Uttar Ramayan : श्रीराम से मिलने गुप्तचर पहुंचते हैं। राम गुप्तचरों से नगर का हाल-चाल पूछते हैं। वे नगर के कुशल मंगल होने की बात कहते हैं। प्रभु राम को गुप्तचर की बातें सुनकर संतोष नही मिलता जिसके चलते वो गुप्तचर से कहते हैं कि उन्होंने फैसला किया है कि वो खुद गांव में जाएंगे। वहीं सीता माता राम से पूछती हैं कि ऐसी कौन सी बात आ गई जिसके चलते आपने भेस बदलकर गांव जाने का फैसला किया है। जिसपर राम कहते हैं कि ये राजधर्म है इसलिए उन्हें ऐसा करना होगा।

राम भेस बदलकर गांव पहुंचकर गांववालों की बातें सुनते हैं। ज्यादातर लोग कहते हैं कि लोग राजा राम के पास इंसाफ के लिए जाते तो फिर उन्हें न्याय नही मिलता क्योंकि वास्तव में हमारा राजा महान तो है लेकिन वो निजी रूप से निर्बल है क्योंकि उसे सीता से मोह है जिसके चलते रावण के साथ इतना समय व्यतीत करने के बावजूद उसने उसे घर में रखने के साथ ही सिंहासन पर भी बैठा दिया। जैसा राजा होता है वैसी ही प्रजा भी होती है सीता को देख हमारे राज्य की सारी महिलाएं पतित हो रही हैं।

गांववालों की बातें सुनकर राम काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। और गुप्तचर से गुस्से में पूछते हैं कि क्या सारे नगर में देवी सीता के बारे में इस ही तरह की बातें होती हैं। गुप्तचर पहले तो राम जी के सवालों से बचने की कोशिश कर रहा होता है लेकिन राम जी के अति क्रोधित होने पर वो प्रभु श्रीराम को सच्चाई बताते हुए कहता है कि पूरे राज्य में माता सीता को लेकर गलत बातें होती हैं।

वहीं सीता, प्रभु राम से पूछती हैं कि गांव में किसी ने आपको पहचाना तो नही जिसका जवाब देते हुए राम कहते हैं कि सबकुछ ठीक रहा। प्रभु राम सीता से सारी बातें छिपाने की कोशिश करते हैं जिसपर सीता उनसे कहती है कि हमें प्रजा की बातों का विश्वास करना चाहिए जिसपर राम कहते हैं कि प्रजा अपने मतलब के लिए राजा का खून तक पीने में पीछे न हटे। राम की बात सुनकर सीता को हैरानी होती है लेकिन फिर भी प्रभु श्रीराम राज्य में उनको लेकर जो कुछ भी बोला जा रहा है उसपर किसी तरह की टिप्पणी नही करते हैं। राम ये कहकर वहां से चले जाते हैं कि मंत्रीगण उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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22:00 (IST)22 Apr 2020
सीता ने राम से पूछा क्या दूर हो गई आपके मन की शंका

सीता, प्रभु राम से पूछती हैं कि गांव में किसी ने आपको पहचाना तो नही जिसका जवाब देते हुए राम कहते हैं कि सबकुछ ठीक रहा। प्रभु राम सीता से सारी बातें छिपाने की कोशिश करते हैं जिसपर सीता उनसे कहती है कि हमें प्रजा की बातों का विश्वास करना चाहिए जिसपर राम कहते हैं कि प्रजा अपने मतलब के लिए राजा का खून तक पीने में पीछे न हटे। राम की बात सुनकर सीता को हैरानी होती है लेकिन फिर भी प्रभु श्रीराम राज्य में उनको लेकर जो कुछ भी बोला जा रहा है उसपर किसी तरह की टिप्पणी नही करते हैं। राम ये कहकर वहां से चले जाते हैं कि मंत्रीगण उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

21:50 (IST)22 Apr 2020
राम हुए व्याकुल

गांववालों की बातें सुनकर राम काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। और गुप्तचर से गुस्से में पूछते हैं कि क्या सारे नगर में देवी सीता के बारे में इस ही तरह की बातें होती हैं। गुप्तचर पहले तो राम जी के सवालों से बचने की कोशिश कर रहा होता है लेकिन राम जी के अति क्रोधित होने पर वो प्रभु श्रीराम को सच्चाई बताते हुए कहता है कि पूरे राज्य में माता सीता को लेकर गलत बातें होती हैं।

