ऐसे समय में जब बालीवुड में पुरुष प्रधान किरदार वाली फिल्मों का बोलबाला है और ऐसी फिल्में सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल कर रही हैं, अभिनेता रणवीर सिंह का कहना है कि वे ‘जयेशभाई जोरदार’ जैसी फिल्म में काम करके बेहद खुश हैं जो ऐसी फिल्मों से बिल्कुल अलग है। रणवीर के मुताबिक ‘जयेशभाई जोरदार’ पूरी तरह से महिलाओं की जिंदगी और उनकी भावनाओं से जुड़े विषयों पर आधारित फिल्म है।

हालीवुड के महान एक्शन कलाकार अर्नोल्ड श्वाजर्नेगर और सिल्वेस्टर स्टेलोन के साथ-साथ हिंदी सिनेमा के एंग्री यंगमैन अमिताभ बच्चन को देखकर बड़े हुए रणवीर का कहना है कि वे अपने फिल्मी करिअर में संतुलन बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के किरदार निभाना चाहते हैं और इसे लेकर वे बेहद जुनूनी भी हैं। रणवीर ने विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं कि मैंने वास्तव में किसी ऐसी फिल्म में काम किया है जो प्रचलित विषयों से बिल्कुल अलग विषय पर बनी फिल्म है। मौजूदा समय में पुरुष प्रधान किरदारों वाली फिल्मों का बोलबाला है, लेकिन ‘जयेशभाई जोरदार’ ऐसी फिल्मों से बिल्कुल अलग है और मैं इसके बारे में दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने को लेकर बेहद उत्सुक हूं।’

रणवीर ने पुरुष प्रधान किरदारों वाली ‘पुष्पा’, ‘केजीएफ : चैप्टर 2’ और ‘सूर्यवंशी’ जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक संयोग ही है कि ‘जयेशभाई जोरदार’ ऐसे समय में रिलीज के लिए तैयार है जब पुरुष किरदारों की मर्दानगी प्रदर्शित करने वाली फिल्मों को खूब पसंद किया जा रहा है। ‘जयेशभाई जोरदार’ एक कामेडी ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशनदिव्यांग ठक्कर ने किया है। फिल्म का निर्माण यश राज फिल्म्स के बैनर तले हुआ है।फिल्म में रणवीर के अलावा शालिनी पांडे, बोमन ईरानी और रत्ना पाठक शाह भी अहम भूमिका में नजर आएंगे। ‘जयेशभाई जोरदार’ इस शुक्रवार 13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

रणवीर सिंह ने विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘मैं कला क्षेत्र में उत्तर बनाम दक्षिण के विषय को बेमानी मानता हूं और इसे इस नजरिए से कभी नहीं देखता। मेरे मुताबिक जीवन में बहुत सारे ऐसे क्षेत्र हैं, जहां प्रतिस्पर्धा की भावना होना स्वाभाविक है। उदाहरण के तौर पर खेल के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की भावना काफी प्रबल होती है। मैं कला के क्षेत्र में उत्तर बनाम दक्षिण की बहस को खारिज करता हूं।’

रणवीर ने कहा, ‘एक कलाकार के तौर पर मैं अपने ईमान और सत्यनिष्ठा की पूरी ताकत के साथ रक्षा करता हूं और कला का क्षेत्र विषयपरकता के दायरे में आता है, जहां प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं होनी चाहिए। मैं अपने सहयोगी और अन्य कलाकारों के साथ कभी प्रतिस्पर्धा नहीं करता। मैं बेहतर काम के लिए केवल अन्य कलाकारों की सराहना कर सकता हूं। मैं इसे ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ के नजरिए से नहीं देखता। हम सभी फिल्मी कलाकार भारतीय सिनेमा का हिस्सा हैं।’