सिंगर चिन्मयी श्रीपादा कभी भी अपने विचार खुलकर रखने से पीछे नहीं रही हैं, खासकर जब बात महिलाओं के अधिकारों की हो। हाल ही में उन्होंने अभिनेता शिवाजी को महिलाओं के पहनावे को लेकर की गई उनकी अनुचित और आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए नाराजगी जाहिर की है। शिवाजी ने एक सह-कलाकार की साड़ी पहनने की पसंद की तारीफ करते हुए महिलाओं को क्या पहनना चाहिए, इस पर लंबा भाषण दे दिया। उनकी यह बात सोशल मीडिया पर कई लोगों को पसंद नहीं आई, जिनमें चिन्मयी भी शामिल हैं।

क्या है मामला?

अपनी आने वाली फिल्म ‘धंडोरा’ के प्रमोशनल इवेंट के दौरान शिवाजी ने एंकर श्रवणती चोक्कारापु की साड़ी पहनने के लिए तारीफ की और कहा,”मैं सभी हीरोइनों से अनुरोध करता हूं कि वे रिवीलिंग कपड़े न पहनें। कृपया साड़ी पहनें या ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को पूरी तरह ढकें। सुंदरता पूरे पहनावे या साड़ी में होती है, न कि शारीरिक अंगों को दिखाने में।”

सिंगर चिन्मयी को उनका ये बयान पसंद नहीं आया और उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर करते हुए उनकी निंदा की। उन्होंने लिखा, “तेलुगु अभिनेता शिवाजी अभिनेत्रियों को बेवजह की नसीहतें देते हैं और (slur) जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को साड़ी पहननी चाहिए ताकि वे अपना (slur) ढक सकें—यह वही शब्द है जिसे इनसेल्स इस्तेमाल करते हैं। शिवाजी ने एक शानदार फिल्म में खलनायक की भूमिका निभाई थी और अब वे इनसेल लड़कों के हीरो बन गए हैं।”

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उन्होंने आगे लिखा, “खुद वह जींस और हुडी पहनते हैं। उन्हें तो सिर्फ धोती पहननी चाहिए और भारतीय संस्कृति का पालन करना चाहिए। बोट्टू (बिंदी) लगाएं, और अगर शादीशुदा हैं तो कंकणम (कड़ा) और मेट्टेलु (पैर की बिछिया) पहनें ताकि यह दिखे कि वे शादीशुदा हैं। यहां महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है, वह अविश्वसनीय है। सचमुच, पूरी तरह अविश्वसनीय।”

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इस टिप्पणी के अलावा शिवाजी ने यह भी कहा, “लोग भले ही खुलकर कुछ न कहें, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह आपकी आज़ादी है, लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें यह पसंद नहीं आता। उनके मन में यह कहने का भाव होता है, ‘तुम बदतमीज़ औरत! ऐसे भद्दे कपड़े क्यों पहन रही हो? कोई ढंग के कपड़े नहीं पहन सकती थीं? एक महिला प्रकृति की तरह होती है। जब प्रकृति सुंदर होती है, तो हम उसका सम्मान करते हैं। एक महिला मेरी मां की तरह है, जिसे मैं दिल के बहुत करीब रखता हूं। आज़ादी अनमोल है-इसे खोना मत। लोग आपके आचरण के आधार पर आपका सम्मान करेंगे। ग्लैमर की भी एक सीमा होनी चाहिए; उसे एक तय रेखा से आगे नहीं जाना चाहिए।”