ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच ब्लू टिक को लेकर विवाद काफ बढ़ गया है। उप- राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू का ब्लू टिक हटाने और फिर उसे बहाल करने के घटनाक्रम के बीच काफी हंगामा देखने को मिला। केंद्र ने सख्त रुख दिखाते हुए शनिवार को नोटिस जारी कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए एक आखिरी मौका दिया। इसके बाद ट्विटर ने उप-राष्ट्रपति सहित आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और संगठन से जुड़े कुछ और लोगों के ब्लू टिक भी बहाल कर दिया। इस पूरे मामले की लेकर टीवी डिबेट्स पर भी मुद्दा गरम रहा।

रिपब्लिक टीवी के डिबेट शो ‘पूछता है भारत’ पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि आज कुछ कांग्रेस के लोग ट्विटर बैन की मांग कर रहे हैं वही लोग ट्विटर के बैन होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करेंगे। संबित पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस के कुछ प्रवक्ता कहेंगे कि ट्विटर को बैन कर दीजिए। जैसे ही बैन किया जाएगा ये दूसरी तरफ से कैंडल जलाएंगे। ये दोनों तरफ से कैंडल जलाने वाले बहुत हैं।’

वो आगे बोले, ‘जैसे ही बैन किया जाएगा कहेंगे देखा! मोदी तो हिटलर है बैन कर दिया।’ पैनल में शामिल राजनीतिक विश्लेषक मनस्वी थापर लगातार कह रहे थे कि सरकार ट्विटर को सीधे बैन क्यो नहीं कर देती, उसे नोटिस क्यों दे रही है।

 

वो बोले, ‘हमें इस कंपनी के साथ डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी नहीं खेलनी है। हमारे उप राष्ट्रपति जी का सवाल है, उनकी हिम्मत कैसे हुई। ट्विटर की औकात कैसे हुई और हम डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी खेलेंगे। संबित पात्रा जी एक विदेशी कंपनी हमारे देश में आकर हमारे उप- राष्ट्रपति के साथ ऐसा करे।’

 

संबित पात्रा ने जवाब दिया, ‘मैं मानता हूं कि उनकी हिम्मत नहीं होनी चाहिए और मैं इस बात का स्वागत करता हूं कि आप ट्विटर बैन की मांग कर रहे हैं। डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी कोई खेल नहीं होता। उसका एक प्रोसेस होता है जिसे सरकार देख रही है और आप निश्चिंत रहिए। अगर इसी प्रकार से ट्विटर मनमाने ढंग से आगे चलते रहेगी, हमारे देश के संविधान को नहीं मानेगी तो वो दिन दूर नहीं जब सरकार बहुत सख्त कदम उठाएगी।’