बेबाक कंगना रनौत अपनी कोई भी राय बिना झिझक के रखती हैं। उनकी इस क्वालिटी से फैंस हमेशा इंप्रेस रहते हैं। ऐसे ही एक बार आमिर खान के सामने भी कंगना रनौत ने बॉलीवुड में महिलाओं के काम को लेकर काफी कुछ कह डाला था। कंगना ने खुल कर आमिर के सामने अपनी राय रखी थी कि वह बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में क्या सोचती हैं।
दरअसल, कंगना रनौतल आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में पहुंची थीं। जिसमें कंगना के अलावा दो और बॉलीवुड एक्ट्रेस मौजूज थीं-परिणीति चोपड़ा और दीपिका पादुकोण।
इस दौरान कंगना ने शो पर इंडस्ट्री को लेकर कुछ पॉइंट्स रखे थे। कंगना ने कहा था- ‘मैं ये नहीं कहती कि आप डार्क सिनेमा मत दिखाइए और जो वास्तविक्ता है वो मत दिखाइए। आप दिखाइए लेकिन इसके क्वॉन्सिक्वेंसिस दिखाना बहुत जरूरी है। ये लैक ऑफ क्रिएटिविटी है कि सबसे ज्यादा निगेटिव कैरेक्टर, ट्रैजिक स्टोरीज और डार्क कैरेक्टर्स शेख्सपियरह ने लिखे हैं। लेकिन आप देखिए इनका इंफ्ल्यूएंस बहुत पॉजिटिव है।’
कंगना ने आगे कहा- ‘आप अंधेरे से डरते हैं, लेकिन यहां पर हम एक कैरेक्टर को दिखाते हैं, लड़की को जिस तरह से दिखाते हैं या जिस तरहके वर्ड्स यूज किए जा रहे हैं- ‘तंदूरी चिकिन’ बुलाया जा रहा है। कभी हीरो उसका दुपट्टा मुंह में डाल लेगा या खींच लेगा…। वो इतराती रहेगी, उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम अपने देश को कितना भी डिफेंड कर लें, या कितना भी अपनी फिल्मों को डिफेंड करें लेकिन ये शर्मनाक है, जो हम अपने सिनेमा में दिखा रहे हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी को हम क्या दिखा रहे हैं?’
Watch this, it is many years ago in my early twenties teaching feminism to Bullywood, listen you all upcoming libru feminists, तुम जिस स्कूल में पढ़ते हो हम वहाँ के प्रिन्सिपल रह चुके हैं ! https://t.co/ZwpPRXwggP
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) February 19, 2021
कंगना की बात खत्म होने पर आमिर खान ने दीपिका की राय भी ली। इस पर दीपिका ने कंगना रनौत की बात का जवाब दिया और कहा- ‘मैंने ये सब सुना था कि फिल्मों का सोसाइटी पर बहुत इंपेक्ट होता है। मैंने इस चीज कोकभी भी सीरियस्ली नहीं लिया। अबतक अब तक इस बारे में मैंने नहीं सोचा था आज जब हम इस टॉपिक पर डिस्कस कर रहे हैं तो अब आगे जाकर थोड़ा और ध्यान रखेंगे।’
कंगना इस बीच एक और वाकया बताती हैं- ‘मेरी एक दोस्त की बच्ची थी, ये जो अश्लील आइटम नंबर होते हैं, तो वो उनके स्टेप्स रिहर्स कर रही थी, उस पर तो वो स्टेप्स क्यूट लगेंगे। लेकिन मैं सोच रही थी उसकी जैसै मानसिकता बनेगी, या वो उस फैक्ट को मानेगी कि हां ये चीज सराही जाती है, या तालियां बजती है उस वक्त मुझे पहली बार अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ।’