90 के दशक में एंग्री यंग मैन का खिताब पा चुके अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) जब परदे पर हाथों में बंदूक लिए नजर आते थे तो तालियों की गड़गड़ाहट और सीटियां बज उठती थीं। लेकिन असल जिंदगी में जब पिता से उन्होंने गन मंगाया तो उसे हाथ तक नहीं लगाया। ये किस्सा अमिताभ के बचपन के दिनों का है जब वे अपने पिता और मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन के साथ इलाहाबाद (प्रयागराज) में रहा करते थे।

हुआ यूं कि हरिवंश राय बच्चन कविता पाठ के लिए लंदन जा रहे थे। पिता के लंदन जाने की बात जब अमिताभ को पता चली तो उन्होंने कहा कि लंदन से मेरे लिए एक बंदूक भी लेते आना। अमिताभ बच्चन से बंदूक की बात सुन कवि हरिवंश राय बच्चन चौंक गए। उन्होंने बेटे से पूछा बंदूक क्यों? नन्हें अमिताभ ने जवाब दिया पक्षी मारने के लिए डैड। अमिताभ ने कहा कि मेरी दोस्त शशि के पास एक बंदूक है। वह कभी कभी मुझे भी चलाने के लिए दे देती है।

अमिताभ की बात पर हरिवंश राय ने कहा कि तुम पक्षी मारेगा ही क्यों? उन्होंने तेरा क्या बिगाड़ा है? पिता के सावालों पर अमिताभ ने कहा कि मैं उन्हें मारूंगा नहीं पालूंगा। पिता ने तुरंत कहा कि तुम उन्हें पालोगे भी तो क्यों वे आकाश के राजा हैं। उनको पिंजरे में बंद करना अच्छी बात नहीं। पिंजरे में बंद पक्षी की आंखों में तो देखो वो रोते हुए दिखते हैं।

अमिताभ बच्चन के जहन में पिता की ये बात घर कर गई। पिता की कही बातों से वे विचलित से हो गए। हरिवंश राय बच्चन लंदन से जब घर लौटे तो अमिताभ के लिए एयर गन भी ले आए। पिता की समझाइ गई ये बात कि पक्षियों को मारना नहीं चाहिए, उन्हें कैद भी नहीं करना चाहिए, उनके ज़हन में इस तरह बैठ गई कि फिर कभी भी उस एयर गन को हाथ तक नहीं लगाया।