Mahabharat 22nd April Episode Updates: वनवास काट रहे पांडवों के से मिलने खुद भगवान श्री कृष्ण पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अर्जुन के क्रोध को शांत करते हुए कहा कि मैं ये नहीं चाहता की पांडवों की तरफ से पहले युद्ध का आहवाहन हो। लेकिन जब न्याय के सभी मार्ग बंद हो जाएंगे तो युद्ध अवश्य होगा। लेकिन कुरुवंश के योद्धाओं से जीतने के लिए तुम्हें दिव्य अस्त्रों की जरूरत होगी। यदि तुम्हारे पास दिव्य अस्त्र नहीं होंगे तो तुम पितामह और गुरुद्रोण जैसे योद्धाओं को युद्ध में परास्त नहीं कर पाओगे। जिसके बाद अर्जुन मे पहले इंद्र फिर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर दिव्य अस्त्र प्राप्त करने की ओर अपने कदम बड़ा दिए हैं।

वहीं इससे पहले पांडवों की हंसी उड़ाने दुर्योधन अपने मित्र अंगराज कर्ण के साथ वन में पहुंच गया। इसके बाद वहां उसने गंधर्वों की कन्या के साथ अशिष्ट व्यवहार करने का प्रयत्न किया। जिसके बाद गंधर्वों ने दुर्योधन को बंदी बना लिया। जिसके बाद दुर्योधन के अंग रक्षक ने इसकी सूचना युधिष्ठिर को दी तो भीम और अर्जुन ने दुर्योधन को गंधर्वों के बंधन से मुक्त कराया। इस बात की जानकारी जब भीष्म को पड़ी तो वो धृतराष्ट्र से इस बारे में बात करने पहुंचे। वहां उनके बाद दुर्योधन, कर्ण के साथ पहुंच गया। जहां कर्ण और द्रोण के बीच विवाद बढ़ गया और गुरु द्रोण ने कर्ण को दुर्योधन के गंधर्वों द्वारा बंदी बनाये जाने के उपरांत भागने का आरोप लगाते हुए उसे भगोड़ा बता दिया।

जन्म से अंधा होना धृतराष्ट्र का भाग्य था। किंतु पुत्र मोह में उसे न्याय और अन्याय में अंतर दिखना भी बंद हो गया है। 12 वर्ष के वनवास तथा एक वर्ष के अज्ञात वास पर निकले पांडवों के विषय में  पितामह की आज्ञा लेकर जब विदुर धृतराष्ट्र के पास पहुंचे और उनसे आग्रह किया कि विशेष परिस्थियों में पांडवों को वापस बुला लीजिए,  तो धृतराष्ट्र ने ना सिर्फ विदुर पर क्रोध किया बल्कि उसने उनका परामर्श भी ठुकरा दिया। इतना ही नहीं धृतराष्ट्र नेे विदुर को बेइज्जत कर के हस्तिनापुर से निकाल दिया है। हालांकि इस बात की सूचना मिलते ही पितामह भीष्म ने हस्तिनापुर के सर्वनाश कि चिंता जताते हुए  धृतराष्ट्र पर रोष व्यक्त करते हुए तुरंत विदुर को वापस बुलाने का आदेश दिया।

जिसके बाद धृतराष्ट्र ने अपने सारथी संजय को रथ सहित विदुर के पास भेज कर उसे वापस बुलवा लिया। उस वक्त विदुर पांडवों से मिलने वन में गए हुए थे। वहीं अपनी बेटी के साथ हस्तिनापुर में हुई निर्वस्त्र करने जैसे घिनौने अपराध के बारे में सुनकर पांचाली के पिता महाराज द्रुपद ने तुरंत अपने पुत्र दृष्टदूम सहित अपनी सेना तत्काल पांडवों के पास भेज दी। जिससे वो हस्तिनापुर पर तुरंत आक्रमण कर सकें। लेकिन पांचाली ने अपने भाई को समझा बुझा कर वापस अपने राज्य लौट जाने का परामर्श दे दिया।

