Mahabharat 17 April 2020 Updates: भगवान यथार्थ हैं तथा सर्वज्ञ हैं वो सब कुछ जानते हैं। महाभारत की सारी कहानी भी उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है।  दुनिया के सबसे बलशाली राजा जरासंध से युद्ध के बिना खांडवप्रस्त में युधिष्टर का अखंड यज्ञ संभव नहीं है। लेकिन जरासंध को हरा पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है वो हर तरह के युद्ध में निपुर्ण है। लेकिन जहां भगवान होते हैं वहां कुछ भी असंभव नहीं होता। यही वजह है कि भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध को पराजित करने का एक तरीका निकालते हुए उसे द्वंद युद्ध के लिए चुनौती दी है। जिसके बाद उसने यह चुनौती स्वीकार करली है। जरासंध को केवल द्वंद युद्ध में ही हराया जा सकता है।

भीम ने जरासंध को जमकर पीटा। जरासंध भीम के सामने टिक नही पाता और भीम उसे कृष्ण के कहने पर उसे दो भागों में चीरकर रख देते हैं। आखिरकार युद्ध में जरासंध की पराजय होती है और वासुदेव कृष्ण इस बात की घोषणा करते हैं कि जरासंध की मृत्यु के बाद तुम्हारा नगर मुक्त हुआ।वहीं कृष्ण की बुआ को इस बात का आभास हो गया है कि शिशुपाल का वध कृष्ण के हाथों होगा। कृष्ण की बुआ उससे कह रही हैं कि तुम मेरे इकलौते पुत्र और अपने भाई को नही मार सकते मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं कि तुम ऐसा मत करो।

कृष्ण की बुआ उनसे कहती हैं कि तुम मुझे वचन दो कि तुम मेरे पुत्र के हर अपराध पर जब भी गुस्सा होगे तो सामने मेरा चेहरे का स्मरण करते हुए उसे क्षमा कर देना जिसपर वासुदेव कृष्ण कहते हैं कि बुआ मैं ये तो नहीं कर सकता लेकिन तुम्हारे पुत्र के 100 अपराधों को अवश्य क्षमा करूंगा जो अपराध मृत्युदंड के बराबर होंगे।

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Highlights

    20:00 (IST)17 Apr 2020
    कृष्ण ने धोए ऋषि मुनि के पैर...

    तीनों लोकों के स्वामी हरि के रुप भगवान कृष्ण ने यज्ञ में आए हुए ऋषियों का पैर धोकर उनसे आशिर्वाद प्राप्त किया। कृष्ण की लीला को देखकर सभी लोग चकित हैं।

    19:50 (IST)17 Apr 2020
    कृष्ण ने दिया वचन...

    कृष्ण की बुआ को इस बात का आभास हो गया है कि शिशुपाल का वध कृष्ण के हाथों होगा। कृष्ण की बुआ उससे कह रही हैं कि तुम मेरे इकलौते पुत्र और अपने भाई को नही मार सकते मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं कि तुम ऐसा मत करो। कृष्ण की बुआ उनसे कहती हैं कि तुम मुझे वचन दो कि तुम मेरे पुत्र के हर अपराध पर जब भी गुस्सा होगे तो सामने मेरा चेहरे का स्मरण करते हुए उसे क्षमा कर देना जिसपर वासुदेव कृष्ण कहते हैं कि बुआ मैं ये तो नहीं कर सकता लेकिन तुम्हारे पुत्र के 100 अपराधों को अवश्य क्षमा करूंगा जो अपराध मृत्युदंड के बराबर होंगे।

    19:40 (IST)17 Apr 2020
    शुरू हुई शिशुपाल की कहानी...

