बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर इन दिनों अपनी फिल्म एनिमल को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। इस फिल्म को खूब पसंद किया जा रहा है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। फिल्म में रणबीर कपूर की एक्टिंग की खूब तारीफ हो रही है। एनिमल जल्द ही 800 करोड़ के क्लब में शामिल होने जा रही है। इस फिल्म की सफलता ने रणबीर कपूर के करियर को अलग पहचान दी है।
वहीं 14 दिसंबर की तारीख रणबीर कपूर और हिंदी सिनेमा के लिए बेहद खास है। क्योंकि आज के दिन एक्टर के दादा यानी भारतीय राज कपूर की जयंती मनाई जाती है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में राज कपूर को महान एक्टर, निर्माता और निर्देशक माना जाता है। राज कपूर को भारतीय सिनेमा का शो मैन कहा जाता है।
उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए हिंदी सिनेमा को अलग दिशा दी है। राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को हुआ था। आज राज कपूर की 99वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इसी बीच रणबीर कपूर का एक पुराना इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह अपने दादा जी की तरह की लोकप्रिय होना चाहते हैं। साथ ही एक्टर ने एक किस्सा भी शेयर किया था।
रशियन्स उठा ले गए थे राज कपूर की कार
रणबीर कपूर ने 10 साल पहले द बिग इंडियन पिक्चर को दिए इंटरव्यू में बताया था कि “मैंने दादा जी के बारे में बहुत सारी कहानियां सुनी हैं। मुझे उनके जीवन के बारे में जानने में बहुत दिलचस्पी है। जब उनका निधन हुआ तब मैं केवल छह साल का था। वह आवारा के प्रीमियर के लिए रूस गए थे। वह थिएटर से बाहर आए, और वहां रशियन्स की एक बड़ी भीड़ उन्हें देखने के लिए इंतज़ार कर रही थी। वह अपनी कार के अंदर गए, और आप विश्वास नहीं करेंगे, ये सभी लोग, उनकी कार को उठाकर होटल ले गए। यह एक अलग तरह का स्टारडम है।”
रणबीर कपूर बनाएंगे राज कपूर की बायोपिक
एक्टर ने आगे कहा कि “मैं चाहता हूं कि मैं उनकी बायोपिक बनाऊं, लेकिन एक एक्टर के तौर पर नहीं बल्कि एक डायरेक्टर के रूप में मैं इस पर काम करूं। क्योंकि मेरा मानना है कि उनके बारे में मुझसे बेहतर शायद कोई बता सके। मैं उनकी जीवन को एक प्रोपेगेंडा फिल्म के तौर पर पेश नहीं करना चाहता। हर कोई जानता है कि उनकी लाइफ काफी विवादों से घिरी रही है। हमें उनकी कहानी को पूरी ईमानदारी से रखनी होगी, हम उसे प्रोपेगैंडा फिल्म नहीं बना सकते हैं। मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं उनकी बायोपिक बनाऊं। अगर दादा जी पर कभी भी बायोपिक बनी तो कहानी मैं खुद ही लिखूंगा। हालांकि मैं जानता हूं कि मैं कोई प्रोफेशनल राइटर नहीं हूं लेकिन दादा जी की बायोपिक मुझसे बेहतर कोई नहीं लिख सकता है। मैं आज जिस मुकाम पर हूं इसके लिए मुझे काफी हद तक अपने दादा जी से प्रेरणा मिली है। मैं उम्मीद करता हूं, वह जहां कहीं होंगे मुझे और मेरी फिल्मों को देखकर खुश होंगे। मैं जो काम कर रहा हूं उस पर वह गर्व महसूस करते होगें।”