 

 

Live Blog

19:58 (IST)22 Apr 2020
पांचाली ने पांडवों से कहा कि समय के साथ तुम लोगों के अंदर प्रतिषोध की ज्वाला बुझती जा रही है।

पांचाली ने पांडवों से कहा कि समय के साथ तुम लोगों के अंदर दुर्योधन से बदला लेने की भावना खत्म होती जा रही है। जिसे देख कर मेरा हृदय फटा जा रहा है। इसके बाद युधिष्ठिर ने पांचाली को क्रोध पर काबू पाने का सुझाव दिया। लेकिन बलशाली भीम ने कहा कि क्रोध वक्त के साथ और बढ़ेगा। उस पापी दुर्योधन और दुशासन से हम बदला लेकर रहेंगे। जिसके बाद सभी पांडव खाने पर से उठ कर चले गए। 

19:47 (IST)22 Apr 2020
हस्तिनापुर के महल में गूंजी कर्ण की जयघोष

गुरुद्रोण से उलझते वक्त कर्ण ने अपने शक्ति प्रदर्शन की बात कही थी। जिसके बाद कर्ण ने हस्तिनापुर में अन्य राज्यों के राजाओं के मुकुट लाकर रख दिये। जिसके बाद हस्तिनापुर के महल में कर्ण के नाम की जय घोष गूंजने लगी।

19:39 (IST)22 Apr 2020
अर्जुन को भगवान ने दिया पाशुपस्त्र अस्त्र

भगवान भोलेनाथ ने अर्जुन की तपस्या से खुश होकर उसे पाशुपस्त्र अस्त्र प्रदान किया और उसे स्वर्ग जाकर दिव्य अस्त्र प्राप्त करने का मार्ग बताया।

19:37 (IST)22 Apr 2020
भगवान शिव ने तोड़ा अर्जुन का अहंकार

आखेटक के वेष में आए भगवान शिव ने तोड़ा अर्जुन के सर्वश्रेष्ठ धनुरधर होने का अभिमान। इस दौरान अर्जुन ने उन्हें पहचान कर उनके चरणों को प्रणाम किया है। भोलेनाथ अर्जुन की तपस्या से खुश होकर उसे वरदान देने की इच्छा जताई है।

19:34 (IST)22 Apr 2020
महादेव की घोर तपस्या में लीन अर्जुन का वध करने आया असुर

दिव्य अस्त्रों की प्राप्ति के लिए अर्जुन महादेव की घोर तपस्या कर रहा है। इस दौरान उसकी तपस्या भंग कर के उसे मारने दुर्योधन का भेजा एक असुर जंगली सुअर बनकर आया है। जिसके बाद अर्जुन ने उसे अपने बाण से धराशाई कर दिया। किंतु दो बाण देख अर्जुन हैरान हो गया।

19:25 (IST)22 Apr 2020
दिव्य अस्त्रों की प्राप्ति के लिए इंद्र की तपस्या में जुटा अर्जुन

भगवान कृष्ण द्वारा दी गई बुद्धि के अनुसार अर्जुन ने इंद्र की तपस्या की। अर्जुन की तपस्या से प्रसन्न हो कर इंद्र प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि महादेव को प्रसन्न करके उनसे इसकी प्राप्ति करो।

19:21 (IST)22 Apr 2020
भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों से कहा युद्ध जरूर होगा

भगवान श्री कृष्ण पांडवों से मिलने पहुंचे हैं। इस दौरान प्रभु ने युधिष्ठिर और अर्जुन से कहा मैं चाहता नहीं हूं लेकिन युद्ध तो अवश्य होगा। लेकिन अर्जुन युद्ध में तुम्हारे सामने पितामह भीष्म, गुरुद्रोण और कर्ण जैेसे बड़े बड़े योद्धा होंगे। इस लिए ये युद्ध जीतने के लिए दिव्यास्त्र प्राप्त करो। वरना पांडव इस युद्ध को दुर्योधन से कभी नहीं जीत पाएंगे। 

