1950 के दशक में, दिलीप कुमार, राज कपूर और देव आनंद को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के तीन सबसे महत्वपूर्ण चेहरों में गिना जाता था। वे अपने समय के सबसे बड़े फिल्म स्टार थे, और एक-दूसरे से उनकी दोस्ती बहुत अच्छी थी। तीनों के बीच मजाक-मस्ती वाली बातें होती रहती थीं और जब ये तीनों शरारती मूड में होते, तो वे भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ भी मजाक करने से नहीं हिचकिचाते थे। एक बार कुछ ऐसा ही हुआ। इन तीनों ने नेहरू से लेडी एडविना माउंटबेटन के साथ उनकी नज़दीकी को लेकर टीज़ करते हुए सवाल पूछ लिया।

राज कपूर: द वन एंड ओनली शोमैन नाम की किताब में, राज कपूर की बेटी ऋतु नंदा ने इसका जिक्र किया है। राज के हवाले से ऋतु नंदा ने लिखा, “एक बार दिलीप कुमार, देव आनंद और मैं प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलने के लिए उनके तीन मूर्ति निवास पर बुलाए गए।” राज ने बताया कि उस समय नेहरू “अभी-अभी एक स्ट्रोक से उबरे थे और शांत और थोड़े थके हुए लग रहे थे।” लेकिन जैसे ही उन्होंने “बिग थ्री” को गले लगाया, उनका मूड अच्छा हो गया।

दिलीप कुमार, राज कपूर और देव आनंद को जवाहर लाल नेहरू ने दुनिया भर के अपने अनुभवों की कहानियाँ सुनाईं और तीनों स्टार सुनकर इम्प्रेस हो गए। राज कपूर ने बताया, “हम सब ऐसे खुल गए जैसे कोई खोया हुआ दोस्त मिल गया हो, और उन्होंने भी उसी तरह से प्रतिक्रिया दी, एक बच्चे जैसी खुशी के साथ। शायद वह अपने थके हुए और राजनीति से भरे जीवन से कुछ पल का सुकून चाहते थे।” अब बातचीत पुराने दोस्तों की तरह चल रही थी, इसलिए इन सितारों ने उनके निजी जीवन के बारे में पूछने की हिम्मत की।

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राज ने बताया, “हमने उनसे पूछा, ‘सुना है कि आप जहाँ भी जाते थे, महिलाएँ आपकी तरफ आकर्षित हो जाती थीं, पंडितजी!’ उन्होंने तुरंत मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘जितने तुम लोग पॉपुलर हो, मैं तो उतना नहीं!’” फिर उन्होंने वह सवाल पूछ दिया जो सालों तक अफवाह बना रहा। “हमने पूछा, ‘आपकी जानलेवा मुस्कान ने लेडी माउंटबेटन का दिल चुरा लिया… क्या यह सच है, सर?’ वह शर्माए, सवाल का मज़ा लिया और हँसते हुए बोले, ‘मुझे ये सारी कहानियाँ बहुत पसंद हैं!’”

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चूंकि नेहरू ने पहले सवाल का ईमानदारी से जवाब दिया था, दिलीप कुमार ने एक और सवाल पूछ लिया। राज ने याद किया, “‘लेकिन सब कहते हैं कि उन्होंने खुद ये स्वीकार किया था कि वह आप पर फिदा थीं!’ दिलीप कुमार ने हँसते हुए कहा। नेहरू फिर से हँसे और बोले, ‘लोगों ने मुझे उन कहानियों पर यकीन दिला दिया।’”

भारत की आज़ादी से पहले 1947 में, पीएम नेहरू और लेडी माउंटबेटन के बीच नज़दीकी की कई अफवाहें थीं। 74 साल की उम्र में साल 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया। था।

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