Kaun Banega Crorepati 16: अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किया जा रहा टीवी रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 16’ काफी चर्चा में है। शो को इसका पहला करोड़पति कंटेस्टेंट मिल गया है। एक करोड़ जीतने वाले कंटेस्टेंट चंद्र प्रकाश हैं। इसका पहले ही एक प्रोमो जारी किया गया था, जिसमें पहले ही दावा किया गया था कि वो शो के पहले करोड़पति कंटेस्टेंट बनने वाले हैं। वो कश्मीर के रहने वाले हैं। ऐसे में चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं।
टीवी रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 16’ के जारी किए गए प्रोमो में देखने के लिए मिला था कि चंद्र प्रकाश 7 करोड़ के सवाल तक पहुंच गए थे। प्रोमो सामने आन के बाद हर किसो को सात करोड़ वाले सवाल के जवाब पर सबकी नजर टिकी हुई थी। हालांकि, वो इसका जवाब नहीं दे पाते हैं। ऐसे में उन्हें 1 करोड़ का राशी जीतकर घर लौटना पड़ता है। वो भले ही 7 करोड़ के सवाल का जवाब नहीं दे पाए लेकिन एक करोड़ जीतने वाले भी वो शो के पहले कंटेस्टेंट हैं। उनके ज्ञान के कौशल को देखकर हर कोई हैरान है।
क्या करते हैं चंद्र प्रकाश?
बहरहाल, अगर अब केबीसी 16 में एक करोड़ जीतने वाले चंद्र प्रकाश के बारे में बात की जाए तो वो एक छात्र हैं और यूपीएस की तैयारी करते हैं। चंद्र प्रकाश ने इसके बारे में खुद ही बताया है। हॉट सीट पर बैठने के बाद अमिताभ बच्चन उनसे उनके बारे में सवाल करते हैं तो चंद्र प्रकाश बताते हैं कि वो एक स्टूडेंट हैं और यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। वो आगे ये भी बताते हैं कि उनके पास इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री है। वो अपनी आगे की पढ़ाई इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से कर रहे हैं। इस बीच घर पर ही यूपीएससी की तैयारी करते हैं। वो यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आईएएस (IAS), आईपीएस बनकर प्रशासनिक सेवा करना चाहते हैं।
जन्म के बाद से ही झेलनी पड़ी परेशानियां, हुआ ऑपरेशन
चंद्र प्रकाश ने इस दौरान अपनी जिंदगी के उस पन्ने के बारे में भी बताया जब उन्हें लेकर उनके माता-पिता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। चंद्र बताते हैं कि उनके जन्म के बाद ही उन्हें कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। जब उनका जन्म हुआ था तो उनके पेरेंट्स को पता चला था कि उनकी आंत में ब्लॉकेज है। ऐसे में पैदा होते ही उनकी सर्जरी हुई थी। इसके बाद पेरेंट्स को लगा कि वो ठीक हो गए हैं लेकिन एक परेशानी खत्म होती इसके पहले दूसरी ने जनम ले लिया। दवाइयों को असर उनकी किडनी पर हो गया। ऐसे में उनके बिस्तर से भी उठने की आस नहीं थी। बीमा कंपनियों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। किसी तरह से उनके पेरेंट्स ने उनका इलाज करवाया। लेकिन, इस बीच अस्पताल के खूब चक्कर काटने पड़े थे।