KBC 2018 , Jio KBC Kaun Banega Crorepati Play Along Jackpot Question Today: बुधवार को समय खत्म हो जाने की वजह से कोई नया प्रतिभागी हॉट सीट पर नहीं पहुंच सका। हालांकि केबीसी के प्रोमो से पता चलता है कि गुरुवार यानी 25 अक्टूबर को केबीसी की सीट पर नजर आएंगी लव्ली। केबीसी के प्रोमो को देखने से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि लव्ली के साथ केबीसी का यह एपिसोड काफी हंसी-ठहाकों वाला होगा। उनसे पहले इस एपिसोड में कर्नाटक के मंजूनाथ सेठ ने 13वें प्रश्न पर खेल को क्वीट कर दिया। खेल के इस पड़ाव पर उनसे पूछा गया था कि पौराणिक कथाओं के अनुसार विष्णु के कौन से अवतार ब्रह्रा की नासिका से उत्पन्न हुए थे। उनके पास कोई लाइफलाइन मौजूद नहीं था। इसकी वजह से उन्होंने क्वीट कर दिया। हालांकि जब मंजूनाथ ने इस सवाल के उत्तर में अपना अंदाजा लगाया तो वो जवाब गलत निकला। इसका सही जवाब था ‘वराह’।
खेल खत्म होने के बाद मंजूनाथ ने अपनी पेंटिंग भी दिखाई। इससे पहले फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में सबसे पहले जवाब देकर मंजूनाथ सेठ हॉट सीट पहुंचे। मंजूनाथ यूएनएसएफ में बतौर ट्रेनर काम करते हैं। 20,000 रुपए के सवाल पर मंजूनाथ ने अपने पहले लाइफलाइन का इस्तेमाल किया था। उन्होंने ऑडियंस की मदद से इस सवाल का सही जवाब दिया। इसके बाद 6 लाख 40 हजार के सवाल पर मंजूनाथ ने अपनी तीनों लाइफ लाइन का इस्तेमाल कर लिया।
इससे पहले मंजूनाथ ने बताया कि वह भी अपनी रियल लाइफ में केबीसी की तरह एक गेम लोगों के साथ खेलते हैं। बिग बी के शो का नाम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ है वहीं मंजूनाथ बताते हैं कि उनके द्वारा खिलाए जाने वाले गेम का नाम है ‘कौन बचाएगा 10 लाख जानें’। मंजूनाथ सेठ बताते हैं, ‘एक एनजीओ है जो कि यूएनएसएफ के साथ जुड़कर हेल्थ सेक्टर में काम करता है। मैं इसी एनजीओ के साथ जुड़ा हुआ हूं। बच्चों का जो टीकाकरण होता है, उसको बढ़ावा देने के लिए हम एक गेम का आयोजन करते हैं। उस गेम का नाम है ‘कौन बचाएगा 10 लाख जानें’।’
जब बिग बी को इस बारे में पता चलता है तो वह उत्साहित होकर कंटेस्टेंट से सवाल करते हैं कि इस गेम में क्या होता है? कंटेस्टेंट मंजूनाथ बताते हैं, ‘ये यूएनएसएफ का एक ट्रेनिंग प्रोग्राम है। ऐसे में मैं भी कोशिश करता हूं कि एक दिन के लिए मैं भी अमिताभ बच्चन बन जाऊं।’ मंजूनाथ कहते हैं, ‘हमारे इस गेम में कोई धनराशि नहीं है, जब भी कोई सही जवाब देता है तो इसका ईनाम होता है- बच्चों की जान बचाने का जो क्रेडिट है वह उनको दिया जाता है।’