Ramayan Episode 9 April 2020 Update: लंका पहुंचे हनुमान रावण को अधर्म छोड़, धर्म की राह पर चलने को कहते हैं। हनुमान समझाते हुए कहते हैं कि तीनों लोकों में राम से टक्कर लेना वाला कोई नहीं है। ब्रह्मा से लेकर मेरे तक उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। तुम अधर्म छोड़ दो वरना शंकर, विष्णु और ब्रह्मा भी नहीं बचा सकते। हनुमान कहते हैं कि सीता को लाना कोई आम बात नहीं है। बल्कि महाराज रावण यह विषमिले भोजन के समान मृत्यु का संदेश है। हनुमान की बातें सुन रावण काफी क्रोधित हो जाता है और सिर काटने का आदेश देता है जिसका विभीषण विरोध करते हुए कहते हैं ये राजधर्म के खिलाफ है। किसी भी दूत की हत्या लोकाचार के खिलाफ है। सभी मंत्री भी विभीषण की बात में सहमति जताते हैं। इसके बाद रावण दंड स्वरूप हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है।

उधर, सीता हनुमान की पूंछ में आग लगाए जाने की बात सुन परेशान हो जाती हैं। वह अग्नि देव से प्रार्थना करती हैं और कहती हैं,.यदि हनुमान ने मेरे पति की सेवा की है। मेरे पतिव्रता में कोई खोट नहीं रहा है तो मेरे पुत्र हनुमान के लिए अग्निदेव शीतल हो जाइए। उधर हनुमान पूंछ में आग लगने के बाद अपने को छुड़ा लेते हैं और पूरी लंको को आग के हवाले कर देते हैं। पूरी लंका धू-धू जल उठती है। रावण ये सब देखता रह जाता है। वहीं रावण की पत्नी मंदोदरी कहती है कि देख लीजिए स्वामी जिसका एक सेवक आपकी लंका को जला दिया उसका स्वामी कैसा होगा..

रावण का जब हनुमान से हुआ सामना

शाम के एपिसोड में दिखाया गया कि इंद्रजीत ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर हनुमान को बंदी बना लेता है। उन्हें रावण की सभा में पेश किया जाता है। रावण हनुमान को देखने के बाद सभा में मौजूद सभी से कहता है कि इस वानर से परेशान थे। इसमें ऐसी क्या बात है जिसने ना सिर्फ सैनिकों का संहार किया है बल्कि अक्षकुमार का भी वध किया है। सभी कहते हैं कि ये कोई साधारण वानर नहीं बल्कि मायावी है। इंद्रजीत भी कहता है कि इसके साथ युद्ध करते हुए एक समय मैं भी चकित रह गया। इसे पक़ॉने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोगा करना पड़ा। ये सुनते ही रावण कहता है, फिर तो इसे हमारे सामने पेश करने लायक है।

हनुमान की इस बात पर भड़का रावण

रावण हनुमान से पूछता है, बोल वानर किसके कहने पर सुंदर उपवन को उजाड़ दिया। हनुमान कहते हैं- अपने शरीर को स्वस्थ रखना और सुरक्षित रखना उसका पहला धर्म है। मैं समंदर पार करके आया हूं। मैं भूखा था इसलिए मैं सारे फल तोड़कर खा लिया। और जो युद्ध के प्रयोजन से आता है उसे मारना पाप नहीं है…। रावण कहता है कि तुम्हें हमारी शक्ति का कोई भी भान नहीं। इस पर हनुमान कहते हैं कि सुना है महाराज, आपको तो बाली ने 6 महीने तक कांख में दबाए घूमते रह। ये सुन रावण काफी क्रोधित हो जाता है..। वह हनुमान की जीभ काटने को कहता है लेकिन सभी ऐसा करने से मना करते हुए कहते हैं पहले ये जानना जरूरी है कि कहीं ये किसी देवता का भेजा दूत तो नहीं है..

