चरित्र अभिनेता ओम पुरी ने कमर्शियल फिल्मों के साथ साथ आर्ट फ़िल्मों ने भी काम किया। वो मुंबई आए तो थे हीरो बनने लेकिन चेहरे पर दाग के कारण उन्हें हीरो वाले किरदार नहीं मिले। ये और बात है कि उन्होंने आर्ट फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभाकर उन्होंने अपनी जो छवि बनाई वो किसी हीरो से कम नहीं है। हालांकि ओम पुरी का कहना था कि हीरो न बन पाने के कारण वो उतने पैसे नहीं कमा पाए। एक वक्त ओम पुरी ने कुछ ऐसी फिल्में भी की जिन्हें बी ग्रेड माना गया। इसी बात को लेकर जब प्रभु चावला ने उनसे सवाल पूछा कि क्या उन्होंने पैसों के लिए ऐसी फिल्में की तो वो भड़क गए थे।

आज तक के शो, ‘सीधी बात’ में प्रभु चावला ने उनसे सवाल पूछा था, ‘आपने आर्ट फिल्में की, स्टैंडर्ड फिल्में की, अभी बी ग्रेड फिल्में जैसे एके 47, गुरु महागुरु जैसी फिल्में क्यों कर रहे हैं?’ जवाब में ओम पुरी ने कहा, ‘एके 47 बी ग्रेड कैसे हो गई? फिल्म कहती क्या है ये तो देखिए आप। गुरु महागुरु को आप मान सकते हैं बी ग्रेड।’

प्रभु चावला ने उनसे फिर सवाल किया, ‘फिर आपने क्यों किया? पैसे के लिए? 54 साल की उम्र है आपकी।’ ओम पुरी ने जवाब दिया, ‘हां बिलकुल! मैं कोई अमीर घर का नहीं हूं कि मेरे मां बाप कोई जमींदार थे, बहुत बड़े कारखाने थे उनके। मैं आया हूं एक मध्यम परिवार से।’ ओम पुरी अभी बोल ही रहे थे कि प्रभु चावला ने उन्हें टोकते हुए कहा था, ‘पैसा कमाने के लिए आए हैं।’

उनकी बात पर भड़कते हुए ओम पुरी ने कहा था, ‘अरे पैसे के पीछे बार-बार क्यों पड़े हैं? ले चलूं आपको घर? मेरा एक घर है और मैं अच्छे से रहता हूं लेकिन आप तो ऐसे पीछे पड़े हैं जैसे पैसे के अलावा मुझे और कोई काम ही नहीं है। पैसे का इतना लालच होता तो मैं आपसे कहता कि यार सीधी बात में आधा घंटा बोलने के लिए मुझे पैसा दो। मैंने मांगा आपसे पैसा? मांगा क्या?’

 

इसी बीच प्रभु चावला ने सवाल किया गया कि वो बॉलीवुड छोड़ हॉलीवुड की फ़िल्मों में क्यों काम करते हैं, पैसे के लिए? जवाब में ओम पुरी ने कहा, ‘पैसा मेरे लिए जरूरी है अच्छा जीवन बिताने के लिए, कार बंगले के लिए जरूरी नहीं लेकिन अच्छे से रहने के लिए चाहिए।’ जब प्रभु चावला ने उन्हें फिर टोका तो वो भड़क गए और बोले, ‘आप शैतान हैं। आप बहुत शरारती हैं। आप मुझसे बुलवा रहे हैं जो खुद बोलना चाहते हैं।’

ओम पुरी ने अपने फिल्मी करियर में कई बेहतरीन फिल्में दी जैसे आक्रोश, अर्धसत्य, माचिस, धूप। अर्धसत्य में उनके अभिनय के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। साल 1990 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया। ओम पुरी का निधन 6 जनवरी 2017 को हो गया था।