अमिताभ बच्चन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई दशकों से लगातार काम करते आए हैं। नए कलाकारों के आने के बावजूद भी उनकी लोकप्रियता समय के साथ बढ़ी ही है। अमिताभ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के महानायक कहे जाते हैं। एक बार जब अमिताभ को कहा गया कि वो बॉलीवुड के बादशाह हैं तो उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री के बादशाह शाहरुख खान हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वो और उनका बेटा अभिषेक बच्चन भी शाहरुख खान की प्रजा हैं।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला के शो, ‘सीधी बात’ में अमिताभ बच्चन ने ये बातें कही थीं। दरअसल प्रभु चावला ने उनसे कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री के बादशाह अमिताभ हैं जिस पर अमिताभ ने कहा था, ‘नहीं, फ़िल्म इंडस्ट्री का बादशाह मैं नहीं हूं, फिल्म इंडस्ट्री के बादशाह हैं शाहरुख ख़ान। मैं एक सदस्य हूं फिल्म इंडस्ट्री का। मेरा कोई ऐसा इरादा नहीं है।’

अमिताभ से फिर पूछा गया था, ‘उनकी (शाहरुख ख़ान) प्रजा हैं कि नहीं हैं? शाहरुख खान बादशाह हैं तो आप प्रजा हुए न उनके।’ अमिताभ ने कहा था, ‘बिलकुल हुए, और मेरा बेटा भी हुआ। बिलकुल हम उनके सब्जेक्ट्स (प्रजा) हैं।’ अमिताभ से पूछा गया कि क्या वो नहीं चाहते उनका बेटा इंडस्ट्री का बादशाह बने? उन्होंने जवाब दिया था, ‘अवश्य चाहेंगे लेकिन पहले मेहनत तो करें।’

अमिताभ ने बताया था कि वो शाहरुख खान को बादशाह इसलिए मानते हैं क्योंकि शाहरुख खान की फिल्में सबसे ज्यादा चलती है। उन्होंने कहा था, ‘चाहे कोई कुछ भी कहे, ये मानना पड़ेगा कि वो सक्षम कलाकार हैं, उन्हें सबसे ज्यादा ख्याति मिली है।’

 

अमिताभ बच्चन भले ही खुद को बॉलीवुड का बादशाह मानने से इनकार करते हों, लेकिन जब शाहरुख बॉलीवुड के बादशाह बन चुके थे तब भी अमिताभ की फीस शाहरुख खान से कहीं ज्यादा होती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1993 में आई फ़िल्म ‘खुदा गवाह’ के लिए अमिताभ ने 3 करोड़ रूपए लिए थे।

वहीं शाहरुख खान ने इसके कुछ सालों बाद साल 1995 में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में काम किया, जो बेहद सफल हुई थी। बावजूद इसके शाहरुख खान की फीस उस वक्त 30 लाख रुपए हुआ करती थी।