इंडोनेशिया में हुए 18वें एशियन गेम्स में भारतीय मुक्केबाज उम्मीदों के मुताबिक मेडल जीतने में नाकामयाब रहे। हालांकि एक मुक्केबाज ने अपने प्रदर्शन से ना सिर्फ भारत को गोल्ड मेडल दिलाया, बल्कि अपने बेहतरीन प्रदर्शन से भविष्य के लिए उम्मीदें जगा दी हैं। इस मुक्केबाज का नाम है अमित पंघल। हरियाणा के रोहतक में रहने वाले अमित पंघल ने 18वें एशियाई खेलों के ओलंपिक विजेता उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसामातोव को हराकर गोल्ड मेडल जीता है।
अमित ने अपनी इस उपलब्धि के बाद अपना पहला ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने पहले ही ट्वीट में अपने पिता और कोच के धर्मेन्द्र प्रेम के बारे में बात की।उन्होंने लिखा – जकार्ता में स्वर्ण पदक देश को समर्पित। बधाईयों के लिए सभी का आभार। मेरा पहला ट्वीट अपने पिताजी और कोच साहब की दिली ख्वाहिश बताने के लिए। दोनों धर्मेंद्र जी के जबरदस्त फैन हैं। उनकी फिल्म के ब्रेक में भी चैनल नहीं बदलने दिया कभी। धर्म जी से मुलाकात हो जाए तो खुशी दोगुनी होगी।
जकार्ता में स्वर्ण पदक देश को समर्पित.. बधाईयों के लिए सभी का आभार
मेरा पहला ट्वीट अपने पिताजी और कोच साहब की दिली ख्वाहिश बताने के लिए। दोनों धर्मेंद्र जी के जबरदस्त फैन हैं। उनकी फिल्म के ब्रेक में भी चैनल नहीं बदलने दिया कभी।
धर्म जी से मुलाकात हो जाए तो खुशी दोगुनी होगी। pic.twitter.com/ZJNRTQC0mK
— Amit Panghal (@AmitPan00039986) September 1, 2018
धर्मेन्द्र ने भी इस होनहार बॉक्सर को ट्वीट करते हुए लिखा – प्राउड ऑफ यू अमित। मुझे भी आप से मिलके बहुत खुशी होगी| जब भी मुंबई आओगे, बता दें। बधाई हो, आपको, आपके गुरु और आपके परिवार को। आप हर प्रतियोगिता में जीत हासिल करके अपने देश का नाम रोशन करें, ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ।
Proud of you @AmitPan00039986 .मुझे भी आप से मिलके बहुत खुशी होगी| जब भी मुंबई आओगे ,बता दें|बधाई हो,आपको, आपके गुरु और आपके परिवार को|आप हर प्रतियोगिता में जीत हासिल करके अपने देश का नाम रोशन करें, ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ. https://t.co/Eao51Iw7ap
— Dharmendra Deol (@aapkadharam) September 2, 2018
गौरतलब है कि हरियाणा का यह प्रतिभाशाली मुक्केबाज रोहतक के मैना गांव का निवासी है। अमित के पिता के पास सिर्फ एक एकड़ जमीन है, जिसमें वह गेंहू और बाजरा उगाते हैं। परिवार के आर्थिक हालात अच्छे नहीं है। यही वजह है कि अमित के बड़े भाई अजय पंघल को बॉक्सिंग छोड़नी पड़ी थी। अमित पंघल का बॉक्सिंग के प्रति जुनून और समर्पण ही था कि उन्होंने 6 माह तक बिना बॉक्सिंग ग्लव्स के ही ट्रेनिंग की। अमित के पास उस वक्त नए ग्लव्स खरीदने के पैसे नहीं थे, क्योंकि उनकी कीमत करीब 3000 रुपए थी। बॉक्सर की ग्रोथ के लिए अच्छी डाइट बेहद जरुरी है पर अमित के पास हमेशा अच्छी डाइट की कमी ही रही। इसके बावजूद अमित ने अपने से बड़े और अनुभवी बॉक्सरों को मात देने में कामयाबी हासिल की है।