तो वो दोपहर बाद 3 बजे तक ही शुरू हो पाती, क्योंकि राजेश खन्ना उससे पहले सेट पर पहुंच ही नहीं पाते थे। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं थी कि लोग उनका इंतजार कर रहे हैं’।जैसे-जैसे राजेश खन्ना सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे वैसे-वैसे ‘आशीर्वाद’ में महफिलों का सिलसिला भी बढ़ने लगा। कोई भी मौका हो, काका के लिए जाम छलकाने का बहाना होता था।

रेड लेवल स्कॉच थी फेवरेट: यासिर उस्मान, एक डायरेक्टर के हवाले से लिखते हैं, ‘रेड लेबल स्कॉच उनकी फेवरेट हुआ करती थी। पहला एक बड़ा पैग बनाते थे और जल्दी-जल्दी गटक जाते थे। कभी 1-2 पैग पर नहीं रुकते थे, बल्कि पीने-पिलाने का सिलसिला देर रात तक चलता था। एक और खास बात यह थी कि काका पीते वक्त कुछ भी नहीं खाते थे।’ जब तक पार्टी चलती तब तक किसी को भी जाने की इजाजत नहीं होती। कई डायरेक्टर-प्रोड्यूसर को काका की यही बात रास नहीं आती थी और बाद में उनसे दूरी बनाने की यह भी एक वजह बनी।