Uttar Ramayan 3rd May 2020 Episode Update: महाकाल, ऋषि का रूप धारणकर राम जी से मिलने आते हैं। महाकाल राम जी से कहते हैं कि प्रभु अब आपका यहां पर समय पूरा हो गया है आपने अपने लिए जितना समय चुना था वो पूरा हो गया है अब आपके परम धाम में चलने का समय आ गया है। राम जी महाकाल से कहते हैं कि मैंने ही आपका स्मरण किया था तभी आप यहां पर मेरे समक्ष आए हैं।

प्रभु राम अयोध्या वासियों और अपने प्रियजनों से विदा लेकर अपने धाम में पधार जाते हैं। राम जी भगवान विष्णु के रूप में आ जाते हैं। राम जी के विष्णु अवतार का दर्शन कर सभी लोग खुश होते हैं। राम जी के अलवा समस्त अयोध्या वासी बैकुंठ को लौट जाते हैं। साकेत धाम में ऋषि वाल्मीकि के कथन के अनुसार देवी सीता और राम का मिलन होता है। देवी सीता मां लक्ष्मी के रूप में राम जी की सेवा करती हैं।

वहीं इससे पहले वाल्मीकि के साथ सीता जी राम जी के राज भवन में प्रवेश करती हैं। वाल्मीकि राम को इस बात का विश्वास दिलाने का भरसक प्रयास करते हैं कि लव-कुश उन्हीं के पुत्र हैं। ऋषि राजा राम से कहते हैं कि मैंने हजारों वर्षों तक तपस्या की है और आज तक कभी भी झूठ नही बोला अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मुझे मेरी तपस्या का कोई फल न मिले। ऋषि वाल्मीकि राम से कहते हैं सीता की पवित्रता को लेकर उनको पूरा यकीन है।

वाल्मीकि के कथनों से राम जी का शक दूर नही होता है। राम जी कहते हैं कि ऋषि वाल्मिकि की बातों पर मुझे पूरा यकीन है। राम जी कहते हैं कि मुझे इस बात का भी पता है कि लव-कुश मेरे ही पुत्र हैं लेकिन अगर सीता ये परीक्षा और दे देंं तो फिर मुझे अधिक प्रसन्नता होगी। राजा राम की बातों को सुनकर भीगी पलकों के साथ माता सीता सभा के बीच में आती हैं और धरती माता से पुकार लगाती हैं अगर प्रभु राम के प्रति मेरा प्रेम सच्चा है तो फिर इसी क्षड़ मुझे अपनी गोद में समा लें। सीता माता की पुकार सुन धरती माता प्रकट होती हैं और सीता जी को अपने साथ लेकर चली जाती हैं।

 

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Highlights

    11:00 (IST)03 May 2020
    समाप्त हुई प्रभु राम की लीला

    महाकाल, ऋषि का रूप धारणकर राम जी से मिलने आते हैं। महाकाल राम जी से कहते हैं कि प्रभु अब आपका यहां पर समय पूरा हो गया है आपने अपने लिए जितना समय चुना था वो पूरा हो गया है अब आपके परम धाम में चलने का समय आ गया है। राम जी महाकाल से कहते हैं कि मैंने ही आपका स्मरण किया था तभी आप यहां पर मेरे समक्ष आए हैं। प्रभु राम अयोध्या वासियों और अपने प्रियजनों से विदा लेकर अपने धाम में पधार जाते हैं। राम जी भगवान विष्णु के रूप में आ जाते हैं। राम जी के विष्णु अवतार का दर्शन कर सभी लोग खुश होते हैं। राम जी के अलवा समस्त अयोध्या वासी बैकुंठ को लौट जाते हैं। साकेत धाम में ऋषि वाल्मीकि के कथन के अनुसार देवी सीता और राम का मिलन होता है। देवी सीता मां लक्ष्मी के रूप में राम जी की सेवा करती हैं।

    10:46 (IST)03 May 2020
    राम ने किया लक्ष्मण का त्याग

    ऋषि दुर्वासा, लक्ष्मण से कहते हैं कि अगर तुम मुझे राम से मिलने नही दोगे तो मैं समस्त अयोध्या को राख कर दूंगा। अयोध्या को बचाने के लिए लक्ष्मण खुद राम के समक्ष जाने का फैसला करते हैं। लक्ष्मण इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थे कि राम जी ने महाकाल को वचन दिया है कि अगर हमारी बातों के बीच कोई भी आया तो आप उसे मृत्यु दंड देंगे। लक्ष्मण को देखकर राम हैरान होते हैं और उससे पूछते हैं कि ये तुमने क्या किया।  लक्ष्मण प्रभु राम से सारी बात बताते हैं जिसे सुनकर राम जी दुर्वासा ऋषि से मिलने जाते हैं। राम अपने वचन से बंध हुए हैं ऐसे में लक्ष्मण प्रभु राम के दिल की बात जान जाते हैं।

