Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता… शो में जेठालाल अपनी पड़ोसी बबीता पर कभी भी चांस मारने से नहीं चूकते, चाहे उनके सामने कोई भी हो, वो बबीता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। फैंस को भी जेठालाल का ये फ्लर्टिंग वाला अंदाज़ काफी पसंद आता है। एक बार शो में दिखाया गया था कि जेठालाल सुबह अपने घर से दुकान के लिए निकलते हैं, तो अपने परम मित्र तारक मेहता को देख कर उनके हाल चाल लेने के लिए रुक जाते हैं। तभी वहां से जेठालाल की सपनों की रानी यानी बबीता निकल रही होती हैं। वो जेठालाल और मेहता से हेल्लो करती हैं। जिसके बाद जेठालाल भाग कर उनके पास जा कर खड़े हो जाते हैं।

वहीं अपनी आदत से मजबूर जेठालाल, बबीता को देखते ही उन्हें लाइन मारने लगते हैं। इस बीच तारक मेहता बबीता से कहते हैं कि अय्यर भाई की तबीयत कैसी हैं? जिसका जवाब देते हुए बबीता कहती हैं उनकी तबीयत अब ठीक है। लेकिन फिर भी डॉक्टर हाथी से दवा लेना ज़रूरी है। ये सुनते ही जेठालाल का रोमांटिंक अंदाज शुरू हो जाता है वो बबीता से कहते हैं, कि बबीता जी मैं तो कहता हूं कि आप अय्यर भाई को दवाई मत दिलवाइए बस सुबह-शाम उनके सामने मुस्कुराती रही, इससे वो अपने आप ठीक हो जाएंगे। आपके चेहरे पर स्माइल बहुत प्यारी लगती है।

ये सुनकर बबीता शर्माने लगती हैं। इतना ही नहीं जेठालाल इसके बाद कहते हैं कि आपकी ये खूबसूरती और चेहरे की चमक का राज़ क्या है। इस पर बबीता कहती हैं इसका कोई राज़ नहीं है बस तला, भुना खाना छोड़ दीजिए चेहरा अपने आप चमक जाएगा। इतने में एक व्यक्ति वहां आता है और पापड़ खरीदने के लिए भिड़े का घर पूछता है, जिसके बाद बबीता कहती हैं जेठा जी वैसे पापड़ खाना भी हेल्दी नहीं होता, जिसके बाद जेठालाल अपनी शेखी झाड़ते हुए उनसे कहते हैं, अरे वाह देखिये बबीता जी हमारी सोच कितनी मिलती है मैं भी पापड़ नहीं खाता हूं यहां तक कि मैं तो देखता तक नहीं हूं पापड़, पता नहीं लोग कैसे खा लेते हैं इतना तला भुना पापड़।

जेठालाल ये कह ही रहे होते हैं, इतने में दया अपनी बॉलकनी में आ जाती हैं और टप्पू के पापा से कहती हैं अच्छा हुआ आप यहीं मिल गए मुझे आपसे ये पूछना है कि आपके लिए कितने पापड़ के पैकेट्स का ऑर्डर कर दूं। ये सुनते ही बबीता तुरंत पूछ बैठती हैं जेठा जी आप पापड़ खाते हैं। तभी दया कहती है ये क्या पूछ रही हैं बबीता जी टप्पू के पापा तो एक साथ आठ-दस पापड़ खा जाते हैं, ये सुनते ही बबीता दंग रह जाती हैं। जिसके बाद बेचारे जेठालाल बात को घुमाने की कोशिश करते हुए चुपचाप वहां से मुंह छुपा कर निकल जाते हैं।