9 अप्रैल की सुबह में जो देखा गया

हनुमान लंका पहुंच चुके हैं। उनके द्वारा लंका में मचाए उत्पात को लेकर खुद अब इंद्रजीत पकड़ने आता है। रावण अक्षकुमार का मृत शरीर देख कर बोलते हैं कि यह कोई आम वानर नहीं है। मायावी वानर है। अब इंद्रजीत गुस्से में रावण से कहता है कि उसे आज्ञा दें ताकि वह उस बंदर को रावण के पास पकड़ कर ला सकें। इधर, सीता को राक्षसियां कहने लगती हैं कि त्रिजटा की वजह से हुआ ये। वानर सीता से मिलने जा रहा था। सबसीता से पूछते हैं बता कौन है वो वानर जो तुमसे मिलकर गया। इधर इंद्रजीत हनुमान को देखते रह जाते हैं। अब हनुमान औऱ इंद्रजीत के बीच भीषण युद्ध होने लगता है। साधारण से वानर दिखने वाले हनुमान अब इंद्रजीत को अपनी माया दिखाते हैं। वहीं इंद्रजीत ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल कर हनुमान को बंधक बना लेते हैं…

 

Live Blog

21:49 (IST)09 Apr 2020
पूरी लंका में हनुमान ने लगाई आग

सीता हनुमान की पूंछ में आग लगाए जाने की बात सुन परेशान हो जाती हैं। वह अग्नि देव से प्रार्थना करती हैं और कहती हैं,.यदि हनुमान ने मेरे पति की सेवा की है। मेरे पतिव्रता में कोई खोट नहीं रहा है तो मेरे पुत्र हनुमान के लिए अग्निदेव शीतल हो जाइए। उधर हनुमान पूंछ में आग लगने के बाद अपने को छुड़ा लेते हैं और पूरी लंको को आग के हवाले कर देते हैं। पूरी लंका धू-धू जल उठती है। रावण ये सब देखता रह जाता है। वहीं रावण की पत्नी मंदोदरी कहती है कि देख लीजिए स्वामी जिसका एक सेवक आपकी लंका को जला दिया उसका स्वामी कैसा होगा..

21:37 (IST)09 Apr 2020
रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगाने का दिया आदेश

हनुमान ने रावण को समझाते हुए कहा- तीनों लोकों में उनसे टक्कर लेना वाला कोई नहीं है। ब्रह्मा से लेकर मेरे तक उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते है। तुम अधर्म छोड़ दो वरना शंकर, विष्णु और ब्रह्मा भी नहीं बचा सकते। हनुमान कहते हैं कि सीता को लाना कोई आम बात नहीं है। बल्कि महाराज रावण विषमिले भोजन के समान मृत्यु का संदेश है। हनुमान की बातें सुन रावण काफी क्रोधित हो जाता है और सिर काटने का आदेश देता है जिसका विभीषण विरोध करते हुए कहते हैं ये राजधर्म के खिलाफ है। किसी भी दूत की हत्या लोकाचार के खिलाफ है। सभी मंत्री भी विभीषण की बात में सहमति जताते हैं। इसके बाद रावण दंड स्वरूप हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है।

21:20 (IST)09 Apr 2020
रावण हुआ क्रोधित, हनुमान की जिह्वा काटने को कहा

रावण हनुमान से पूछता है, बोल वानर किसके कहने पर सुंदर उपवन को उजाड़ दिया। हनुमान कहते हैं- अपने शरीर को स्वस्थ रखना और सुरक्षित रखना उसका पहला धर्म है। मैं समंदर पार करके आया हूं। मैं भूखा था इसलिए मैं सारे फल तोड़कर खा लिया। और जो युद्ध के प्रायोजन से आता है उसे मारना पाप नहीं है...। रावण कहता है कि तुम्हें हमारी शक्ति का कोई भी भान नहीं। इस पर हनुमान कहते हैं कि सुना है महाराज, आपको तो बाली ने 6 महीने तक कांख में दबाए घूमते रह। ये सुन रावण काफी क्रोधित हो जाता है..। वह हनुमान की जीभ काटने को कहता है लेकिन सभी ऐसा करने से मना करते हुए कहते हैं पहले ये जानना जरूरी है कि कहीं ये किसी देवता का भेजा दूत तो नहीं है..

