Mahabharat 20th April Episode Updates: महाभारत के महासंग्राम का प्रथम चरण शुरू हो गया है। दुर्योधन ने हस्तिनापुर में पांडवों के साथ छल कपट कर चौसर में उनका राजपाठ से लेकर उनकी अर्धांगिनी पांचाली को भी जीत लिया है। तत्पश्चात दुर्योधन, पांडवों से कहता है कि अब तुम सब मेरे दास हो और वो पांचाली भी मेरी दास बन गई है। इसके बाद वो अपने एक दास को आदेश देता है कि जाओ और पांचाली को इस द्वित सभी में लेकर आओ, जिसके बाद दास अहंकारी दुर्योधन का संदेशा लेकर पांचाली के पास जाता है, और बताता है महाराज युधिष्ठिर द्यूत सभा में अपना राजपाठ सहित चारों भाईयों को भी हार गए हैं। इतना ही नहीं वो आपको भी इस क्रीड़ा में दुर्योधन के हाथों गंवा चुके हैं। जिसे सुनकर पांचाली के होश उड़ जाते हैं और वो सभा में जाने से इनकार कर देती है।

वहीं इस बात से नाराज दुर्योधन अपने छोटे भाई दुशासन से कहता है कि उस घमंडी पांचाली को लेकर सभा में आओ, यदि वो आने में आनाकानी करे तो उसके केश पकड़ कर उसके सभा में घसीटते हुए लेकर आना। जिसके बाद दुशासन पांचाली के केश पकड़ कर सभा में लेकर आता है पांचाली वहां बैठे पितामाह भीष्म से रो रो कर उसकी लाज बचाने को कहती है लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनता। जिसके बाद दुशासन उससे नग्न करने का प्रयास करता है। तब द्रौपदी को भगवान श्री कृष्ण याद आते हैं वो श्री कृष्ण को लाज बचाने के लिए पुकारती है और भगवान उसकी विनती सुनकर लाज रखते हैं।

इसके बाद पांचाली सभा में बैठे सभी लोगों को श्रॉप देने का फैसला करती है। पांचाली को श्रॉप देने से गांधारी रोक लेती है और घबराकर धृतराष्ट्र पांचाली से वरदान मांगने को कहते हैं, जिसके बाद पांचाली पांडु पुत्रों को दुर्योधन के दासबंधन से मुक्त करवा देती है। इसके बाद धृतराष्ट्र द्यूत क्रीड़ा में हारा हुआ पांडवों का इंद्रप्रस्थ भी उन्हें लौटा देते हैं।

इससे पहले दुर्योधन, शकुनि के साथ मिलकर षड्यंत्र करता है कि इंद्रप्रस्थ में हुए उसके अपमान का बदला वो पांचाली से अवश्य लेगा। इसी के तहत वो द्यूत सभा में युधिष्ठिर और उसके भाइयों से सबकुछ जीत कर उनका अपमान करने की सारी हदें पार करता हुआ देखा गया।

Live Blog

19:58 (IST)20 Apr 2020
भीष्म ने अर्जुन से कहा जो कुछ हुआ उसमें युधिष्ठिर का दोष है

पितामाह भीष्म से अर्जुन ने गुस्से में कहा कि मैं कौरवों के साथ कर्ण और शकुनि का शव देखने का बाद ही शांत हो सकूंगा। इस पर पितामाह ने कहा कि तब तुम्हे मेरे और गुरु द्रोण के शव से होकर गुजरना पड़ेगा। इसके बाद पितामाह ने कहा जो कुछ भी हुआ उसके जिम्मेदार युधिष्ठिर है.. यदि मुझे युद्ध की धमकी देने आए हो तो इंद्रप्रस्थ में जाकर क्रोध की जगह शांति से सोचो की गलती कहां हुई थी। 

19:54 (IST)20 Apr 2020
अर्जुन मे पितामाह से कहा मझे दुर्योधन का शव चाहिए

अर्जुन इंद्रप्रस्थ लौटने से पहले पितामाह भीष्म से भेंट करने पहुंचा। इस दौरान अर्जुन ने पितामाह भीष्म से कहा कि हमारे अंदर धधकती ज्वाला तब तक शांत नहीं होगी। जब तक हमें दुर्योधन, दुशासन, कर्ण और गांधार नरेश शकुनि के शव नहीं मिल जाते हैं। इस पर पितामाह ने यदि ऐसा होगा तो तुम्हें और भी कई शव उठाने पड़ेंगे पुत्र।