    10:26 (IST)03 May 2020
    महाकाल और प्रभु राम के बीच संवाद

    तपस्वी ऋषि राजा राम से भेंट करने पहुंच चुके हैं। ऋषि राम से कहते हैं कि अब मैं जो बात आपसे कहने जा रहा हूं अगर वो बात मेरे और आपके सिवा किसी ने सुनी तो आप उसको प्राण दंड देंगे ये प्रतिज्ञा लें तभी मैं आपसे वो बात कहुंगा। राम, ऋषि को वचन देते हैं कि आप जैसा कह रहे हैं वैसा ही होगा। महाकाल, ऋषि का रूप धारणकर राम जी से मिलने आया था। महाकाल राम जी से कहता है कि प्रभु अब आपका यहां पर समय पूरा हो गया है आपने अपने लिए जितना समय चुना था वो पूरा हो गया है अब आपके परम धाम में चलने का समय आ गया है। राम जी महाकाल से कहते हैं कि मैंने ही आपका स्मरण किया था तभी आप यहां पर मेरे समक्ष आए हैं।

    10:09 (IST)03 May 2020
    राम ने पूरे किए अपने सारे कर्तव्य

    सीता माता के धरती की गोद में समा गई हैं। राम अपने पुत्रों संग खुशी-खुशी रहने लगे। प्रभु राम के राज्य में समस्य अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ गई है। राम ने अपने भाइयों और उनके बच्चों को नई जिम्मेदारियां देते हुए राज्य संभालने को कह दिया है।

    09:59 (IST)03 May 2020
    सीता जी ने ली विदाई

    माता सीता की पुकार सुन धरती मां खुद प्रकट होती हैं और सीता जी को लेने आती हैं। सीता जी प्रभु राम समेत सभी लोगों से अंतिम विदाई लेती हैं और राजा राम से कहती हैं कि मैं कामना करुंगी कि अगर मेरा और कोई जन्म हो तो आप ही मेरे पति बनें। सीता कहती हैं कि हे प्रभु पर अब कभी मेरे साथ ऐसी स्थिति मत लाना। वहीं अयोध्या वासियों को अपनी गलती का एहसास होता है और वो सीता जी से माफी मांगते हैं। 

    09:46 (IST)03 May 2020
    सीता जी ने लगाई धरती मां से गुहार

    राजा राम की बातों को सुनकर भीगी पलकों के साथ माता सीता सभा के बीच में आती हैं और धरती माता से पुकार लगाती हैं अगर प्रभु राम के प्रति मेरा प्रेम सच्चा है तो फिर इसी क्षड़ मुझे अपनी गोद में समा लें। सीता माता की बात सुनकर राजा राम समेत समस्त सभा काफी ज्यादा चौंक जाती है।

    09:37 (IST)03 May 2020
    अगर सीता परीक्षा दे देंं तो मुझे अधिक प्रसन्नता होगी - श्री राम

    वाल्मीकि के कथनों से राम जी का शक दूर नही होता है। राम जी कहते हैं कि ऋषि वाल्मिकि की बातों पर मुझे पूरा यकीन है। राम जी कहते हैं कि मुझे इस बात का भी पता है कि लव-कुश मेरे ही पुत्र हैं लेकिन अगर सीता ये परीक्षा और दे देंं तो फिर मुझे अधिक प्रसन्नता होगी।

    09:34 (IST)03 May 2020
    ऋषि वाल्मीकि और राम जी के बीच संवाद

    ऋषि वाल्मीकि राजा राम से कहते हैं कि मैंने हजारों वर्षों तक तपस्या की है और आज तक कभी भी झूठ नही बोला अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मुझे मेरी तपस्या का कोई फल न मिले। ऋषि वाल्मीकि राम से कहते हैं सीता की पवित्रता को लेकर उनको पूरा यकीन है। इनका आचरण एकदम शुद्ध है पार इसे छू भी नही सकता है वरन देवता देवी सीता की ही स्तुति करते हैं।

