‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ शो ने अपनी कहानी से दर्शकों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शो की स्टोरी के साथ-साथ शो का हर एक किरदार भी लाजवाब है। खास बात तो यह है कि 12 साल बाद भी टीएमकेओसी और उसके कलाकारों की लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के कलाकारों का असली नाम भूल चुके हैं और उन्हें उनके किरदारों के नाम से जानते हैं। इस बात का प्रभाव सबसे ज्यादा शो के ‘मास्टर भिड़े’ यानी मंदार चंदवादकर पर हुआ है। उनके घर का बिल और पता भी अब ‘मास्टर भिड़े’ के नाम से जाना जाता है।

इस बात का खुलासा खुद मंदार चंदवादकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया कि अब ‘भिड़े’ की छवि को तोड़ना और अपने असली नाम से पहचाने जाना उनके लिए सबसे बड़ा संघर्ष बन चुका है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके घर के आसपास भी लोग अब उन्हें असली नाम से नहीं जानते हैं।

मंदार चंदवादकर ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “मेरे आसपास बहुत सी चीजें बदल चुकी हैं। लोग मुझे गंभीरता से लेने लगे हैं। मेरा किरदार इस कदर लोकप्रिय हो चुका है कि अब घर के सारे बिल भी मिस्टर भिड़े के नाम से आते हैं। मेरे द्वारा निभाए गए किरदार का मेरी जिंदगी पर ऐसा प्रभाव पड़ रहा है।”

मंदार चंदवादकर ने इस बारे में आगे बताया, “मुझे कई बार कॉल आते हैं यह पूछने के लिए कि क्या गोकुलधाम सोसायटी जैसी कोई जगह है। अगर है तो हमें बताइये, क्योंकि आप उस सोसायटी के सचिव हैं। अब मेरे लिए सबसे बड़ा संघर्ष ‘भिड़े’ की छवि को तोड़कर मंदार चंदवादकर की छवि को आगे लाना है।”

मास्टर भिड़े ने अपने इंटरव्यू में आगे बताया कि स्थिति ऐसी हो गई है कि आज अगर कोई मेरे असली नाम से मेरा पता पूछता है तो कोई भी बता नहीं पाता। लेकिन अगर कोई कहे कि आप जानते हैं कि ‘मास्टर भिड़े’ कहां रहते हैं तो लोग तुरंत ही जवाब दे देंगे। मैं मंदार को ‘मिस्टर भिड़े’ के स्तर पर लाना चाहता हूं।

बता दें कि मंदार चंदवादकर दुबई में एक मैकेनिकल इंजीनियर थे, लेकिन एक्टिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्होंने नौकरी तक छोड़ दी थी। साल 2000 में नौकरी छोड़न के बाद मंदार ने थिएटर में काम किया और कई छोटे-मोटे रोल भी अदा किये। लेकिन उन्हें ब्रेक 8 साल के संघर्ष के बाद ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के जरिए मिला था।