21:14 (IST)09 Apr 2020
हनुमान के कारनामें सुन रावण हुआ हैरान

रावण हनुमान को देखने के बाद सभा में मौजूद सभी से कहता है कि इस वानर के लिए सभी हैरान थे। इसमें ऐसी क्या बात है जिसने ना सिर्फ सैनिकों का संहार किया है बल्कि अक्षकुमार का भी वध किया है। सभी कहते हैं कि ये कोई साधारण वानर नहीं बल्कि मायावी है। इंद्रजीत भी कहता है कि इसके साथ युद्ध करते हुए एक समय मैं भी चकित रह गया। इसे पक़ॉने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोगा करना पड़ा। ये सुनते ही रावण कहता है, फिर तो इसे हमारे सामने पेश करने लायक है।

21:09 (IST)09 Apr 2020
पहली बार हुआ रावण-हनुमान का आमना-सामना

आसन ग्रहण करोः हनुमान को बंधक बनाकर लाने वाले इंद्रजीत की रावण काफी तारीफ करते हैं। वहीं पूरी सभा में हनुमान को रावण हैरानी के साथ देर तक देखता रह जाता है। रावण की सभा में बंधक बनाए सभी देवी-देवता हनुमान के सम्मान में आगे हाथ जोड़े प्रकट होते हैं...

21:05 (IST)09 Apr 2020
शाम के एपिसोड मेंः इंद्रजीत ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर हनुमान को बंधक बनाया

हनुमान लंका में किसी से काबू में नहीं आते हैं। इंद्रजीत फिर हनुमान को बंधक बनाने जाता है। इंद्रजीत हनुमान पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करता है जिसके सम्मान में केसरी नंदन बंधक बन जाते हैं। इसके बाद उन्हें रावण के समक्ष लाया जाता है...

20:44 (IST)09 Apr 2020
हनुमान के समंदर पार करने को लेकर सब हो गए थे हैरान

सुबह के एपिसोड में जो दिखाया गयाः  श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान उनकी आज्ञा लेकर अंगद और वान चलर सेना की टुकड़ी लेकर दक्षिण दिशा की ओर चल पड़े। रास्ते में उन्हें एक गुफा मिली जहां अन्नपूर्णा से उनकी भेंट हुई। साध्वी ने वानर सेना औऱ हनुमान को आगे का रास्ता बताया तथा भरपेट भोजन भी कराया। वानर सेना सहित हनुमंत अब आ पहुंचे महासागर के तट पर। भवसागर निधी के दाता के लिए मां सीता की खोज में निकले हनुमान के आगे महासागर विशाल कठिनाइयां लिए खड़ा था। सब परेशान थे कि आगे समंदर कैसे पार किया जाए।

10:12 (IST)09 Apr 2020
हनुमान को मारने की कसम खाकर आया इंद्रजीत, ब्रह्मास्त्र की वजह से वीर हनुमंत ने झुकाया सिर, रखा सम्मान

रावण अक्षकुमार का मृत शरीर देख कर बोलते हैं कि यह कोई आम वानर नहीं है।मायावी वानर है। अब इंद्रजीत गुस्से में रावण से कहता है कि उसे आज्ञा दें ताकि वह उस बंदर को रावण के पास पकड़ कर ला सकें। इधर, सीता को राक्षसियां कहने लगती हैं कि त्रिजटा की वजह से हुआ ये। वानर सीता से मिलने जा रहा था। सबसीता से पूछते हैं बता कौन है वो वानर जो तुमसे मिलकर गया। इधर इंद्रजीत हनुमान को देखते रह जाते हैं। अब हनुमान औऱ इंद्रजीत के बीच भीषण युद्ध होने लगता है। साधारण से बानर दिखने वाले हनुमान अब इंद्रजीत को अपनी माया दिखाते हैं। वहीं इंद्रजीत ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल कर हनुमान को बंधक बना लेते हैं।