    09:14 (IST)03 May 2020
    सीता जी को देनी होगी परीक्षा

    लव-कुश को लेकर प्रभु राम के मन मे सवाल खड़े होते हैं। राम देवी सीता को अयोध्या में पेश होने का फरमान जारी करते हैं। वाल्मीकि के साथ सीता जी राम जी के राज भवन में प्रवेश करती हैं। वाल्मीकि राम को इस बात का विश्वास दिलाने का भरसक प्रयास करते हैं कि लव-कुश उन्हीं के पुत्र हैं। ऋषि राजा राम से कहते हैं कि मैंने हजारों वर्षों तक तपस्या की है और आज तक कभी भी झूठ नही बोला अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मुझे मेरी तपस्या का कोई फल न मिले। ऋषि वाल्मीकि राम से कहते हैं सीता की पवित्रता को लेकर उनको पूरा यकीन है।

    09:01 (IST)03 May 2020
    लक्ष्मण-भरत सहित अयोध्या वासियों की आंखे आई भर

    राज महल में बैठे सभी लोग रामकथा सुनकर भावुक हो जाते हैं। कथा सुनाते-सुनाते श्री राम के सामने ही लव कुश ने रोते हुए राज महल में ये बता दिया की वो ही श्री राम प्रभु और मां जानकी के पुत्र हैं। इस दौरान राजमहल में बैठे सभी लोग हैरान हो जाते हैं वहीं लक्ष्मण-भरत सहित अयोध्या वासियों की आंखे भर आती हैं। 

    08:55 (IST)03 May 2020
    रामायण 3 अप्रैल एपिसोड अपडेट

    रामायण में अबतक आपने देखा कि लव कुश अयोध्यावासियों को सीता के करुणा की कथा सुनाते हैं। जिसे सुन अयोध्यावासी अपने किए पर पछताते हुए रो पड़ते हैं। राम भी लव कुश की गीतों को उन्हें महल में आमंत्रित करते हैं। लव कुश यहां संपूर्ण रामायण को गा कर सुनाते हैं। रामकथा को राजमहल के अधिकारी सहित आमजन भी सुन रहे होते हैं। अयोध्या के राज महल में प्रभु श्री राम की अनुमति से लव कुश रामायण की कथा सुनाते हैं।

    23:19 (IST)02 May 2020
    प्रभु राम की लीला हुई समाप्त

    महाकाल, ऋषि का रूप धारणकर राम जी से मिलने आते हैं। महाकाल राम जी से कहते हैं कि प्रभु अब आपका यहां पर समय पूरा हो गया है आपने अपने लिए जितना समय चुना था वो पूरा हो गया है अब आपके परम धाम में चलने का समय आ गया है। राम जी महाकाल से कहते हैं कि मैंने ही आपका स्मरण किया था तभी आप यहां पर मेरे समक्ष आए हैं। प्रभु राम अयोध्या वासियों और अपने प्रियजनों से विदा लेकर अपने धाम में पधार जाते हैं। राम जी भगवान विष्णु के रूप में आ जाते हैं। राम जी के विष्णु अवतार का दर्शन कर सभी लोग खुश होते हैं। राम जी के अलवा समस्त अयोध्या वासी बैकुंठ को लौट जाते हैं। साकेत धाम में ऋषि वाल्मीकि के कथन के अनुसार देवी सीता और राम का मिलन होता है। देवी सीता मां लक्ष्मी के रूप में राम जी की सेवा करती हैं।

    23:15 (IST)02 May 2020
    राम और सीता का हुआ मिलन

    राम जी विष्णु के चतुर्भुज अवतार में आ जाते हैं। राम जी के अलवा समस्त अयोध्या वासी बैकुंठ को लौट जाते हैं। साकेत धाम में ऋषि वाल्मीकि के कथन के अनुसार देवी सीता और राम का मिलन होता है। देवी सीता मां लक्ष्मी का अवतार लेेेती हैं और राम जी की सेवा करती हैं।

    22:58 (IST)02 May 2020
    अपने धाम को पधारे राम

    प्रभु राम अयोध्या वासियों और अपने प्रियजनों से विदा लेकर अपने धाम में पधार जाते हैं। राम जी भगवान विष्णु के रूप में आ जाते हैं। राम जी के विष्णु अवतार का दर्शन कर सभी लोग खुश होते हैं। इससे पहले राम जी ने अपना फैसला सुनाते हुए और अपने वचन को बनाए रखने के लिए अपने भाई लक्ष्मण का त्याग कर दिया था।

    22:35 (IST)02 May 2020
    एक बार फिर दुविधा से घिरे राम

    लक्ष्मण प्रभु राम से सारी बात बताते हैं जिसे सुनकर राम जी दुर्वासा ऋषि से मिलने जाते हैं। राम अपने वचन से बंध हुए हैं ऐसे मेें लक्ष्मण प्रभु राम के दिल की बात जान जाते हैं।

