सोनाली फोगाट की मौत 23 अगस्त को गोवा के एक होटल में हुई थी। उनकी मौत के पीछे क्या कारण है? पुलिस लगातार इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। सामने आया है कि सोनाली को 22 अगस्त की रात उन्हीं के पीए सुधीर सांगवान ने नशीला पदार्थ पिलाया था, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई। जो खतरनाक ड्रग उन्हें दिया गया था उसे ‘मेथामफेटामाइन’ कहा जाता है।

मेथामफेटामाइन नाम का ये ड्रग सोनाली को उनके पीए सुधीर ने अपने साथी सुखविंदर के साथ मिलकर दिया था। जांच में सामने आया है कि सुधीर को ये खतरनाक ड्रग, नशीले पदार्थ तस्कर दत्ता प्रसाद गांवकर ने दिया था। गावंकर उसी होटल में काम करता है जहां सोनाली ठहरी हुई थीं। पुलिस ने ड्रग पेडलर गांवकर को भी गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है मेथामफेटामाइन?

NIDA (नैशनल इंस्टिट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज) के मुताबिक मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) बहुत ही खतरनाक और स्ट्रॉन्ग ड्रग होता है। इस ड्रग को लेने वालों को इसकी बुरी लत लग जाती है। जो लोग मेथामफेटामाइन ड्रग लेते हैं उनकी नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है।

ये देखने में कांच के टुकड़े जैसा चमकदार बारीक पाउडर जैसा होता है। इस ड्रग को कई तरह से कन्ज्यूम किया जाता है। इसे सिगरेट में भरकर, सूंघकर, गोली की तरह निगलकर और पानी या शराब में घोलकर लिया जाता है। सोनाली को ये ड्रग पानी में मिलाकर पिलाया गया था।

मेथामफेटामाइन का दिमाग पर असर?

मेथामफेटामाइन हमारे दिमाग में डोपामाइन को बढ़ा देता है। ये एक न्यूरोमॉड्यूलेटरी अणु है जो कोशिकाओं में कई बदलाव करता है। इसके सेवन से दिमाग की नर्व सेल्स के बीच सिग्नल को भेजती है और मूड अच्छा होने लगता है।

डोपामाइन बॉडी के मूवमेंट और हमारे व्यवहार में कई बदलाव पैदा करता है। लेकिन अगर इसकी डोज ज्यादा हो तो ये शरीर में खतरनाक रिएक्शन करता है। इसकी ओवर डोज से शरीर में जहरीला रिएक्शन होने लगता है जो जानलेवा हो सकता है। इसकी ओवरडोज के कारण स्ट्रोक व हार्ट अटैक आदि हो सकता है।