10:02 (IST)09 Apr 2020
हनुमान का पराक्रम देख कर सभी आश्चर्यचकित 

हनुमान की पूंछ पकड़ने की कोशिश में सारे राक्षस परेशान हो जाते हैं। इस खबर को रावण तक पहुंचाया जाता है। मंत्री जन कहते हैं कि इतनी सी बात के लिए लंकेश को परेशान करने की क्या जरूरत? लंका के राक्षस अब हनुमान को पकड़ने की तैयारी करते हैं।हनुमान का पराक्रम देख कर सभी आश्चर्यचकित  रह जाते हैं।

09:50 (IST)09 Apr 2020
हनुमान ने अशोक वाटिका में मचाया उत्पात..

हनुमान एक एक पेड़ से सारे फल तरह तरह के फल तोड़ कर खाने लगते हैं। इसके बाद वह अशोक वाटिका का नाश करने लगते हैं। हनुमान खूब उधम मचाते हैं। लंका के राक्षस कहते हैं कि वाटिका में एक वानर उतपात मचाने आ गया है। राक्षस सेनानायक के पास जाते हैं औऱ बताते हैं कि बंदर ने वाटिका उजाड़ दी। ऐसे में सेनानायक हनुमान के पास आते हैं। हनुमान को रस्सी के सहारे बांध दिया जाता है औऱ खींच खींच कर लंका नरेश के सामने पेश किया जाता है।

09:44 (IST)09 Apr 2020
हनुमान को लगी भूख, लंका के सारे फल अब होंगे सफाचट

सीता मां कहती हैं कि अब तुम जाओ यहां से। लेकिन हनुमान कहते हैं कि माता मैं अभी नहीं थोड़ी देर में जाऊंगा। मैं देख लूं कि रावण केपास कौन कौन से अस्त्र शस्त्र हैं। इसके अलावा मैं एक औऱ लीाला करना चाहता हूं। हनुमान कहते हैं माता मुझे भूख लगी है. वहां पेड़ पर सुंदर सुंदर फल लगे हैं क्या मैं वो खालूं। मां सीता उन्हें आज्ञा देती हैं।

09:42 (IST)09 Apr 2020
हनुमान जी ने सीता को अपना असली रूप दिखाया। 

हनुमान जी ने सीता को अपना असली रूप दिखाया: हनुमान कहते हैं मां सीता आप अभी मेरे साथ मेरी पीठ पर बैठ कर चलिए। लेकिन सीता मां कहती हैं कि यह मेरे पति धर्म का अपमान होगा। मैं चाहती हूं कि रघुवीर मुझे यहां से ले जाएं ताकि तीनों लोक में उनका यश बढ़े।

09:39 (IST)09 Apr 2020
रामायण की सीता दीपिका चिलखिया की पर्दे पर वापसी, सरोजिनी नायडू की बायोपिक में आएंगी नजर
09:31 (IST)09 Apr 2020
हनुमान ने बताया श्रीराम करते हैं सीता को याद..

सीता झट से श्रीराम की अंगूठी पहचान जाती हैं। वह प्रार्थना करती हैं कि आप मेरे सामने प्रकट हों। आप मेरे स्वामी का संदेशा लाए हैं? सामने आएं। हनुमान सामने आते हैं। वह अफना परिचय देते हैं। तभी सीता मां कहती हैं कि तुम राक्षस हो और मुझे सताने आए हो, मुझपर दया करो। हनुमान जी सीता मां को विश्वास दिलाने केलिए एक और गुप्त बात बताते हैं- आपने रावण के वायुयान पर जाते हुए पोठली में आभूषण फेंके थे। वह सुग्रीव के पास हैं उन्होंने श्रीराम को दिखाए। हनुमान बताते हैं कि श्रीराम सीता को बहुत याद करते हैं।

09:26 (IST)09 Apr 2020
सीता को मिला राम संदेश..

