बॉलीवुड के मशहूर एक्टर धर्मेंद्र ने अपनी एक्टिंग और अंदाज से लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लुधियाना के एक गांव में जन्मे धर्मेंद्र को एक्टर बनने का काफी शौक था। लेकिन जहां एक तरफ धर्मेंद्र को फिल्में देखने का बहुत शौक था तो वहीं उनके पिता को फिल्में देखना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। ऐसे में धर्मेंद्र अकसर पिता से छुपकर फिल्में देखने जाया करते थे। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब धर्मेंद्र को फिल्म अधूरी छोड़कर ही थिएटर से भागना पड़ा था। इतना ही नहीं, वह अपने पिता की डांट से इतना डर गए थे कि उन्हें बस की छत पर भी सफर करना पड़ा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धर्मेंद्र से जुड़ी यह बात उनके कॉलेज के दिनों से जुड़ी है। वह कॉलेज के दिनों में अकसर जालंधर फिल्में देखने जाया करते थे। लेकिन उन्हें हमेशा ही फिल्में अधूरी छोड़कर भागना पड़ता था, क्योंकि धर्मेंद्र फगवाड़ा से बस पकड़कर जलंधर जाते और फिल्में देखने के तुरंत बाद ही आखिरी बस पकड़कर लौट आते थे।
फगवाड़ा जाने वाली बस पकड़ने के लिए धर्मेंद्र को हमेशा फिल्म का अंत छोड़ना पड़ता था। ऐसे ही एक बार धर्मेंद्र सर्दियों में फिल्म देखने गए थे। इस बार भी धर्मेंद्र ने फिल्म का आखिरी भाग छोड़ दिया और बस पकड़ने के लिए आ गए। लेकिन कंडक्टर बस में लुधियाना की सवारी बैठा रहा था। ऐसे में जैसे ही धर्मेंद्र ने फगवाड़ा जाने की बात कही कंडक्टर ने उनसे कहा, ‘जल्दबाजी मत करो, पहले लुधियाना की सवारी बैठाने दो। अगर जगह बच जाएगी, तभी मैं तुम्हें बैठाउंगा।’
ऐसे में धर्मेंद्र के मन में डर बैठ गया कि अगर इस बस में जगह नहीं मिली और यह निकल गई तो पिता को पता चल जाएगा कि वह फिल्में देखने जाते हैं। धर्मेंद्र ने इस बात के डर से बार-बार कंडक्टर से उन्हें बैठाने की गुहार लगाई, लेकिन वह नहीं माना। हार मानकर धर्मेंद्र भागकर बस के पीछे लगी सीढ़ी से छत पर चढ़ गए और वहीं बैठ गए। जैसे ही धर्मेंद्र जालंधर पहुंचे, वह बस से उतरने लगे। इस बीच कंडक्टर की नजर उनपर पड़ गई। कंडक्टर ने गुस्से में आकर धर्मेंद्र को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन एक्टर तुरंत ही वहां से फरार हो गए।
इससे इतर धर्मेंद्र ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जहां स्कूल के उनके दिन अनुशासन में गुजरे तो वहीं कॉलेज में उन्होंने जमकर मस्ती की थी। धर्मेंद्र ने बताया कि कॉलेज के दिनों में उनका ध्यान पढ़ाई से भी हटना शुरू हो गया था, जिससे परीक्षा में भी उनके नंबर अच्छे नहीं आए थे। ऐसे में उन्होंने अपनी मार्कशीट को माता-पिता से भी छुपाने की कोशिश की थी।
बता दें कि धर्मेंद्र ने 14 साल की उम्र में पहली बार सिनेमा हॉल में कदम रखा था। वह थिएटर में स्क्रीन देखकर इस कदर हैरान रह गए थे कि उसके बाद से ही उन्होंने एक्टर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। उन्होंने फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।