19:47 (IST)20 Apr 2020
गुरुद्रोण से भीष्म ने कहा इस घिनौंने कृत्य को देखने का ऋण हमें लहु से चुकाना होगा

द्रौपदी के साथ भरी सभा में हुए वस्त्र हरण के दृश्य को याद करते हुए गुरु द्रोण और गंगापुत्र भीष्म बात कर रहे हैं। इस दौरान पितामाह ने गुरु द्रोण से कहा कि आज हमने जो अपनी आंखों से देखा है। उसका बदला हमें अपना लहु देकर चुकाना पड़ेगा। भीषण विध्वंस होगा औऱ हम सब उसके साक्षी बनेंगे।

19:39 (IST)20 Apr 2020
द्यूत सभा में हुए घिनौने कृत्य पर विदुर ने जताया भीषण विध्वंस का अंदेशा

द्यूत सभा में दुर्योधन ने पांचाली को नग्न करने का प्रयास किया। जिसके बाद श्री कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई, जिसके बाद सभा समाप्त होने के बाद विदुर महारानी गांधारी के कक्ष में जाते हैं और उनसे इस घिनौने कृत्य के परिणाम के स्वरूप में होने वाले भयंकर विध्वंस को रोकने का आग्रह किया। जिसके बाद गांधारी उन्हें इसका कोई जवाब ना दे सकीं और सिर्फ रोती हुई नजर आईं।

19:32 (IST)20 Apr 2020
विदुर से गांधारी ने कहा कि सभी वीरों के सामने द्रौपदी के साथ ऐसा कैसे हुआ

भरी द्यूत सभी में दुर्योधन ने जो नीच कृत्य किया उसे लेकर विदुर से गांधारी ने कहा कि वीरों की भरी सभा में दुर्योधन से इस घिनौने कृत्य को करने की चेष्ठा कैसे करी। पितामाह भीष्म और द्रोणाचार्य जैसे विद्वान लोगों ने हस्तिनापुर पर इतना बड़ा कलंक लगने क्यों दिया।

19:23 (IST)20 Apr 2020
पांचाली ने धृतराष्ट्र से पांडवों को दास कहलाने से मुक्ति दिलाई

द्यूत सभा में नग्न करने की दुर्योधन की नीच हरकत से पांचाली के हृदय क्रोध की ज्वाला से भड़क उठा है। जिससे डर कर धृतराष्ट्र ने उससे दुर्योधन को श्रॉप ना देने के लिए वरदान मांगने को कहा। जिसके बाद पांचाली ने धृतराष्ट्र से पांडु पुत्रों का दुर्योधन का दास होने से मुक्त कराने का वरदान मांगा है।

19:17 (IST)20 Apr 2020
गांधारी से द्रौपदी ने कहा मैं दुर्योधन को कभी माफ नहीं कर सकती

पांडवों की पत्नी और कुरुवंश की रानी पांचाली ने क्रोध में आकर पूरे कुरुवंश को श्रॉप देने का फैसला किया है। जिसके बाद गांधारी ने हाथ जोड़कर कहा कि ये सब तेरे अपने हैं इन्हें श्रॉप मत दो पुत्री। जिसके बाद धृतराष्ट्र ने रोते हुए कहा कि इस अप्रिय घटना के लिए मुझे इतिहास कभी क्षमा नहीं करेगा।

19:13 (IST)20 Apr 2020
गांधारी ने दुर्योधन से कहा अपनी मां का भी वस्त्र हरण करवा

द्रौपदी का वस्त्र हरण करवाने के बाद जब द्रौपदी भरी सभा को श्रॉप देने जा रही थी। उस वक्त उसे गांधारी ने रोक लिया और दुर्योधन को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि... अपनी भाभी का तो वस्त्र हरण करवा दिया अब अपनी मां का भी करवा दे नीच निर्लज पुत्र।

19:09 (IST)20 Apr 2020
भरी सभा को द्रौपदी ने लिया श्रॉप देने का ऐलान तो गांधारी ने रोका

अपने आप को भरी सभा में नग्न करने की घटना की दिल में चोट रख कर द्रौपदी ने लिया वीरों से भरी सभा को श्रॉप देने का फैसला तो गांधारी ने द्रौपदी को ऐसा करने से रोक लिया है। 