19:13 (IST)22 Apr 2020
श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा जब न्याय के सारे मार्ग बंद हो जाएंगे तब युद्ध होगा

अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से कह रहा है कि मुझे कर्ण से बदला लेना है। जिसेक बाद भगवान ने कहा पहले आक्रमण तुम मत करो। जब न्याय के सारे मार्ग बंद हो जाएंगे तब युद्ध होगा। इसके बाद भगवान ने कहा कि अर्जुन भोलेनाथ को प्रसन्न कर दिव्यास्त्र प्राप्त करो।

19:09 (IST)22 Apr 2020
पांडवों से मिलने पहुंचे भगवान श्रीकृष्ण

12 वर्ष का वनवास काट रहे पांडवों से मिलने भगवान श्री कृष्ण पहुंचे हैं। वो अर्जुन से कह रहे हैं कि द्रौपदी के साथ जो हुआ वो तुम्हारा ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का अपमान था। इसके बाद श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि युधिष्ठिर ने जो कुछ भी किया वो गलत था। इसलिए युधिष्ठिर को अपनी गलती का प्राश्चित तो करना ही होगा।

19:01 (IST)22 Apr 2020
गुरुद्रोण और भीष्म से उलझा कर्ण

धृतराष्ट्र के कक्ष में पहुंचे भीष्म और गुरु द्रोण उन्हें दुर्योधन को गंधर्वों के बंधी बनाने की बात बता रहे थे। इस दौरान वहां कर्ण और दुर्योधन भी पहुंच गए जिसके बाद कर्ण द्रोण और पितामाह भीष्म से उलझ गए।

18:57 (IST)22 Apr 2020
दुर्योधन को बचाने पहुंचे भीम और अर्जुन

दुर्योधन को गंधर्वों ने बंधी बनाकर अपने काफिले में ले गए हैं। जिसके बाद भीम और अर्जुन ने गंधर्वों से माफी मांग ली है। लेकिन गंधर्व दुर्योधन को माफ करने को तैयार नहीं हैं। 

18:51 (IST)22 Apr 2020
दुर्योधन को गंधर्वों ने बनाया बंधी

दुर्योधन ने गंधर्वों की कन्या के साथ दुर्व्यहवाहर किया था। जिसके बाद गंधर्वों ने उसे बंधी बना लिया है। इस बात की सूचना दुर्योधन के अंगरक्षक ने पांडवों को दी है। जिसके बाद युधिष्ठिर ने भीम और अर्जुन से उसकी सहायता के लिए कहा है।

18:43 (IST)22 Apr 2020
ऋषि व्यास के कड़वे वचन की बात सुनकर दुर्योधन चिंतित

धृतराष्ट्र से ऋषि व्यास ने हस्तिनापुर के सर्वनाश की बात कही है। उनकी इस बात को सुनकर गांधार नरेश शकुनि ने ये सूचना दुर्योधन को दी है। जिसके बाद दुर्योधन चिंता में डूब गया है। लेकिन अंगराज कर्ण उसे समझा रहे हैं कि तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मैं तुम्हारे साथ हमेशा खड़ा हूं और खड़ा रहूंगा।

18:38 (IST)22 Apr 2020
ऋषि व्यास ने धृतराष्ट्र से कहा पांडवों के साथ तुमने गलत किया

धृतराष्ट्र से मिलने पहुंचे ऋषि व्यास ने धृतराष्ट्र से कहा कि तुमने पांडवों के साथ पुत्र मोह में आकर गलत किया है। 13 वर्ष बाद भी पांडव इसे भूलेंगे नहीं हस्तिनापुर और दुर्योधन का अंत हो जाएगा। 