    22:22 (IST)02 May 2020
    लक्ष्मण ने दिया बलिदान

    ऋषि दुर्वासा, लक्ष्मण से कहते हैं कि अगर तुम मुझे राम से मिलने नही दोगे तो मैं समस्त अयोध्या को राख कर दूंगा। अयोध्या को बचाने के लिए लक्ष्मण खुद राम के समक्ष जाने का फैसला करते हैं। लक्ष्मण इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थे कि राम जी ने महाकाल को वचन दिया है कि अगर हमारी बातों के बीच कोई भी आया तो आप उसे मृत्यु दंड देंगे। लक्ष्मण को देखकर राम हैरान होते हैं और उससे पूछते हैं कि ये तुमने क्या किया। 

    22:19 (IST)02 May 2020
    परम धाम में पहुंचने का आया समय

    महाकाल, ऋषि का रूप धारणकर राम जी से मिलने आया था। महाकाल राम जी से कहता है कि प्रभु अब आपका यहां पर समय पूरा हो गया है आपने अपने लिए जितना समय चुना था वो पूरा हो गया है अब आपके परम धाम में चलने का समय आ गया है। राम जी महाकाल से कहते हैं कि मैंने ही आपका स्मरण किया था तभी आप यहां पर मेरे समक्ष आए हैं।

    22:17 (IST)02 May 2020
    ऋषि ने की राजा राम से भेंट

    तपस्वी ऋषि राजा राम से भेंट करने पहुंच चुके हैं। ऋषि राम से कहते हैं कि अब मैं जो बात आपसे कहने जा रहा हूं अगर वो बात मेरे और आपके सिवा किसी ने सुनी तो आप उसको प्राण दंड देंगे ये प्रतिज्ञा लें तभी मैं आपसे वो बात कहुंगा। राम, ऋषि को वचन देते हैं कि आप जैसा कह रहे हैं वैसा ही होगा।

    22:14 (IST)02 May 2020
    राम राज्य में प्रजा सुखी

    सीता माता के धरती की गोद में समा गई हैं। राम अपने पुत्रों संग खुशी-खुशी रहने लगे। प्रभु राम के राज्य में समस्य अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ गई है। राम ने अपने भाइयों और उनके बच्चों को नई जिम्मेदारियां देते हुए राज्य संभालने को कह दिया है।

    22:02 (IST)02 May 2020
    साकेत धाम में होगा राम-सीता का मिलन

    वाल्मीकि प्रभु राम को दुखी होता देख कहते हैं कि होनी को कोई नही टाल सकता। वाल्मीकि राम जी से कहते हैं कि अब आपका सीता से मिलन साकेत धाम में होगा। आखिरकार ऋषि वाल्मीकि राम जी की धरोहर लव-कुश को उन्हें सौंपने का फैसला करते हैं। वाल्मीकि ऋषि लव-कुश से कहते हैं कि आज से प्रभु राम ही आपके माता और पिता हैं।

    21:57 (IST)02 May 2020
    धरती की गोद में समाईं देवी सीता

    माता सीता की पुकार सुन धरती मां खुद प्रकट होती हैं और सीता जी को लेने आती हैं। सीता जी प्रभु राम समेत सभी लोगों से अंतिम विदाई लेती हैं और राजा राम से कहती हैं कि मैं कामना करुंगी कि अगर मेरा और कोई जन्म हो तो आप ही मेरे पति बनें। सीता कहती हैं कि हे प्रभु पर अब कभी मेरे साथ ऐसी स्थिति मत लाना। वहीं अयोध्या वासियों को अपनी गलती का एहसास होता है और वो सीता जी से माफी मांगते हैं। 

    21:45 (IST)02 May 2020
    सीता जी को एक बार फिर गुजरना पड़ा अग्नि परीक्षा से

    वाल्मीकि के कथनों से राम जी का शक दूर नही होता है। राम जी कहते हैं कि ऋषि वाल्मिकि की बातों पर मुझे पूरा यकीन है। राम जी कहते हैं कि मुझे इस बात का भी पता है कि लव-कुश मेरे ही पुत्र हैं लेकिन अगर सीता ये परीक्षा और दे देंं तो फिर मुझे अधिक प्रसन्नता होगी। राजा राम की बातों को सुनकर भीगी पलकों के साथ माता सीता सभा के बीच में आती हैं और धरती माता से पुकार लगाती हैं अगर प्रभु राम के प्रति मेरा प्रेम सच्चा है तो फिर इसी क्षड़ मुझे अपनी गोद में समा लें। सीता माता की बात सुनकर राजा राम समेत समस्त सभा काफी ज्यादा चौंक जाती है।

