उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपने चुनावी कार्ड खेलने शुरू कर दिए हैं। बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव में ब्राह्मणों को साथ लाने की योजना पर काम कर रही है जिसके तहत उत्तर भारत में ब्राह्मण सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। 5 चरणों में संपन्न होने वाले इस सम्मलेन का आरंभ 23 जुलाई को अयोध्या से किया गया। उत्तर प्रदेश में चले रहे इन्हीं राजनीतिक घटनाक्रमों पर आज तक के डिबेट शो में संघ के जानकार विशाल मिश्रा और कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा के बीच बहस हो गई।
अंजना ओम कश्यप के डिबेट शो, ‘हल्ला बोल’ में विशाल मिश्रा ने कहा ने कहा, ‘ब्राह्मण जातिवाद में विश्वास नहीं रखता, ब्राह्मण राष्ट्रवाद में विश्वास करता है, अखंड भारत ने विश्वास रखता है। ब्राह्मण सनातन संस्कृति में विश्वास करता है।’ उन्होंने टोकते हुए अंजना ओम कश्यप ने कहा, ‘और बाकी लोग नहीं करते?’
विशाल मिश्रा ने जवाब दिया, ‘नहीं, आप देखिए न, ये किस तरह की नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता जी ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे चैनल पर बताए लेकिन सरकार को नहीं चलने दिया। जहां सवाल पूछना चाहिए, वहां सवाल नहीं होता।’
ब्राह्मण जातिवाद में विश्वास नहीं करता है, राष्ट्रवाद में करता है: संघ के जानकार विशाल मिश्रा
दूसरी ओर, कांग्रेस प्रवक्ता @Aloksharmaaicc का सुनिए क्या कहना है इस मुद्दे पर। #हल्ला_बोल @anjanaomkashyap pic.twitter.com/keuSHfIw7D— AajTak (@aajtak) July 25, 2021
उनकी यह बात सुन कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने गुस्से में कहा, ‘सत्र को चलाने का काम सरकार का है। आप पूरे देश की मुखबिरी करवाएंगे, सरकार गुजरात मॉडल को पूरे देश में लगाएगी तो उस पर सवाल न उठे?’
इसके बाद विशाल मिश्रा ने कई आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस एक जाति विशेष की विरोधी है। उन्हें डिबेट से अलग दिशा में जाते देख एंकर ने कहा, ‘कहां चर्चा शुरू हुई और आप काल्पनिक और राम पर पहुंच गए।’ विशाल मिश्रा की बातों के बीच कांग्रेस प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा, ‘भटक गए। बीजेपी के भक्त ऐसे ही हैं। बीजेपी के भक्त हैं, भटके हुए हैं ये।’
शो के दौरान अंजना ओम कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने पेगासस पेगासस करते हुए मानसून सत्र का पूरा एक हफ्ता निकाल दिया जबकि खुद एजेंसी ने उस पर तथ्यात्मक रूप से बात करने से इनकार कर दिया है। जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर कोई व्यक्ति पेगासस के मुद्दे को छोटा मुद्दा मानता है तो कहीं न कहीं उसके सोच पर सवालिया निशान है।’