13:02 (IST)22 Apr 2020
भीष्म से उलझा कर्ण

धृतराष्ट्र के कक्ष में पहुंचे भीष्म और गुरु द्रोण उन्हें दुर्योधन को गंधर्वों के बंधी बनाने की बात बता रहे थे। इस दौरान वहां कर्ण और दुर्योधन भी पहुंच गए जिसके बाद कर्ण द्रोण और पितामाह भीष्म से उलझ गए।

12:51 (IST)22 Apr 2020
पांडवों के पास दुर्योधन को बचाने की विनती करने गए अंगरक्षक को दुर्योधन ने दिया मृत्यु दंड

दुर्योधन को जब गंधर्वों ने बंधी बना लिया जिसके बाद दुर्योधन को अर्जुन और भीम ने दुर्योधन को छुड़ाया। जिसके बाद अहंकारी दुर्योधन अपने अंग रक्षक से इस कदर नाराज हुआ की उसने उसे मौत के घाट उतार दिया। 

12:43 (IST)22 Apr 2020
भीम और अर्जुन की प्रार्थना सुनकर गंधर्वों ने दुर्योधन को छोड़ा

गंधर्व कन्या से दुर्व्यहवार करने वाले दुर्योधन को गंधर्व के मुखिया ने मृत्यु दंड देने का निर्णय लिया था। लेकिन समय रहते युधिष्ठिर ने अर्जुन और भीम को गंधर्वों के काफिले में भेज दुर्योधन को छुड़ाने को कहा। इसके बाद अर्जुन और भीम ने सभ्यता का परिचय दे, गंधर्वों से क्षमा मांग कर दुर्योधन को उनके बंधन से मुक्त करा दिया।

12:39 (IST)22 Apr 2020
दुर्योधन को बचाने पहुंचे भीम और अर्जुन

दुर्योधन को गंधर्वों ने बंधी बनाकर अपने काफिले में ले गए हैं। जिसके बाद भीम और अर्जुन ने गंधर्वों से माफी मांग ली है। लेकिन गंधर्व दुर्योधन को माफ करने को तैयार नहीं हैं। 

12:34 (IST)22 Apr 2020
दुर्योधन को गंधर्वों ने बनाया बंधी

दुर्योधन ने गंधर्वों की कन्या के साथ दुर्व्यहवाहर किया था। जिसके बाद गंधर्वों ने उसे बंधी बना लिया है। इस बात की सूचना दुर्योधन के अंगरक्षक ने पांडवों को दी है। जिसके बाद युधिष्ठिर ने भीम और अर्जुन से उसकी सहायता के लिए कहा है।

12:31 (IST)22 Apr 2020
वन में कन्या से छेड़खानी कर फंसा दुर्योधन

दुर्योधन ने वन में एक कन्या को छेड़ दिया जिसके बाद उसने इसकी सूचना अपने भाई को दी है और उसके भाई ने वन में ही दुर्योधन पर हमला बोल दिया।

12:23 (IST)22 Apr 2020
वन में पांडवों को नीचा दिखाने पहुंचा दुर्योधन

अपने मामा शकुनि के कहे अनुसार एक बार फिर दुर्योधन पांडवों को परेशान करने वन में पहुंच गया है। जिसके बाद वो कर्ण और दुशासन सहित उन्हें परेशान कर रहा है।

12:20 (IST)22 Apr 2020
कुलगुरु कृपाचार्य ने भीष्म से कहा शकुनि पांडवों को वनवास भेजने के बाद भी अशांत

कुलगुरु कृपाचार्य देर रात गंगापुत्र भीष्म के पास गए हैं। उन्होंने कहा कि शकुनि वन में भी पांडवों को चैन से रहने नहीं दे रहा है। उसने दुर्योधन को वन में जाकर पांडवों को जलाने को कहा है।

