राज्यसभा सदस्य और कभी समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे अमर सिंह (Amar Singh) का निधन हो गया। वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और सिंगापुर में उनका इलाज चल रहा था। अमर सिंह ने 64 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। कुछ महीने पहले अमर सिंह की एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमें उनका स्वास्थ्य काफी खराब दिख रहा था और वे बहुत कमजोर हो गए थे। कभी उत्तर प्रदेश की सियासत के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमर सिंह की समाजवादी पार्टी से जैसे-जैसे दूरी बढ़ी वैसे-वैसे वे सियासत में भी हासिये पर चले गए।

अमर सिंह राजनीतिक गलियारों में जितने चर्चित थे, उससे कहीं ज्यादा फिल्म इंडस्ट्री में उनका जिक्र होता था। खासकर बच्चन परिवार से संबंधों को लेकर। एक वक्त ऐसा था जब अमर सिंह और बच्चन परिवार बेहद करीबी थे। अमिताभ की पत्नी जया बच्चन को राजनीति में लाने वाले अमर सिंह ही थे। कहा तो यह भी जाता है कि अमिताभ बच्चन अपने तमाम महत्वपूर्ण फैसलों में अमर सिंह की राय जरूर लेते थे। हालांकि बाद में दोनों के बीच खटास आ गई और ऐसी आई कि अमर सिंह बच्चन परिवार को अपना जानी दुश्मन मानने लगे थे।

क्यों अमर सिंह-बच्चन की राहें हुई थीं जुदा? अमिताभ बच्चन और अमर सिंह के बीच दरार कैसे आई, इसका खुलासा खुद अमर सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। उनके मुताबिक साल 2012 में मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी ने अपने घर में एक पार्टी दी थी। इस पार्टी में तमाम नामी-गिरामी लोग मौजूद थे। जिसमें बच्चन परिवार और अमर सिंह भी शामिल थे।

इसी दौरान अमर सिंह की किसी बात पर जया बच्चन से बहस हुई और यह बहस तल्ख होती चली गई। इसके बाद दोनों के बीच मनमुटाव आ गया। इसके बाद अमर सिंह तमाम मौकों पर बच्चन परिवार पर निशाना साधते रहे। अमिताभ बच्चन अक्सर उनके निशाने पर रहते। यहां तक कि अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन के लिए यह भी कहा है कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसने मुझे ठगा नहीं’।

आखिरी दिनों में मांग ली थी माफी: अमर सिंह और बच्चन परिवार के बीच ये तल्खी लंबे वक्त जारी रही। हालांकि जब अमर सिंह बीमार पड़े और सिंगापुर इलाज के लिए गए तो अमिताभ बच्चन से सारे गिले-शिकवे मिटाकर माफी मांग ली थी। अमर सिंह ने लिखा था, ‘आज मेरे पिताजी की पुण्यतिथि है। अमिताभ बच्चन ने हर बार की तरह इस बार भी मुझे मैसेज किया। जीवन के इस पड़ाव पर जब मैं जीवन और मृत्यु से जूझ रहा हूं तब मुझे अमित जी और उनके परिवार के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया के लिए खेद है…’।