    शिशुपाल के रुप में उसकी माता ने राक्षस को जन्म दिया है। शिशुपाल के जन्म से उसकी माता बहुत ज्यादा दुखी हैं। जिसपर एक आकाशवाणी होती है कि शिशुपाल को मत फेंको ये बच्चा परमवीर बनेगा।

    19:37 (IST)17 Apr 2020
    शिशुपाल ने की युधष्ठिर के यज्ञ में जाने की तैयारी

    भगवान कृष्ण के फूफेरे भाई शिशुपाल ने यज्ञ में जाने की तैयारी कर ली है। ये यात्रा शिशुपाल की आखिरी यात्रा होने वाली है। वहीं शिशुपाल के अलावा हस्तिनापुर से दुर्योधन,कर्ण मामा शकुनि यज्ञ में हिस्सा लेने के लिए पुहंच रहे हैं।

    19:31 (IST)17 Apr 2020
    शकुनि ने समझाया दुर्योधन को...

    शकुनि ने दुर्योधन को समझाते हुए कहा कि अगर किसी से जलना है तो फिर जलो लेकिन उसे ये बात बिल्कुल भी जाहिर मत होने दो यही शकुनि नीति है। शकुनि के दिमाग में चल रहे परपंच को फिलहाल दुर्योधन समझ नही पा रहा है।

    19:27 (IST)17 Apr 2020
    दुर्योधन को सता रही है चिंता

    दुर्योधन को इस बात की चिंता सता रही है कि उसके मामा शकुनि को पांडवों के यज्ञ से इतनी ज्यादा खुशी क्यों है। वहीं कर्ण अपने मित्र दुर्योधन से कह रहा है कि मामा शकुनि की झोली में केवल और केवल छल है।

    19:21 (IST)17 Apr 2020
    भीम ने जरासंध को जमकर पीटा

    भीम ने जरासंध को जमकर पीटा। जरासंध भीम के सामने टिक नही पाता और भीम उसे कृष्ण के कहने पर चीरकर रख देते हैं। आखिरकार युद्ध में जरासंध की पराजय होती है और वासुदेव कृष्ण इस बात की घोषणा करते हैं कि जरासंध की मृत्यु के बाद तुम्हारा नगर मुक्त हुआ।

    19:09 (IST)17 Apr 2020
    रुद्र भक्त राजा ने युद्ध के लिए चुना भीम को...

    जरासंध और भीम के बीच युद्ध शुरू हो चुका है। जरासंध भीम पर भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। वहीं भीम अपनी तरफ से युद्ध में टिके रहने की पूरी कोशिश कर रहा है।

    18:29 (IST)17 Apr 2020
    महाभारत 17 अप्रैल शाम का एपिसोड...

    कई राजाओं को जरासंध ने बंदी बना रखा है और 14 और राजाओं की बली भगवान शिव को चढ़ाकर अजेय होना चाहता है। मल युद्ध से लेकर गदा युद्ध तक उसका कोई तोड़ नहीं है। जिसके बाद पांडवों की आस अब भगवान श्री कृष्ण से जुड़ गई है।

    13:00 (IST)17 Apr 2020
    वेष बदल कर जरासंध के महल पहुंच कृष्ण ने द्वंद युध्द के लिए ललकारा

    भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को बताया था कि जरासंध को मार पाना असंभव है। जिसके बाद उन्होंने एक रणनीति तैयार की और भीम और अर्जुन को जरासंध के महल में ब्राह्मण बना कर ले गए। लेकिन राजा ने उन तीनों को पहचान लिया जिसके बाद भगवान कृष्ण ने जरासंध को द्वंद युद्ध के लिए ललकारा है। इसके बाद जरासंध ने द्वंद युद्ध के लिए भीम को चुना है।

    12:38 (IST)17 Apr 2020
    जरासंध से युद्ध को तैयार हुए पांडव, लेकिन कृष्ण ने दी चेतावनी