21:45 (IST)22 Apr 2020
भेस बदलकर राम पहुंचे गांव

राम भेस बदलकर गांव पहुंचकर गांववालों की बातें सुन रहे हैं। ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि अगर इस मामले में लोग राजा राम के पास इंसाफ के लिए जाते तो फिर उन्हें न्याय नही मिलता क्योंकि वास्तव में हमारा राजा महान तो है लेकिन वो निजी रूप से निर्बल है क्योंकि उसे सीता से मोह है जिसके चलते रावण के साथ इतना समय व्यतीत करने के बावजूद उसने उसे घर में रखने के साथ ही सिंहासन पर भी बैठा दिया। जै्सा राजा होता है वैसी ही प्रजा भी होती है सीता को देख हमारे राज्य की सारी महिलाएं पतित हो रही हैं।

21:35 (IST)22 Apr 2020
गुप्तचर की बातें सुनकर राम को नही मिल संतोष

प्रभु राम को गुप्तचर की बातें सुनकर संतोष नही मिलता जिसके चलते वो गुप्तचर से कहते हैं कि उन्होंने फैसला किया है कि वो गुप्तचर के साथ खुद गांव में जाएंगे। वहीं सीता माता राम से पूछती हैं कि ऐसी कौन सी बात आ गई जिसके चलते आपने भेस बदलकर गांव जाने  का फैसला किया है। जिसपर राम कहते हैं कि ये राजधर्म है इसलिए उन्हें ऐसा करना होगा।

21:32 (IST)22 Apr 2020
राम के मन में उठ रहे हैं सवाल

राम कह रहे हैं कि पति पत्नी का रिश्ता काफी मजबूद होता है। जब उन्हें पता चलता है कि राज्य की जिस स्त्री की उन्हें चिंता है उसे उसका पति इस कारण छोड़ देता है कि उसने एक रात बारिश के कारण केवट के यहां बिताई थी। जब वो स्त्री लौटकर अपने पति के पास जाती है तो वो उसे ये कहकर अपनाने से मना कर देता है कि तुम अपवित्र हो चुकी हो जहां एक रात बिताई हो वहां जाकर पूरा जीवन बिताओ। जिसपर वो स्त्री कहती है अब उसे चिंता की जरुरत नही है क्योंकि ये राज प्रभू राम का है अब किसी के साथ कोई अन्याय नही हो सकता।

21:22 (IST)22 Apr 2020
राम ने उठाया ऋषि के दर्शन का लाभ

राम पत्नी सीता के साथ ज्ञान के सागर में गोते लगा रहे हैं। ऐसे में हनुमान जी भी ऋषियों से अपने मन की शंका को दूर करने के लिए कह रहे हैं। ऐसे में ऋषि मुनि हनुमान जी के सवालों का जवाब दे रहे हैं।

21:17 (IST)22 Apr 2020
ऋषि मुनि ने राम को बताई सच्चे गुरू की परिभाषा

ऋषि मुनि ने राम को सच्चे गुरू की परिभाषा बताते हुए कहा कि आत्मा जितनी ऊंचाई पर होती है उसमें योगदान गुरू का ही होता है।

21:14 (IST)22 Apr 2020
अयोध्या का सौभाग्य है कि उसे राम मिले

ऋषि मुनि श्रीराम से कह रहे हैं कि आप अयोध्या के राजा हैं ये पूरे अयोध्या का सौभाग्य है। आपने विनम्रता का जो द्वार खोला है उसकी कल्पना कोई नही कर सकता।

21:12 (IST)22 Apr 2020
राम जी ने किया ऋषि को प्रणाम

प्रभु ने ऋषि मुनि की सेवा करते हुए कहा कि अगर आपकी सेवा में मुझे अपनी जान भी देनी पड़े तो फिर उसमें भी मैं पीछे नही हटने वाला। राम जी का बात सुनकर ऋषि मुनि काफी प्रसन्न होते हैं और श्रीराम और माता सीता को आशिर्वाद देते हैं।

20:48 (IST)22 Apr 2020
राम ने पूछा गुप्तचरों से नगर का हाल

राम गुप्तचरों से नगर का हाल-चाल पूछते हैं। वे नगर के कुशल मंगल होने की बात कहते हैं। वे बताते हैं कि चारों तरफ अपने नए राजा का गुणगान करते रहे। उनके विचार में ऐसा आदर्श राजा आजतक नहीं हुआ है। राम पूछते हैं कि कल ऐसी बातें करने की क्या वजह थी। गुप्तचर बताते हैं कि कल महादेव वैश्य की पुत्री का विवाह था। बारात मधुरा के वैश्यनगरी के एक व्यापारी के यहां से आया था। मधुरा के राज का विवाह रावण के कुल में हुआ है। और उसका पुत्र नवासुर ही आजकल राज करता है और ऐसा लगता है कि बारात में उसके कुछ गुप्तचर भी आए थे। वे नगर में जगह-जगह दुकानों पर आपके बारे में पूछते रहे।