बॉलीवुड में 70-80 के दशक में जंपिंग जैक के नाम से पॉपुलर एक्टर जितेंद्र अपनी जबरदस्त एक्टिंग की वजह से जाने जाते रहे हैं। वैसे तो जितेंद्र का रियल नाम रवि कपूर था लेकिन बॉलीवुड में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। जितेंद्र को बॉलीवुड में लाने का श्रय डायरेक्टर वी शांताराम को जाता है। वी शांताराम ने ही जितेंद्र को पहली बार फिल्म नवरंग में एक छोटा सा रोल दिया था। चलिए बताते हैं वह रोचक किस्सा जब जितेंद्र ने पहली बार कैमरा फेस किया था।

दरअसल यह वाकया साल 1959 में रिलीज हुई वी शांताराम निर्देशित फिल्म नवरंग की शूटिंग के दौरान का है। फिल्म की शूटिंग राजकमल स्टूडियों में चल रही थी। वी शांताराम ने इस फिल्म जितेंद्र को पहली बार एक्टिंग करने का मौका दिया था। हालांकि जितेंद्र को फिल्म में सिर्फ एक छोटा सा डायलॉग ही बोलना था। जितेंद्र ने अपने सीन की पूरी तैयारी कर ली, डायलॉग को रट लिया लेकिन शूट के समय सब गड़बड़ हो गया।

वी शांताराम ने जितेंद्र को एक्टर उल्हास के सामने बोलने के लिए डायलॉग दिया था ‘सरदार सरदार दुश्मन टिड्डियों के दल की तरह बढ़ता ही आ रहा है’। जितेंद्र कैमरे के सामने पहुंचते ही काफी नर्वस हो गए और उन्हें एक शब्द के लिए 25 रीटेक लेने पड़े थे। तब तक वी शांताराम और बाकी लोग भी परेशान होने लगे। सभी जितेंद्रा काफी हौंसला बढ़ाया लेकिन हर जितेंद्र ‘टिड्डियों’ शब्द को सही से बोल नहीं पाते थे।

इसके बाद 25 रीटेक होने के बाद भी शॉट ओके ना होने पर वी शांताराम गुस्सा हो गए और उन्होंने जितेंद्र का डांट दिया। तब नौजवान जितेंद्र सेट पर ही रोने लगे। हालांकि आखिर तक जितेंद्र टिड्डियों को टिड्डियों नहीं बोल पाए थे लेकिन वी शांताराम ने थक हारकर वही गलत शॉट फाइनल कर दिया।

खैर, बाद में वह वी शांताराम ही थे जिन्होंने जितेंद्र को दोबार फिल्म सेहरा में काम करने का मौका दिया और 1964 में फिल्म गीत गाया पत्थरों में बतौर लीड एक्टर जितेंद्र को साइन किया था। यह फिल्म उस दौर की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी।