‘जी टीवी’ पर प्रसारित होने वाले शो ‘कुमकुम भाग्य’ में अभि स्टेशन जाते हुए रास्ते से प्रज्ञा को कॉल करने की कोशिश करता है लेकिन प्रज्ञा का फोन ऑफ मिलता है। दादी, भगवान से प्रार्थना करती है कि अभि समय पर स्टेशन पहुंच जाए और प्रज्ञा से मिल ले। प्रज्ञा सोचती है, अभि स्टेशन पहुंच कर प्रज्ञा को आवाज लगाता है। प्रज्ञा ट्रेन से उतर कर प्लेटफॉर्म पर आती है और सामने अभि को फूलों के साथ देखती है। अभि उसके सामने घुटने पर बैठकर उसका हाथ पकड़ कर उससे माफी मांगता है। दोनों गले मिलते हैं। अभि फिर से उसके पैरों पर गिर कर माफी मांगता है लेकिन प्रज्ञा उसे रोक देती है। प्लेटफॉर्म पर वेंडर अभि की मैग्जीन बेचता है वो प्रज्ञा के पास आकर उससे लेने की गुजारिश करता है लेकिन सरला उसे मना कर देती है। सरला, बीजी और जानकी कुछ खाने को लेने के लिए बाहर जाते हैं। प्रज्ञा फिर से अभि के बारे में सोचती है और सामने वाली सीट पर उसे बैठा देखती है। वो कहता है कि वो उसे काफी ढूंढ रहा था। उसे एप्लीकेशन देकर आना चाहिए था। प्रज्ञा कहती है कि उसने भी तो उसका साथ नहीं दिया और जेल में भी उससे मिलने नहीं आए। वो गुस्सा करती है कि वो उस चीज के लिए जेल गई जो उसने किया ही नहीं। अभि उसे कहता है कि वो सबके सामने उससे लड़ाई क्यों कर रही है। अभि उसे घर चलने को कहता है क्योंकि उसके बिना उसे घर पर सब कुछ अधूरा लगता है। प्रज्ञा कहती है कि वो किस हक से उसे अपने घर लेकर घर जा रहे हैं। अभि कहता है कि वो उसकी सेक्रेटरी है और उसके बीच कुछ तो कनेक्शन है जिससे उसे लगता है उसे उसके साथ रहना चाहिए। वो वादा करता है कि जिसने भी ये किया है उसे वो छोड़ेगा नहीं। तभी वहां सरला आती है और अभि को एक थप्पड़ रसीद करती है।

दरअसल ये सब अभि गाड़ी में बैठे बैठे सोच रहा था। वो अभी तक रास्ते में ही है। उसे ट्रैफिक की वजह से और भी लेट हो जाता है। निखिल भी वहां उसका पीछा कर रहा है। तभी वहां आलिया आती है और निखिल को थप्पड़ मारते हुए कहती है कि वो भाई को मारने की सोचे भी नहीं। निखिल कहता है कि तनु की वजह से वो अभी को मारने की सोच रहा था। तनु उससे पूछती है कि अभि कहां पर है। निखिल बताता है कि उसे भी नहीं पता कि अभि कहां है, निखिल का ड्राइवर कहता है कि उसने अभि को बोरीवली स्टेशन जाने की बात करते सुना था। आलिया, अभि को फोन करके पता करने की कोशिश करती है।

सरला, बीजी से कहती है कि मुंबई के शोरशराबे से दूर वो पालघर में सही रहेंगे। दरअसल यहां प्रज्ञा के मामा घर है। अभि स्टेशन पहुंच कर ट्रेन का पता करता है। प्रज्ञा की ट्रेन छूटने ही वाली होती है। वो आवाज लगाते हुए प्लेटफॉर्म पर दौड़ता है। प्रज्ञा कहती है कि अभि उसे लेने आया है। सरला कहती है कि ये उसका वहम है जबकि वहां कोई नहीं है। प्रज्ञा, दरवाजे पर जाकर सोचती है कि काश वो एक बार अभि से मिल पाती।

ट्रेन निकल जाती है। वो सोचती है कि उसे अभि से नहीं बल्कि खुद से शिकायत है। वो कहती है कि उनकी याद आने पर वो उसकी तस्वीर देख लिया करेगी। आलिया, अभि को फोन करके पूछती है कि वो कहां पर हैं। अभि कहता है कि वो स्टेशन में प्रज्ञा से मिलने आया था। आलिया के पूछने पर कि प्रज्ञा मिली कि नहीं अभि कहता है कि अब वो प्रज्ञा को नहीं बल्कि उस अकाउंटेंट को ढूंढेगा जिसकी वजह से प्रज्ञा को जेल जाना पड़ा। आलिया ये सुन कर परेशान हो जाती है और तनु से कहती है कि अब वे दोनों मुश्किल में पड़ने वाले हैं।

अभि ऑफिस में उस अकाउंटेंट से बात करता है। वो बताता है कि प्रज्ञा बिल्कुल निर्दोष थी। वो सिचुएशन बनाई गई थी ताकि प्रज्ञा को फंसाया जा सके। वो उसे सच बताने ही वाला था कि आलिया आकर उसे थप्पड़ मार कर उसे चुप करा देती है। वो कहती है कि वो प्रज्ञा जैसी लड़की को कैसे फंसा सकता है। उसकी वजह से उसकी फैमिली और ऑफिस की बदनामी हुई। वो इस बार भी सच्चाई को बाहर आने से रोकने में सफल हो जाती है।

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