12:14 (IST)22 Apr 2020
ऋषि व्यास के कड़वे वचन की बात सुनकर दुर्योधन चिंतित

धृतराष्ट्र से ऋषि व्यास ने हस्तिनापुर के सर्वनाश की बात कही है। उनकी इस बात को सुनकर गांधार नरेश शकुनि ने ये सूचना दुर्योधन को दी है। जिसके बाद दुर्योधन चिंता में डूब गया है। लेकिन अंगराज कर्ण उसे समझा रहे हैं कि तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मैं तुम्हारे साथ हमेशा खड़ा हूं और खड़ा रहूंगा।

12:08 (IST)22 Apr 2020
ऋषि व्यास ने धृतराष्ट्र से कहा पांडवों के साथ तुमने गलत किया

धृतराष्ट्र से मिलने पहुंचे ऋषि व्यास ने धृतराष्ट्र से कहा कि तुमने पांडवों के साथ पुत्र मोह में आकर गलत किया है। 13 वर्ष बाद भी पांडव इसे भूलेंगे नहीं हस्तिनापुर और दुर्योधन का अंत हो जाएगा। 

12:00 (IST)22 Apr 2020
विदुर के हस्तिनापुर वापस आने से दुर्योधन हुआ निराश

विदुर को हस्तिनापुर निकालने पर पितामाह भीष्म ने धृतराष्ट्र को जमकर फटकारा है। जिसके बाद धृतराष्ट्र ने संजय को भेज कर विदुर को वापस बुला लिया है इस बात से चिंतित दुर्योधन मायुस हो गया है। लेकिन शकुनि ने उसे समझा दिया है। 

11:54 (IST)22 Apr 2020
क्रोध में जले पितामाह भीष्म ने धृतराष्ट्र को बताया महामूर्ख

महात्मा विदुर को हस्तिनापुर से निकाले जाने के बाद पितामाह भीष्म धृतराष्ट्र पर क्रोधित नजर आए। इसके बाद पितामाह ने कहा कि विदुर को वापस बुला लो धृतराष्ट्र वरना इस कुल का सूरज कभी नहीं उगेगा। इसके बाद विदुर पांडवों से विदा लेकर फिर से हस्तिनापुर चले गए हैं।

11:49 (IST)22 Apr 2020
पांडवों से मिलने पहुंचे विदुर

वनवास काट रहे पांडवों से उनका दुख दर्द बांटने हस्तिननापुर के महामंत्री विदुर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि पितामाह भीष्म की हालत तुम लोगों के वनवास आने के बाद से काफी खराब है। वहीं तुम्हारी मां कुंती तुम्हारे वापस आने का एक एक दिन गिन रही हैं। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि धृतराष्ट्र ने उन्हें हस्तिनापुर से निकाल दिया है।

11:45 (IST)22 Apr 2020
द्रौपदी के भाई दृष्टदूम ने पांडवों के पास जाकर हस्तिनापुर पर आक्रमण करने की बात कही

द्रौपदी के भाई दृष्टदूम वनवास काट रहे पांडवों के पास अपनी सेना के साथ पहुंचे हैं और उन्होंने बताया कि पांचाली के और मेरे पिता द्रुपद ने मुझे हस्तिनापुर पर आक्रमण करने का फैसला किया है। जिसके बाद द्रौपदी ने अपने भाई को समझा कर युद्ध ना करने के लिए कहा है। 

11:40 (IST)22 Apr 2020
विदुर पर बरसे धृतराष्ट्र कहा मैं पांडवों को वापस नहीं बुलाउंगा

12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञात वास पर निकले पांडव पुत्रों को वापस बुलाने का परामर्श लेकर विदुर धृतराष्ट्र के पास पहुंचे थे। लेकिन धृतराष्ट्र ने क्रोध दिखाते हुए विदुर को अपने मंत्रीमंडल से भी निकाल दिया और उनका परामर्श भी ठुकरा दिया है।