    21:36 (IST)02 May 2020
    राज भवन में हुआ सीता जी का आगमन

    ऋषि वाल्मिकी के साथ सीता जी राम जी के राज भवन में प्रवेश कर चुकी हैं। वाल्मिकी राम को इस बात का विश्वास दिलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं कि लव-कुश उन्हीं के पुत्र हैं। ऋषि राजा राम से कहते हैं कि मैंन हजारों वर्षों तक तपस्या की है और आज तक कभी भी झूठ नही बोला अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मुझे मेरी तपस्या का कोई फल न मिले। ऋषि राम से कहते हैं सीता की पवित्रता को लेकर आपको भी उतना ही यकीन है जितना की मुझे।

    21:29 (IST)02 May 2020
    राम जी ने दिया आदेश

    राम जी ने आदेश देते हुए कहा कि कल यहां पर समस्त अयोध्या वासियों के सामने देवी सीता उपस्थित होगीं। वहीं दूसरी ओर राम की मां उनसे कहती हैं कि सीता का दोष केवल इतना कि वो स्त्री है। मेरे विचार से पुत्र राम तुमने जो सीता की पहली अग्नि परीक्षा ली वो भी अनुचित थी।

    21:19 (IST)02 May 2020
    लव कुश ने किया राम कथा का वर्णन

    भगवान राम रे संपूर्ण चरित्र का वर्णन करते हैं। राज महल में बैठे सभी लोग उनकी कथा सुनकर भावुक हो जाते हैं। कथा सुनाते-सुनाते श्री राम के सामने ही लव कुश ने रोते हुए राज महल में ये बता दिया की वो ही श्री राम प्रभु और मां जानकी के पुत्र हैं। इस दौरान राजमहल में बैठे सभी लोग हैरान हो जाते हैं वहीं लक्ष्मण-भरत सहित अयोध्या वासियों की आंखे भर आती हैं। वहीं इससे पहले श्री राम प्रभु से युद्ध करने को ललाहित लव कुश को वाल्मीकि ऋषि ने रोक दिया है। इसके बाद मां सीता ने रोते हुए उन्हें बताया कि श्री राम तुम्हारे पिता हैं।

    21:09 (IST)02 May 2020
    सीता की करुण कथा सुनकर रो पड़े अयोध्यावासी

    लव कुश अयोध्यावासियों को वह सीता की करुण कथा सुनाते हैं। जिसे सुन अयोध्यावासी अपने किए पर पछताते हुए रो पड़ते हैं। राम भी लव कुश की गीतों को उन्हें महल में आमंत्रित करते हैं। लव कुश यहां संपूर्ण रामायण को गा कर सुनाते हैं। रामकथा को राजमहल के अधिकारी सहित आमजन भी सुन रहे होते हैं। अयोध्या के राज महल में प्रभु श्री राम की अनुमति से लव कुश रामायण की कथा सुनाते हैं।

    20:42 (IST)02 May 2020
    सीता जी की आंखों में आए आंसू

    लव कुश रघुकुल के राजकुमारों से युद्ध की बात सीता को बताते हैंं। सीता जैसे ही सुनती हैं कि लव कुश ने शत्रुघ्न, लक्ष्मण और भरत, हनुमान से युद्ध किया है वह हौरान हो जाती हैं और रो पड़ती हैं। सीता बताती हैं कि हनुमान तो उनका पहला पुत्र है। तुमसे बड़ा। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भी मेरे पुत्र हैं। सीता कहती हैं ये तुमने क्या कर दिया। सीता बताती हैं कि राम ही तुम्हारे पिता है। तभी वाल्मीकि भी आ जाते हैं और सच्चाई से अवगत कराते हैं। लव और कुश ये बात सुन रो पड़ते हैं और कहते हैं क्या राम ही हमारे पिता है। लेकिन अभी तक ये बात क्यों छुपाई। वाल्मीकि कहते हैं कि हर चीज के प्रकट होने का समय होता है। और ये समय आ गया है। जाओ और अयोध्यावासियों को सीता के करुण गाथा से परिचित कराओ..

    20:41 (IST)02 May 2020
    रामायण में अब तक आपने देखा...

    लव कुश को पता चल चुका है कि प्रभु श्री राम ही उनके पिता हैं। जिसके बाद वाल्मीकि के कहने पर लव कुश अयोध्या जा कर घर घर में मां जानकी की कथा सुना कर उनके उपर लगे धब्बे को धोना होगा। इस के बाद लव कुश अयोध्या जाकर घर घर मां जानकी के चरित्र पर लगे कलंक को मिटा रहे हैं।