हनुमान सीता मां को छिप कर बताते हैं कि वह श्रीराम दूत हैं। और श्रीरा का संदेश उनके लिए लाए हैं। यह कहते हुए पेड़ पर छिपे हनुमान पत्तों के बीच से वह निशानी फेंकते हैं जिसे देख कर सीता हनुमान को देखने के लिए व्याकुल हो जाती हैं। ,वह देखती हैं कि यह तो जानी पहचानी मुंदरी है।    

09:21 (IST)09 Apr 2020
दबे पांव मां सीता के पास पहुंचे हनुमान, जानकी को करा रहे आभास -दुख भरे दिन बीते रे...

दबे पांव मां सीता के पास पहुंचे हनुमान, जानकी को करा रहे आभास -दुख भरे दिन बीते रे...: सीता को छुप छुप कर देख रहे हनुमान अबदूर से ही सीता मां को बताने की कोशिश करते हैं कि श्रीराम की तरफ से उनका सेवक आ चुका है। 

09:11 (IST)09 Apr 2020
लंका का विनाश निकट, मां सीता को इस हाल हमें देख भर आईं हनुमान की आंखें

सीता को बताया जाता है कि समंदर पार कर कोई नहीं आ सकता। तुम बेकार में इंतजार कर रही हो। राक्षसियां सीता को डराती हैं। हनुमान छुपकर यह सब देख रहे हैं। तभी सीता को बाकी राक्षसियों से बचाने के लिए त्रिजटा अशोक वाटिका आती हैं। वह सभी राक्षसियों को कहती हैं- क्यों परेशान कर रही हो सीता को। जो सीता की शरण में अभी आ जाएगा वह इस पाप से मुक्त होगा। वह बताती हैं कि उन्होंने स्वप्न देखा कि लंका का विनाश निकट है। 

09:08 (IST)09 Apr 2020
सीता के आगे रावण की शक्तियों का बखान व्यर्थ..

मां सीता अशोक वाटिका में बैठे बैठे अपने प्राणनाथ की शक्तियों का वर्णन कर रही हैं। रावण के सामने सीता बखान करती हैं कि स्वामी राम एक दिन आएंगे और इस लंका का विनाश होगा। रावण ये सब सुन कर भड़क जाता है। वह कहता है कि सीता इस पाप के लिए मैं तुम्हें दंड़ दूंगा। तभी उन्हें रोका जाता है। उन्हें बताया जाता है किउनके लिए स्त्री पर शस्त्र उठाना ठीक नहीं। रावण कहते हैं जल्द से जल्द सीता को मनाओ ये काम हम तुम्हें सौंपते हैं। इसके बाद राक्षसियां सीता के आगे रावण की शक्तियों का बखान करने लगती हैं।

09:05 (IST)09 Apr 2020
रामायण के चक्कर में रामानंद सागर ने 10 साल तक काटे थे कोर्ट के चक्कर, जानिये- पूरा किस्सा

एक जमाने में रामानंद सागर के निर्देशन में बनी रामायण की लोकप्रियता का आलम यह था कि सड़कें खाली हो जाया करती थीं..रामायण के चक्कर में रामानंद सागर ने 10 साल तक काटे थे कोर्ट के चक्कर, जानिये- पूरा किस्सा

08:53 (IST)09 Apr 2020
हनुमान को ऐसे याद आईं अपनी शक्तियां

हनुमान को ऐसे याद आईं अपनी शक्तियां: बाल अवस्था में जब हनुमान जी ने भगवान सूर्य को फल समझकर खा लिया था, इसके अलावा भी नटखट हनुमान कई बार ऋषि-मुनियों को परेशान किया करते थे। एक बार क्रोध में आकर ऋषि ने उन्हें श्राप दिया कि वो अपनी समक्ष शक्तियों को भूल जाएंगे। जैसे ही इस बात की जानकारी माता अंजनि ने ऋषिवर से माफी मांगी। तब ऋषि ने उपाय बताया कि जब बहुत जरूरत आनप पड़ेगी और कोई याद दिलाएगा तो उन्हें उनकी शक्तियां याद आ जाएंगी।