    सबसे शक्तिशाली राजा जरासंध से युद्ध करने को लेकर पांडव तैयार हो गए हैं। लेकिन श्री कृष्ण ने पांडवों को चेताया है कि जरासंद को रोक पाना असंभव है युद्ध से पहले सोच लो क्योंकि उसने कारागार में 86 राजाओं को बंधी बना रखा है और वो 14 और राजाओं की बली भगवान शिव को चढ़ाकर अजेय होना चाहता है। मल युद्ध से लेकर गदा युद्ध तक उसका कोई तोड़ नहीं है। जिसके बाद पांडवों की आस अब भगवान श्री कृष्ण से जुड़ गई है।

    12:29 (IST)17 Apr 2020
    गरुण देव ने प्रदान किया अर्जुन को गांडीव धनुष और दिव्य रथ

    गरुण देव ने प्रसन्न होकर अर्जुन को गांडीव धनुष और दिव्य रथ प्रदान किया। जिसके बाद गांडीवधारी अर्जुन ने खांडवप्रस्त में तीनों लोकों में दर्शनीय खांडव महल का निर्माण किया।

    12:25 (IST)17 Apr 2020
    कृष्ण की सीख आई अर्जुन के काम

    भगवान श्री कृष्ण ने सुभद्रा हरण के दौरान जो अर्जुन को सीख दी थी। वो उसके काम आई और उन्होंने सुभद्रा को द्रौपदी से मिलने भेज दिया। जिसके बाद सुभद्रा ने अपने मीठे बोल से द्रौपदी का दिल जीत लिया और दोनों सगी बहनों की तरह एक दूसरे से प्रेम पूर्वक मिली हैं।

    12:18 (IST)17 Apr 2020
    द्रौपदी से सुभद्रा का परिचय कराने से डरा अर्जुन भाइय़ो ने भी छोड़ा साथ

    द्रौपदी का सुभद्रा के साथ परिचय कराने को लेकर अर्जुन का साथ सभी भाइयों ने छोड़ दिया है। जिसके बाद खुद अर्जुन, पांचाली से अपने विवाह को लेकर बात करने पहुंचा है। जिसके बाद द्रौपदी क्रोध में नजर आ रही हैं।

    12:06 (IST)17 Apr 2020
    अर्जुन का सुभद्रा से विवाह संपन्न हुआ

    भगवान कृष्ण की इच्छा अनुसार पूरी द्वारिका के सामने वासुदेव बलराम व माता पिता गुरुजनों के समक्ष अर्जुन और सुभद्रा का विवाह संपन्न हुआ है।

    12:03 (IST)17 Apr 2020
    नहीं चली शकुनी की कोई चाल

    भगवान के आगे कोई भी योद्धा या चतुर व्यक्ति नहीं टिक सकता। शकुनी ने जिस श्रड्यंत्र के तहत दुर्योधन से सुभद्रा की शादी के लिए बलराम को मनाने को कहा था भगवान ने उसके इस श्रड्यंत्र पर पानी फेर दिया है और अर्जुुन के साथ सुभद्रा का विवाह निश्चित कराया है।

    11:53 (IST)17 Apr 2020
    अर्जुन ने किया सुभद्रा का हरण...

    अर्जुन ने सुभद्रा का हरण कर लिया है जिसके चलते बलराम को बहुत ज्यादा क्रोध आ गया है। कृष्ण,  बलराम से कहते हैं कि हो सकता है कि हो सकता है कि सुभद्रा, दुर्योधन से विवाह नही करना चाहती हो इसलिए उसने वासा किया है। कृष्ण की बात सुनकर बलराम को एहसास होता है कि हो न हो सुभद्रा भी कहीं न कहीं अर्जुन पर मोहित हो।

    11:47 (IST)17 Apr 2020
    सुभद्रा ने मानी कृष्ण की बात...

    सुभद्रा ने कृष्ण की बात मानते हुए सुबह पूजा में जाने का फैसला किया है। कृष्ण ने सुभद्रा से कहा कि तुम सुबह पूजा में जाओ वहां पर जरूर अर्जुन तुम्हारा हरण कर लेगा। सुभद्रा से कृष्ण ने कहा कि अपने बारे में निर्णय लिया जाता है आज्ञा नही मानी जाती है।