हिंदी सिनेमा के एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन अपने अब तक के जीवन में एक ही बार अपने पिता से नाराज हुए हैं। अभिषेक की जिंदगी पर आधारित नई किताब “अभिषेक बच्चन: स्टाइल एंड सब्सटैंस” में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है। 1982 में अमिताभ बैंगलोर (अब बेंगलुरु) में कुली फिल्म की शूटिंग करते समय घायल हो गए थे। अभिषेक के अनुसार, “1982 में छह साल की उम्र में पा को बैंगलोर के हमारे वेस्ट एंट होटल के कमरे में उठाकर लाया गया। मैं खुशी से लपककर उनकी तरफ बढ़ा, मैं उनकी पीठ पर सवार होना चाहता था। मुझे पता नहीं चला कि वो बुरी तरह घायल हैं। उस समय में उन्होंने पहली और आखिरी बार मुझे खुद से दूर झटक दिया। मुझे वो बात इतनी बुरी लगी कि मैं कई दिनों तक रूठा रहा।” लेखक और फोटोग्राफर प्रदीप चंद्रा की इस किताब में अभिषेक ने अपने बचपन से लेकर शादी और उसके बाद अपनी बेटी आराध्या के जन्म तक की बातें साझा की हैं।
अभिषेक ने बताया है कि उन्होंने अपने पिता को कमरे में दर्द से कराहते देखा लेकिन वो उनसे रूठे रहे और उन्हें नजरअंदाज करते रहे। अगली सुबह उन्हें और उनकी बहन श्वेता बच्चन को हवाईजहाज से मुंबई भेज दिया गया। अभिषेक के अनुसार ये पहला मौका था जब वो अपने माता-पिता के बैगर हवाई यात्रा कर रहे थे। बाद में अमिताभ को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभिषेक के अनुसार जब वो अस्पताल जाते थे तो दवा की बोतल और नलियों को दिखाकर उनके पिता अमिताभ कहते थे कि देखो तुम्हारे लिए पतंग लाया हूं।
अभिषेक बच्चन के अनुसार उनके माता-पिता उन्हें ये महसूस नहीं होने देते थे कि उनके पिता की स्थिति कितनी नाजुक है लेकिन घर से बाहर ऐसे मौके भी आए जब उन्हें सच का सामना करना पड़ा। अभिषेक के अनुसार स्कूल में एक दिन एक बच्चे ने उनसे पूछा, “तुम्हारे पापा मरने वाले हैं, हैं ना?” छह साल के अभिषेक को इस सवाल से गहरा धक्का लगा। उन्हें गश आ गया और उस रात उन्हें पहली अस्थमा का दौरा पड़ा। अभिषेक ने बताया है, “मा को बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ा था। उन्हे दो लोगों की देखभाल करनी पड़ रही थी। एक की अस्पताल में और दूसरे की घर में।” अभिषेक के अनुसार वो छह साल के थे लेकिन उन्हें मृत्यु के बारे में अहसास था। अभिषेक ने बताया है, “मैं पा के लिए डर गया था लेकिन मैं अपने डर को छिपाने की कोशिश करता था। मैं हर रात प्रार्थना करता था कि वो ठीक हो जाएं। साथ ही मैं नए खिलौने या नए पेंसिल सेट की भी गुजारिश करता था।”
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अमिताभ बच्चन अभिषेक के बचपन से ही उनके संग बड़ों की तरह बरताव करते थे। अभिषेक ने बताया है, “मेरे दादा कहते थे कि जब बाप का जूता बेटे के पैर में आने लगे वो बेटा नहीं रहता। हम दोनों 10 नंबर का जूता पहनते हैं। 14 साल की उम्र में मुझे पा के जूते होने लगे थे।” अभिषेक के अनुसार तब से वो दोनों दोस्तों की तरह हैं। अमिताभ जब घर पर नहीं होते थे तो अभिषेक से मां और दीदी का ख्याल रखने के लिए कहकर जाते थे। अभिषेक के बीच उनके बीच ये भरोसा और रिश्ता आज भी वैसा का वैसा ही है।
अभिषेक के अनुसार उनके परिवार में सभी को रूठने की आदत है लेकिन इस मामले में वो और उनकी मां जया बच्चन एक जैसे हैं और उनकी बहन श्वेता बच्चन और पिता अमिताभ बच्चन एक जैसे। अभिषेक ने बताया है, “…हमारे परिवार में सभी रूठने में माहिर हैं। मां और मैं घंटे या दो घंटे रूठे रहते हैं और पा और श्वेता दी कई महीनों तक रूठे रह सकते हैं।”
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