टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा (taarak mehta ka ooltah chashmah) फेम शैलेश लोढ़ा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। शैलेश को वैसे तो इसी सीरियल से सबसे ज्यादा लोग जानते हैं लेकिन बतौर कवि भी इनको अच्छी पहचान मिली है। आइए हम बात करते हैं उनकी उन रचनाओं की जो आज भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल है। बार बार लोग उन्हें सुन रहे हैं और शेयर भी कर रहे हैं।
दरअसल शैलेश लोढ़ा उर्फ तारक मेहता हिंदू आध्यात्मिक उपदेशक मोरारी बापू के कार्यक्रम के दौरान कविताएं प्रस्तुत कर रहे थे। शैलेश कविताओं के माध्यम से हम सब के जीवन की हकीकत याद दिला रहे थे। शैलेश ने शानदार अंदाज में शेर—ओ—शायरी के माध्यम से आज के खान—पान पर तंज कसा। शैलेश ने अपनी कविताओं से आज के खान पान पर भी तंज कसा। शैलेश ने कहा कि आज के समय में लोग चाइनीज से लेकर इटालियन तक के पकवान चटकारे लेकर खाते हैं। मोमोज हो या चाउमीन लोग पूरे मजे के साथ इन पकवानों को खाते हैं। मेरी समझ में ये नहीं आता कि जिन चीजों के नाम ही इतने अजीब हैं लोग उनको कैसे खा लेते हैं।
शैलेश ने कहा कि हमारे पाखंड की हद तो देखो साहब आज के समय में लोग शादी के दौरान 150-150 स्टॉल लगवाते हैं आप खुद ही सोचिए क्या कोई इतना खाना खा सकता है। खानों को देखकर मुझे लगता है कि शादी के मौकों पर एक जगह से दूसरी जगह जाने में ही लोगों को ऑटो रिक्शा की जरूरत पड़ जाए। लेकिन इसका नतीजा भी कुछ नहीं निकलता और लोग इसके बावजूद भी कमी निकालते ही हैं।
शैलेश ने कविता के माध्यम से कहा कहां जाओगे सबकुछ खाओगे लेकिन मां के हाथ की रोटी का स्वाद कहां से लाओगे। आज के समय में केवल और केवल दिखावा है। आज अच्छे से अच्छे भोजन का तुम प्रबंध कर सकते हो पर मां के हाथों के भोजन की गंध सच-सच बताना यारों मिस करते हो या नहीं। बता दें कि शैलेश लोढ़ा तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल में तारक मेहता की भूमिका में नजर आते हैं। तारक मेहता टीवी का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो है और शो के हर किरदारों को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जाता है।
