मुकेश खन्ना इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हो चुके हैं। आए दिन किसी न किसी मुद्दे पर वह अपनी आवज बुलंद करते दिखते हैं। इस बार मुकेश खन्ना कुल्लू मनाली के रोड की टनल पर हज़ारों कारों का हुजूम देख कर गुस्से में आ गए। इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया। अपना गुस्सा जाहिर करते हुए मुकेश खन्ना ने कहा विनाश काले विपरीत बुद्धि। ये कोरोना काल है और यहां जश्न मनाया जा रहा है ऐसे? नया साल तो ये हमारा है भी नहीं फिर भी?
मुकेश खन्ना ने अपने पोस्ट में भड़कते हुए लिखा- ‘ ना तो ये हमारे देश का नया साल है। ये विदेशियों का है। ना ये कंधे से कंधा मिला कर नाचने का काल है। ये कोरोना काल है। तो फिर कुल्लू मनाली के रोड की टनल पर हज़ारों कारों का हुजूम क्यों? उतर कर टनल में नाचने का हुड़दंग क्यों? विनाश काले विपरीत बुद्धि का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है !!!
मुकेश खन्ना ने आगे लिखा- ‘अहमदाबाद में चंद रोज़ पहले बस स्टॉप पर जमा हज़ारों लोगों में से एक बन्दा टीवी कैमरा पर बोला “क्या है तुम्हारा कोरोना! मैं तुम्हारे कोरोना के साथ बैठ भी सकता, सो भी सकता हूं, खाना भी खा सकता हूं।अब इस मंदबुद्धि को क्या नाम दिया जाए। मूर्ख या सिकंदर। यही लोग नया साल मनाने का दुस्साहस कर रहे हैं। कोरोना को दावत दे रहे हैं। आ कोरोना आ..मुझे मार। मुकेश खन्ना ने अपने फैंस से पूछा- मैं पूछना चाहता हू कि क्या ज़रूरी है? नया साल मनाना या ज़िंदगी बचाना??
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उन्होंने आगे कहा- ‘मैं इसे सरकार की भी नाकामयाबी समझूंगा जो इन्हें रोक नहीं पा रही। क्यों छोड़ दिया है प्रजा को कोरोना के भरोसे। मैं होता तो उस अहमेदाबादी बंदे को एक लाफ़ा मारता और सोशल डिस्टेंसिंग करवाता।’ मुकेश खन्ना के इस पोस्ट पर ढेर सारे रिएक्शन आने लगे। एक यूजर ने लिखा- मुकेश से कहर ये सब कुछ कल्चर हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है। कोइ बोला- बिलकुल उचित कहा सर, कल्चर बर्बाद कर रहे हैं। तो कोई बोला- इन लोगों को सबस सिखाना होगा। तो किसा ने कहा- सब प्रशासन की लापरवाही है। सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए।