धर्मेंद्र का नाम लेते ही बॉलीवुड पर राज करने वाले एक खूबसूरत, रोमांटिक नायक की तस्वीर जेहन में उभर आती है। कहा जाता है कि धर्मेंद्र फिल्म इंड्रस्टी के ऐसे हीरो थे जिनकी फोटो भी लड़कियां अपने तकिए के नीचे रखकर सोती थीं। यहां तक कि मशहूर एक्ट्रेस जया बच्चन उनकी खूबसूरती से प्रभावित होकर उन्हें ग्रीक गॉड का दर्जा दिया था। धर्मेद्र की खूबसूरती और आकर्षक व्यक्त्वि का ही असर रहा है कि ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से मशहूर हेमा मालिनी उनकी पत्नी हैं। वहीं एक्टर दिलीप कुमार ने धर्मेंद्र के बारे में यहां तक कह दिया था कि वो अगले जन्म में धर्मेद्र जैसी शख्सियत पाना चाहते हैं। दिलीप साहब उन्हें ‘ही मैन’ भी कहा करते थे। धर्मेंद्र की ने साल 1966 में आई फिल्म ‘फूल और पत्थर’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। धर्मेंद्र ने पहली फिल्म से अपनी पहचान बना ली थी और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन धर्मेंद्र का सफर हमेशा से इतना आसान नहीं रहा था। चलिए बताते हैं धर्मेंद्र से जुड़ा वह रोचक किस्सा जब भूख मिटाने के लिए उन्हें दवा तक पीनी पड़ी थी।
दरअसल यह वाकया साल 1977 में रिलीज हुई फिल्म धरम वीर की शूटिंग के दौरान का है। मनमोहन देसाई के निर्देशन में बन रही धरम वीर में धर्मेन्द्र, जीनत अमान, जितेन्द्र, नीतू सिंह और प्राण जैसे बड़े कलाकार ननजर आए थे। यह वो दौर भी था जब धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे और सीमित संसाधनों के साथ स्ट्रगल के दिन काट रहे थे।
उन्हीं दिनों थकान हारे धर्मेंद्र शूटिंग से देर रात घर लौटे। यह वो समय था जब धर्मेंद्र कई बार वडा पाव खाकर भूख मिटा लिया करते थे लेकिन उस रात वडा पाव भी नहीं मिला। भूख के मारे धर्मेंद्र की जान निकली जा रही थी और जिस होटल में उधारी चलती थी वह भी बंद हो गया। धर्मेंद्र भूख की वजह से घर आते ही निढ़ाल होकर बिस्तर पर लेट गए। तब उनकी नजर टेबल पर रखी हुई कब्ज मिटाने वाली दवा यानी इसब घोल की बोतल पर पड़ी।
धर्मेंद्र ने भूख मिटाने के लिए कुछ न होने की वजह से मजबूरी में कब्ज की दवा की पूरी बोतल पी ली। दवा पीने के बाद सुबह तक धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ गई उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। तब डॉक्टर ने धर्मेंद्र के दोस्त से कहा था कि उन्हें दवा की नहीं बल्कि भोजन की जरूरत है।