19:02 (IST)20 Apr 2020
भीम ने ली दुशासन का रक्त पीने की शपथ

भगवान ने द्रौपदी को भरी सभा में नग्न होने से बचा लिया। जिसके बाद भीम ने द्रौपदी को निर्वस्त्र करने वाले दुशासन की छाती चीर कर उसका रक्त पीने का प्रण ले लिया। जिसके बाद विदुर ने होने वाले विध्वंस की चेतावनी भरी सभा को दी।

18:55 (IST)20 Apr 2020
निर्वस्त्र होती द्रौपदी को आई भगवान की याद

दुशासन, द्रौपदी को भरी सभा में निर्वस्त्र कर रहा है। ऐसे में सभी लोग की आंखे शर्म से नीचे झुक गई हैं लेकिन कोई भी द्रौपदी की मदद नहीं कर रहा है। ऐसे में पांचाली ने भगवान श्री कृष्ण को पुकारा और भरी सभा में निर्वस्त्र होने से बचाने की गुहार लगाई है। जिसके बाद स्वयं भगवान ने आकर द्रौपदी की लाज बचाई है और दु्शासन द्रौपदी के वस्त्र उतारते उतारते थक गया किंतु पांचाली के तन से साड़ी का कपड़ा खत्म नहीं हुआ।

18:44 (IST)20 Apr 2020
दुर्योधन ने की नींचता की हदें पार

द्यूत क्रीड़ा में द्रौपदी को जीतने के बाद दुर्योधन ने अपने छोटे भाई दुशासन से द्रौपदी को उसके बाल पकड़ कर सभा में लाने को कहा है। जिसके बाद दुशासन अपनी भाभी द्रौपदी को उसके बाल पकड़ कर सभा में घसीट कर ले जा रहा है। 

18:35 (IST)20 Apr 2020
कुलगुरु को भी किया दुर्योधन ने अपमानित

आज दिन के महाभारत के एपिसोड में दिखाया गया था कि दुर्योधन ने पांडवों को दास बनाने के बाद द्रौपदी को भरी सभा में अपमानित करने को कहा जिसके बाद कुलगुरु ने रोकना चाहा तो दुर्योधनन ने कृपाचार्य का भी अपमान कर दिया।

12:52 (IST)20 Apr 2020
भीम ने किया दुशासन को मारकर उसका रक्त पीने का प्रण

भगवान ने द्रौपदी को भरी सभा में नग्न होने से बचा लिया। जिसके बाद भीम ने द्रौपदी को निर्वस्त्र करने वाले दुशासन की छाती चीर कर उसका रक्त पीने का प्रण ले लिया। जिसके बाद विदुर ने होने वाले विध्वंस की चेतावनी भरी सभा को दी।

12:46 (IST)20 Apr 2020
निर्वस्त्र होते वक्त द्रौपदी को याद आए भगवान श्रीकृष्ण

दुशासन, द्रौपदी को भरी सभा में निर्वस्त्र कर रहा है। ऐसे में सभी लोग की आंखे शर्म से नीचे झुक गई हैं लेकिन कोई भी द्रौपदी की मदद नहीं कर रहा है। ऐसे में पांचाली ने भगवान श्री कृष्ण को पुकारा और भरी सभा में निर्वस्त्र होने से बचाने की गुहार लगाई है। जिसके बाद स्वयं भगवान ने आकर द्रौपदी की लाज बचाई है और दु्शासन द्रौपदी के वस्त्र उतारते उतारते थक गया किंतु पांचाली के तन से साड़ी का कपड़ा खत्म नहीं हुआ।

12:41 (IST)20 Apr 2020
दुर्योधन के कहने पर दुशासन ने किया द्रौपदी को निर्वस्त्र करने का प्रयास

दुर्योधन ने अपने छोटे भाई दुशासन से कहा कि इस दासी द्रौपदी को भरी सभा में निर्वस्त्र करने का आदेश दिया। जिसके बाद दुशासन द्रौपदी को निर्वस्त्र करने का प्रयास कर रहा है।

