आध्यात्मिक संगीतकार और लेखक देवऋषि (ऋषिकेश पांडेय) अपनी नई कृति को लेकर चर्चा में हैं। उनकी नई किताब कृष्ण के दर्शन कराती है, जिसका टाइटल ‘द कृष्णा इफेक्ट’ है। यह पुस्तक भगवान कृष्ण के जीवन प्रसंगों को समकालीन संदर्भों से जोड़ने का प्रयास करती है, जिसमें आत्मचिंतन, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की दुविधाओं पर विचार किया गया है। इसमें साहित्य, संगीत और दृश्य माध्यमों के जरिए कृष्ण के बारे में बताया गया है, जिसे डिजिटली लॉन्च किया गया है।
पुस्तक की कथा तीन आधुनिक पात्रों के माध्यम से आगे बढ़ती है, जिनके जीवन में आने वाली चुनौतियां जैसे आर्थिक असफलताएं, संबंधों में अस्थिरता, और आत्मिक खोज कृष्ण की जीवन गाथाओं से समानांतर रूप में प्रस्तुत की गई हैं। लेखक ने इस कार्य को ना तो पारंपरिक धार्मिक ग्रंथ की तरह रखा है, ना ही केवल पौराणिक पुनर्कथन के रूप में, बल्कि इसे एक विश्लेषणात्मक साहित्यिक गद्य के रूप में तैयार किया है, जहां कृष्ण की शिक्षाओं को रणनीतिक सोच, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और वैराग्य के दृष्टिकोण से देखा गया है।
किताब के साथ भक्ति संगीत भी किया गया है रिलीज
साहित्यिक पहल के साथ-साथ इस पुस्तक से प्रेरित भक्ति संगीत एलबम ‘कृष्णमय’ भी रिलीज़ हुआ है। इसमें पारंपरिक शास्त्रीय शैली में तैयार किए गए गीत शामिल हैं, जिन्हें जाने-माने गायकों ने स्वर दिया है। “कृष्ण स्तुति” नामक प्रमुख गीत को विशेष लोकप्रियता मिली है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ 8 अगस्त, 2025 को जन्माष्टमी के मौके पर रिलीज़ की जाएगी, जो दार्शनिक कथ्य को दृश्य माध्यम में रूपांतरित करने का प्रयास है।
देवऋषि, अब पूर्णतः वैदिक ध्वनि-विज्ञान और भारतीय दर्शन पर केंद्रित लेखन तथा शोध कार्य में संलग्न हैं। ‘द कृष्णा इफेक्ट’ उनकी पहली अंग्रेजी पुस्तक है, जिसमें उनका फोकस विशेष रूप से अध्यात्म और आधुनिक जीवन के अंतर्विरोधों को जोड़ने पर है। यह परियोजना उन पाठकों और दर्शकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है जो भारतीय पौराणिक कथाओं को एक समसामयिक, आत्मचिंतनशील और वैचारिक दृष्टिकोण से देखना चाहते हैं। साहित्य, संगीत और सिनेमा के इस संयोजन के माध्यम से देवऋषि की यह प्रस्तुति एक बहुआयामी सांस्कृतिक अनुभव की दिशा में एक नया प्रयास है।