Vivek Agnihotri News: ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहते हैं और तमाम समसामयिक मसलों पर अपनी राय रखते हैं। विवेक अग्निहोत्री ने अपने ताजा ट्वीट में लिखा, ‘जब कोरोना (Coronavirus) आया तब भारत के पास लड़ाई के लिए कुछ भी नहीं था। दुनिया के सुपर पावर मुल्कों ने हमें ब्लैकमेल किया और मरने के लिए अकेला छोड़ दिया। लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने बिना किसी संसाधन के लड़ाई लड़ी और अपना धर्म निभाया। हमने सबसे तेज और सबसे सुरक्षित वैक्सीन बनाई। एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया, जिस पर पूरा भारत गर्व कर सकता है’।
विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर लेखिका मिनी नैयर ने तंज कसते हुए लिखा, ‘आप भाभी जी पापड़ की बात कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के पास पर्याप्त फंडिंग थी। आपकी बातें कपोल-कल्पित हैं’। इस पर पलटवार करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, ‘दोस्तों आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना वायरस के दौरान अर्बन नक्सल भारत के दुश्मनों के लिए क्यों लॉबिंग कर रहे थे। अब भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ में एक साधारण ट्वीट पर क्यों उखड़ गए…’।
लेखक सलिल त्रिपाठी ने दिया जवाब: दोनों के ट्विटर वॉर में लेखक सलिल त्रिपाठी में उतर गए। उन्होंने लिखा, ‘विवेक, आप वैज्ञानिकों की तारीफ कर सकते हैं। लेकिन उनकी क्षमता पर टिप्पणी करने के लिए तकनीकी तौर पर आप सक्षम नहीं हैं, क्योंकि इसके लिए विज्ञान में पीएचडी की डिग्री चाहिए होती है, जो मुझे नहीं लगता कि आपके पास है। बस एक चीयरलीडर के तौर पर आप टिप्पणी करके खुश हो सकते हैं…मैं तो ऐसा नहीं करना चाहूंगा’।
ट्रोल का इंतजार ही कर रहा था: सलिल त्रिपाठी की इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, ‘मैं इंतजार ही कर रहा था कि एक औपनिवेशिक पैरवीकार मुझे मेरी अंग्रेजी के लिए ट्रोल करे। हिंदी माध्यम का छात्र होने के नाते मेरी स्पेलिंग कभी-कभी गलत हो सकती है, लेकिन मेरा संदेश हमेशा निशाने पर लगता है’।
इसके जवाब में त्रिपाठी ने लिखा, ‘मैं तो एक गुजराती मीडियम के स्कूल से पढ़ा हूं, इसलिए हमेशा इस बात को लेकर सावधान रहता हूं कि मैं अपनी भाषा में नहीं, बल्कि भाषा को कैसे सही तरीके से लिखूं। आपको भी कोशिश करनी चाहिए’।