12:39 (IST)20 Apr 2020
विकर्ण ने किया पांचाली के अपमान का विरोध

दुर्योधन पांचाली को भरी सभा में अपमानित कर रहा है। ऐसे में वहां बैठे सभी वीर खामोश हैं, लेकिन दुर्योधन का छोटा भाई विकर्ण दुर्योधन के इस नीच कृत्य का खुल कर विरोध कर रहा है। वो कहा रहा है कि कुरुवंश की पुत्रवधु के साथ ऐसा व्यहवाहर बिल्कुल गलत है। इससे कुल का सर्वनाश हो जाएगा।

12:29 (IST)20 Apr 2020
द्रौपदी ने सभा में बैठे सभी वीरों से अपनी इज्जत बचाने की गुहार लगाई

द्वित सभा में दुर्योधन ने द्रौपदी को अपनी जंघा पर बैठने का आदेश दिया है। जिसके बाद द्रौपदी सभा में बैठे पितामाह भीष्म और सभी वीरों से खुद की इज्जत की रक्षा करने की भीख मांग रही है। लेकिन कोई कुछ नहीं बोल रहा और सब मौन बैठकर दुर्योधन के इस नीच कृत्य को देख रहे हैं।

12:24 (IST)20 Apr 2020
दुर्योधन ने कहा द्रौपदी को मेरे पैर पर बैठा दो

दुर्योधन के कहने पर द्रौपदी के बाल खींच कर लाने वाले दुशासन से कहा कि इस दासी को मेरी जंघा पर बैठा दो। जिसके बाद पितामाह भीष्म सहित सभा में बैठे सभी लोग स्तब्ध रह गए।

12:20 (IST)20 Apr 2020
दुर्योधन ने द्रौपदी को दुशासन से बाल पकड़ कर सभा में लाने का आदेश दिया

द्वितक्रीड़ा में द्रौपदी को जीतने के बाद दुर्योधन ने अपने छोटे भाई दुशासन से द्रौपदी को उसके बाल पकड़ कर सभा में लाने को कहा है। जिसके बाद दुशासन अपनी भाभी द्रौपदी को उसके बाल पकड़ कर सभा में घसीट कर ले जा रहा है। 

12:11 (IST)20 Apr 2020
दुर्योधन ने उतरवाए पांडवों के मुकुट

अहंकारी अभिमानी दुर्योधन ने पांडवों को दास बनाकर उनके मुकुट अतरवा दिया है। जिसके बाद वो पूरी सभा को अपमानित कर रहा है।

12:10 (IST)20 Apr 2020
दुर्योधन ने किया कुलगुरु कृपाचार्य का अपमान

दुर्योधन ने पांडवों को दास बनाने के बाद द्रौपदी को भरी सभा में अपमानित करने को कहा जिसके बाद कुलगुरु ने रोकना चाहा तो दुर्योधनन ने कृपाचार्य का भी अपमान कर दिया।

11:52 (IST)20 Apr 2020
द्रौपदी से अपने अपमान का बदला लेने कि लिए बेताब हुआ दुर्योधन

सम्राठ युधिष्ठिर ने खेल के दौरान खुद के अलावा अपना सबकुछ गवां दिया है लेकिन इस दौरान सबसे बड़ा झटका तब लगा जब सम्राठ ने दाव पर द्रौपदी को भी लगा दिया। मामा शकुनि ने चाल चलकर उसे भी जीत लिया और उसे दुर्योधन की दासी बना दिया है। द्रौपदी के दासी बनते ही दुर्योधन ने उसे सभा में पेश करने की अनुमति देते हुए कहा कि उस घमंडी स्त्री को यहां मेरे सामने पेश किया जाए। आज से वो मेरी सभी दासियों की तरह ही रहेगी।

11:40 (IST)20 Apr 2020
पांचाली पर दांव खेल सबकुछ हारा युधिष्ठिर

युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दाव पर लगाकर उसे भी गवा दिया है। दुर्योधन अपने दासों पांडवों से कह रहा है कि द्रौपदी आज से मेरी दासी हुई।

11:31 (IST)20 Apr 2020
शर्म से झुका पांडवों का सर

पांडव दुर्योधन के दास हो गए हैं। वहीं जब युधिष्ठिर, दुर्योधन से कहता है कि अब मैं सबकुछ हार चुका हूं मेरे पास कुछ नही बचा तो कर्ण उससे कहते हैं नही अभी तुम्हारे पास वो घमंडी द्रौपदी बची है अब उसको दाव पर लगाओ।